नौकरानी को उसके यार से चुदवाने में मदद -1
यह कहानी मेरे जीवन की सत्य घटनाओं पर आधारित है. इसमें एक ऐसी स्त्री जो मेरे लिए नौकरानी नहीं रानी थी उसकी चाह और अकांगशाओं को पूर्ण करने में मेरी सहायता का वर्णन दो भागों में है!
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
यह कहानी मेरे जीवन की सत्य घटनाओं पर आधारित है. इसमें एक ऐसी स्त्री जो मेरे लिए नौकरानी नहीं रानी थी उसकी चाह और अकांगशाओं को पूर्ण करने में मेरी सहायता का वर्णन दो भागों में है!
रात को फैजान को मैंने बीच में लिटाया और अगल बगल हम दोनों लेटी. मैंने फैजान को खूब गर्म करके बीच में छोड़ दिया तो तंग हो कर वो जाहिरा के बदन को सहलाने लगा.
आगे का हाल रेखा के अपने शब्दों में: बतरा साहब कमरे में घुसते ही मेरे से लिपट गए, मुझे आगोश में लेकर बोले- मैं तुम्हें बहुत मिस करता था। कभी-कभी तो तुम्हारी याद में रात-रात भर जगता था। मैंने उनसे कहा- मुझे भी आपकी बहुत याद आती थी। इस तरह बातें करते-करते हम एक दूसरे […]
शादी से पहले ही मैं जवानी के मजे लेने लगी थी.. मेरी जवानी पूरी गदराई हुई थी, मेरी सख्त और गोल उठी हुई चूचियाँ सबको आकर्षित कर लेती हैं, मेरे चूतड लाजवाब हैं
नैनीताल के सफ़र में मेरे दोनों तरफ दो लड़कियाँ बैठी. थोड़ी देर में एक ने अपनी चुन्नी मेरे ऊपर डाली और मेरा लंड ढूंढने लगी. मैं भी उसकी जांघ सहलाने लगा.
फैजान की हिम्मत बढ़ने लगी और उसने जाहिरा के कन्धों को किस करते हुए थोड़ा और आगे को आते हुए उसके सीने के ऊपरी हिस्से को और फिर अपनी बहन के गाल को भी चूम लिया। एक बार तो उसने हिम्मत करते हुए जाहिरा के पतले-पतले गुलाबी होंठों को भी किस कर लिया।
मेरी मकान मालकिन अपनी सहेली को लेकर जब मेरे कमरे में आई.. मैं उसे देखता ही रह गया, वह किसी अच्छे घर की लगती थी और बहुत खूबसूरत थी। मेरी तो लॉटरी ही लग गई जो मुझे उस जैसी हसीन-तरीन हूर को चोदने का मौका मिल रहा था
होटल में सबके सोने के बाद मैं निम्मी और मैरी के कमरे में चला गया। निम्मी सो रही थी, मैरी ने मुझे पकड़ लिया और चूमाचाटी के बाद मैं उसे चोदने लगा।
मैंने अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर पहुँचा ही दिए और अपनी ननद की दोनों नंगी चूचियों को अपनी मुठ्ठी में ले लिया और बोली- उउफफफफ.. क्या मजे की हैं तेरी चूचियाँ.. जाहिरा.. मेरा दिल करता है कि इनको कच्चा ही खा जाऊँ।
कम्मो बोली- चारों को एक एक बार चोद डालो रात में… फिर उन चारों को आपस में भिड़ा दो यानि लड़की लड़की संग संग करवा दो, इस तरह उनकी कामवासना ठंडी हो जायेगी।
फैजान की नज़र भी सीधी-सीधी अपनी बहन की खुली ओपन क्लीवेज और चूचियों पर ही जा रही थी। मैंने महसूस किया कि फैजान नाश्ता कम कर रहा था और अपनी बहन की चूचियों को ज्यादा देख रहा था।
रात को खाने के बाद चारों लड़कियाँ मेरे कमरे में इकट्ठी हुईं। वो अपने नाईट गाउन में थी और सभी बड़ी मादक लग रही थी। तय हुआ कि परची निकाल कर एक को मैं चोदूँगा, बाक़ी आपस में लेस्बीयन सेक्स करेंगी.
मेरा लंड अभी भी वैसे ही खड़ा था क्योंकि ना वो कल छूटा था न वो आज अभी तक छूटा था। मैं नहीं चाहता था कि किसी लड़की के अंदर छूटा कर उसका जीवन मुसीबत में डालूँ इसलिए मैं अपने को रोक रखने की शक्ति का इस्तेमाल कर रहा था।
मैंने रेखा को एक रूसी (रशियन) के यहाँ काम पर लगाया, मैं रेखा के बताये अनुसार उसके और रूसी मिखाईल के बीच अंतरंग सम्बन्ध कैसे बने और दोनों के बीच क्या क्या हुआ, विस्तार से बताऊँगा।
मैंने शरारत से जाहिरा के निप्पल को चुटकी में पकड़ कर मींजा और बोली- जानेमन तेरी चूचियाँ बड़ी प्यारी लग रही हैं.. जाहिरा ने भी फ़ौरन से ही मेरी चूची को मुठ्ठी में लेकर जोर से दबाया और बोली- भाभी.. आपकी भी तो पूरी नंगी ही नज़र आ रही हैं।