ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-3
प्रेषक : जूजा जी मुझे अभी भी याद था कि दो छेद मेरे लंड का बड़ी बेकरारी से इंतजार कर रहे हैं। मैंने सीमा की तरफ देखा तो मैडम अपनी चूत में ऊँगली अन्दर-बाहर कर रही थीं। मैंने कहा- आओ रानी लेटो इधर.. तुम्हारा चुदाई का ख्वाव भी पूरा कर देता हूँ। वो बोली, “पहले […]