चालू शालू की मस्ती-2
भरी सर्दी में शाम के समय जयपुर हाईवे पर मेरी कार खराब हो गयी और एक मकैनिक के साथ उसके गेराज में चली गयी. कार ठीक करते करते वहाँ और क्या हुआ?
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
भरी सर्दी में शाम के समय जयपुर हाईवे पर मेरी कार खराब हो गयी और एक मकैनिक के साथ उसके गेराज में चली गयी. कार ठीक करते करते वहाँ और क्या हुआ?
पड़ोसन की बेटी को मैं पेपर दिलाने लखनऊ ले गया. वहां होटल में चुदाई के खूब मजे लेने के बाद दूसरे दिन हम वापस आ गए. लेकिन अब मैं उसकी दोबारा चुदाई के जुगाड़ में था.
मेरे पास लण्ड अब भी था पर मैं मन से और लिबास से औरत थी और अपने दोनों पतियों के साथ प्यार से रहती थी। तभी होली आयी तो हमने वो त्यौहार कैसे मनाया?
एक दिन मेरे पति और मैंने तय किया अब हमें बच्चे की प्लानिंग करनी चाहिए। मेरे पति सुबह ऑफिस जाते टाइम बोले- आज शाम को बिना कॉन्डम के चुदाई होगी। लेकिन शाम को क्या हुआ?
मैं अपनी खराब कार के साथ एक मकैनिक के गेराज में थी. सर्दी के मौसम में उस मकैनिक को देख कर मेरी चूत में कुछ कुछ होने लगा. मैंने उसे चारा डालना शुरू कर दिया.
पड़ोसन की जवान बेटी को मैं चोद चोद कर पूरे मजे ले चुका था. अब बारी उसकी मम्मी की थी. मैंने उस पर अपना जाल फेंका तो वो भी आसानी से फंस गयी या नहीं? पढ़ें कहानी के इस भाग में!
ऑफिस में एक लड़की को मैं पसंद करता था. पर वह जॉब छोड़ दूसरे शहर में चली गई. मैं उसको चोदने के ख्वाब देख रहा था. मेरा यह सपना कैसे पूरा हुआ, मेरी कहानी में पढ़ें.
मेरा भाई मुझे कई तरीकों से गर्म कर रहा था. पहले हॉल में, फिर सड़क पर, फिर यहां अपनी ही बिल्डिंग में मुझे नंगी घुमा रहा था. मैं अब इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझे जिस मर्द का भी लंड मिले, मैं उससे चूत खोल कर चुद जाऊं.
मैं मामा की बेटी की शादी में गयी तो वहां मौसी की बेटी और बेटा मिले. वे दोनों मेरे हमउम्र थे. मैंने उन दोनों को किस हालत में देखा? और मैंने तब क्या किया?
नम्रता आयी, उसने अपनी गीली चूत को सीधा मेरे मुँह पर रख दिया. उसकी चूत से पेशाब की गंध आ रही थी. दूसरी तरफ नम्रता ने मेरे सोये हुए लंड को मुँह में भर लिया.
अपने भाई की ये अदा मुझे बड़ी पसंद थी. वो धीरे धीरे प्यार करते करते अचानक से जंगली हो जाता था, जब मैं इसकी कामना भी नहीं कर रही होती थी. यह बात मुझे और उत्तेजित करती थी.
मैंने अपनी तरकीब लगा कर अपनी मौसेरी बहन को उसी के सगे भाई से चुदवा दिया था लेकिन उन दोनों की चुदाई देख मेरा मन भी भाई से चुदने को करने लगा. तो मैंने क्या किया?
मेरी अपार्टमेंट बिल्डिंग में एक भाभी मुझे तिरछी नजर से देखती थी. एक दिन मैं मुस्कुरा दिया तो वो भी मुस्कुरा दी. बात आगे कैसे बढ़ी? पढ़ें इस भाभी सेक्स कहानी में!
अपनी कक्षा की एक खूबसूरत लड़की को पसंद करने लगा लेकिन वो भाव नहीं देती थी. मैंने अपना दिमाग लगाकर उसको पटाया. दोस्ती में हमने कितने मजे लिये, मेरी इस कहानी में पढ़ें.
बेरोजगारी का मारा मैं मजदूरों के साथ खड़ा था कि एक औरत मुझे अपनी गाड़ी में बैठा कर अपने घर ले गयी. वहां उसने मुझसे क्या काम करवाया? उसने मुझे अपनी वासना का शिकार बनाया.