मेरा गुप्त जीवन-68
कम्मो बोली- वो ऐसे कि यह डिश ख़ास तौर से आदमियों के लिए बनाई जाती है और यह बड़े बड़े नवाबों की ख़ास-उल-ख़ास डिश होती थी और इस हलवे को खाकर वो एक रात में दर्जनों औरतों को चोद देते थे।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
कम्मो बोली- वो ऐसे कि यह डिश ख़ास तौर से आदमियों के लिए बनाई जाती है और यह बड़े बड़े नवाबों की ख़ास-उल-ख़ास डिश होती थी और इस हलवे को खाकर वो एक रात में दर्जनों औरतों को चोद देते थे।
पुनीत ने अपनी आँखें बन्द कर लीं और बस मज़ा लेने लगा। मुनिया अब लौड़े को बड़े प्यार से चूस रही थी.. पहली बार तो उसको कुछ अजीब लगा था.. मगर इस बार वो बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी।
भांजी की सील तोड़ने के बाद मैं अक्सर उसे चोदने लगा था. एक बार मैं उसके घर गया तो उसका चाचा आया हुआ था. मुझे लगा कि चुदाई नहीं होगी पर फिर भी मुझे चूत मिल गई
मुझे जेरोम ने बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली। फिर धीरे से अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में लगा दिया.. मेरी तरफ देखा कर वो धीरे-धीरे अपना घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा।
मैंने कभी अपनी बीवी की चूत नहीं चाटी है. अब अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ कर मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी बीवी की चूत चाट कर उसे मुखमैथुन यानी ओरल सेक्स Oral Sex का मज़ा देना चाहिए!
रीना ने कुतिया बन कर चुदाई के लिए कहा तो रेखा ने अपनी चूत उसके आगे कर दी चाटने के लिए और मैं पीछे से उसकी चूत चोदने लगा. रीना गालियाँ दे दे कर चुदाने लगी.
भाभी मेरे वीर्य से गर्भ धारण करना चाहती थी, कम्मो भी इस काम में हमारी मदद कर रही थी। पहले मैंने कम्मो को चोदा, फ़िर रात को भाभी को अपना वीर्यदान करने को चोदा।
साली और भतीजी को चोद कर उनकी जांघें जुड़वा कर उसमें बीयर भर के पी और पिलाई, फिर बाथरूम में उन दोनों का स्वर्ण रस पीया तो भतीजी रीना वहीं पर चूत चुदवाने लगी !
12वीं के बाद खाली समय में मैं एक जॉब करने लगा तो मेरी एक सीनियर पर मेरा दिल आ गया, उसे मैंने कैसे पटाया और फिर उसके साथ सेक्स किया उसकी चूत चाट कर चुदाई की... इस कहानी में पढ़िए !
दोनों भाई मुनिया की कुुंवारी मासूम चूत को चोदने को लालयित थे, सुबह ही रॉनी ने मुनिया को अपने कमरे में नंगी करके अपना विशाल लंड दिखाया और 69 में करने को कहा
उस वक्त भाभी अपनी साड़ी बदल रही थी। मैं उसे देखते ही रह गया.. उसे पता चल गया था कि मैं आ गया हूँ.. लेकिन तब भी उसने मुझे अनदेखा किया। मैंने उसे पीछे से देखा तो वो बहुत सेक्सी दिखाई दे रही थी और वो बहुत सुन्दर भी थी।
दिन में नहाने के बाद मैंने अपना छोटा नेकर और सैक्सी टॉप पहना, अंजलि मुझे देखकर हैरान थी। मैंने कहा- ललित को भी ऐसी ही लड़कियाँ चाहियें इसलिये तुझे भी ऐसे ही कपड़े पहनने होंगे।
मेरी सुहागरात की बात, लेकिन कहानी में कुछ मिर्च मसाला और कल्पना भी है कि रोचकता बनी रहे और आपको पढ़ने का भी मजा मिले! इस दूसरे भाग में मेरी बीवी का शील भंग!
कहानी के इस भाग में कि कैसे भाभी से रिश्ता आगे बढ़ा, कैसे भाभी ने अपनी कुंवारी गांड मुझे चोदने दी, पहले मैंने उंगली घुसा कर गांड के छेद को खुला किया और फ़िर…
हम दोनों टॉयलेट में आ गये, वो बैठने लगी, मैंने उसे उठाते हुए कहा- अगर तुम बैठ कर मूतोगी तो मैं कैसे देखूँगा। 'लो देखो…' कहकर वो खड़े खड़े ही मूतने लगी और उसके बाद मैं मूतने लगा।