मुझसे दोस्ती करोगे-1
शमीम बानो कुरेशी मैं सुहाना से मिलकर बाहर निकली ही थी कि एक सुन्दर से जवान लड़के से टकरा गई। मैं एकदम से घबरा गई- हाय अल्लाह…! “माफ़ करना मोहतरमा…” उसने तुरन्त माफ़ी मांगी। “जी, कोई बात नहीं…” मैंने अपना दुपट्टा का कोना अपने मुँह के कोने में दबा लिया और मुस्करा कर उसे तिरछी […]