लाजो का उद्धार-2
रेशमा ठठाकर हँस पड़ी- पतिव्रता!’ और चुटकी ली- और तुम पत्नीव्रता वाह वाह…’ फिर गंभीर होकर बोली- मैंने देखा है, वह तुम्हें किस नजर से देखती है।’ ‘उसने तुमसे ऐसा कुछ कहा?’ ‘सब कुछ कहा नहीं जाता।’ ‘तुम्हें भ्रम हो रहा होगा। उसका पति कैसा भी हो, वह ऐसा हरगिज नहीं चाह सकती।’ ‘मैंने कब […]