टेंशन दूर हो गया-2
लेखिका : कामिनी सक्सेना “अच्छा, अब तुम जाओ …” मेरा मन तो नहीं कर रहा था कि वो जाये, पर शराफ़त का जामा पहनना एक तकाजा भी था कि वो मुझे कहीं चालू, छिनाल या रण्डी ना समझ ले। मैं मुड़ कर अपने बेडरूम में आ गई। मुझे घोर निराशा हुई कि वो मेरे पीछे […]