मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -11
भैया बोले- हाँ भाभी, वो आपके मुंह में जाने को बेताब है। मैं आपकी चूत चाटता हूँ, आप मेरे लंड को चूस डालिए, चलिए 69 में दोनों अपने अपने गुप्तांगों को परम सुख दें, हथियारों को थोड़ी धार देते हैं।
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भैया बोले- हाँ भाभी, वो आपके मुंह में जाने को बेताब है। मैं आपकी चूत चाटता हूँ, आप मेरे लंड को चूस डालिए, चलिए 69 में दोनों अपने अपने गुप्तांगों को परम सुख दें, हथियारों को थोड़ी धार देते हैं।
मैं ऑफ़िस से घर आया तो वे दोनों नंगे थे। मैंने नीलेश को याद दिलाया कि आज उसकी बीवी आने वाली है, स्टेशन जाना है। हम तीनों रास्ते भर नीलेश की बीवी को अपने चुदाई गैंग में शामिल करने की योजना बनाते गए।
जब मैं झुकी तो उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसा दिया और मैं उसका लण्ड चूसने लगी, उसके एक हाथ में पानी का जग था और एक हाथ से वो मेरी गांड धोने की कोशिश कर रहा था, वो गांड में उंगली डाल रहा था। मैं तो मानो सातवें आसमान पर थी।
मैं बाहर आई तो देखा- तीनों नंगे मेरे बिस्तर पर चूमा-चाटी में भिड़े थे। दोनों लड़के मुझे देखकर मेरी ओर लपके.. दो गैर मर्दों को एक साथ नंगा मैं पहली बार देख रही थी.
स्कूल में मेरे दोस्त नंगी फोटो देख कर उनकी बातें करते हैं। मुझे भी फोटो देखकर कुछ-कुछ होता.. हालांकि तब मुझे पता नहीं था कि मेरा लण्ड खड़ा क्यों होता है।
पापा दुबई में थे, मैं, अम्मी पापा के दोस्त के मकान में रहते थे, अंकल अक्सर हमारे घर आते थे और अम्मी उनके आने से बहुत खुश होती थी. एक दिन मैं स्कूल से आई तो..
मैंने देखा 12वीं क्लास के दो लड़के और उनकी क्लास की लड़की अन्दर आकर घास पर बैठ गए। वो लड़की दोनों लड़कों के बीच में बैठी थी और दोनों लड़के उसके दूध दबा रहे थे।
अंकल ने मुझे मुँह के बल बिस्तर पर लिटा लिया और मेरे ऊपर लेट मेरी जालीदार कुर्ती की ज़िप खोल कर मेरी पीठ पर चुम्बन करने लगे। मैं चुपचाप सिसकारियाँ भर रही थी।
मैंने मैडम के घर पहुँच कर का गेट खटखटाया.. थोड़ी देर बाद मैडम ने दरवाजा खोल दिया। इस वक्त मैडम एक नाइटी में थीं। मैडम के आम लटक रहे थे..
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
किताब न्यूज पेपर से कवर की हुई थी पर पंखे की स्पीड ज्यादा होने से कुछ पन्ने पलट गए। जब मेरी नजर उस किताब पर पड़ी.. तो उसमें लड़कियों की नंगी फोटो बनी थीं।
अम्मी ने एक बार नीचे उनके लण्ड को देखा और अपनी चड्डी से ढकी चूत उनके लण्ड से टकरा दी। अब वो अपनी चूत वाला भाग लण्ड पर दबा रही थीं।
'हाँ है तो.. और ये तुम्हें लण्ड जैसे शब्द क्यों बोल रहे हो.. तुम्हें शर्म नहीं आती.. मैडम के सामने ऐसे शब्द बोल रहे हो?' अवि- सॉरी मैडम.. गलती हो गई..
अम्मी के साथ-साथ मेरी चूत को भी लण्ड की ज़रूरत सताने लगी थी, मैंने बेअदबी के साथ अम्मी से कह दिया- मुझे भी वही चाहिए.. जो तुम रात को अपनी चूत में डलवाती हो।
अरे सिर्फ होंठों के ऊपर होंठ रखने से किस नहीं किया जाता.. तुम मेरे होंठों को अपने होंठों में रख कर चूसो। कभी ऊपर के होंठों को.. तो कभी नीचे के होंठों को..