मेरी चालू बीवी-92
मैं- कितना शर्माती हो यार तुम... अभी जब मैं तुम्हारी बुर चाट रहा था... तब तो खुल गई थी... पर अब फिर ऐसे ही... सच बताओ अगर उस समय मैं तुम्हारी बुर में अपना लिंग डाल देता तो क्या तुम मना करती?
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं- कितना शर्माती हो यार तुम... अभी जब मैं तुम्हारी बुर चाट रहा था... तब तो खुल गई थी... पर अब फिर ऐसे ही... सच बताओ अगर उस समय मैं तुम्हारी बुर में अपना लिंग डाल देता तो क्या तुम मना करती?
सलोनी के बाद मुझे अगर किसी की चूत पसंद आई थी तो वो मधु की ही थी, बिल्कुल मक्खन की टिक्की की तरह... उसकी चूत की याद आते ही मैंने मधु को बिस्तर के किनारे पर ही पीछे को लिटा दिया।
मुझे लग रहा था कि मुझे अपना लण्ड उसकी बुर में प्रवेश कराने के लिए बहुत ही मेहनत करनी होगी क्योंकि उसकी बुर की दोनों पुत्तियाँ आपस में बुरी तरह से चिपकी थी
अंकल ने दीदी को कपड़े पहनाने के लिए उनके सभी कपड़े उतार दिए... वैसे भी उन्होंने केवल एक नाईटी ही पहनी थी, वो अंकल के सामने ऐसे ही नंगी घूम रही थी, अंकल उनको बार बार छू रहे थे।
आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले अंकल... पहले मुझे आप ऋतु के बारे में बता रहे थे और अब मालूम पड़ रहा है कि रिया भी ... अपनी दोनों लड़कियों को ही आपने चखने के बाद ही विदा किया, अगर आपके दामाद को पता चल गया तो?
अंकल खुश हो गए, उन्होंने सलोनी के चूतड़ों से अपने सीधे हाथ को हटाकर आगे लाये और अपनी उँगलियों से उसकी चूत को सहलाते हुए अपना चेहरा सलोनी की जांघों के बीच रखकर उसकी चूत का एक चुम्मा ले लिया।
लहंगा कमर से भी ऊपर उठ जाने से उसकी कमर में फंसी छोटी सी कच्छी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। उसने एक हाथ से लहंगे को पकड़, दूसरे से अपनी कच्छी नीचे सरका दी और जल्दी से कमोड पर बैठ गई।
रिया की चूत अभी बिल्कुल सूखी थी, पर फिर भी मुझे पता था कि वो आसानी से मेरे लण्ड को ले लेगी, आखिर वो लंदन से आई थी और मेहता अंकल जैसे बड़े लण्ड लेने की आदी थी।
सामने वाला बुड्ढा बिल्कुल सही था... लड़की ने काली नेट वाली कच्छी ही पहनी हुई थी... कच्छी भी इतनी उसके चूतड़ों से चिपकी हुई थी कि उसके चूतड़ और चूत के सभी उभार साफ़ पता चल रहे थे।
उसने तेज आह भरी- आःह्हाआआ हाय यार... काश मैं वहाँ होता... क्या चिकनी जांघें हैं। सलोनी बराबर में बैठी नलिनी भाभी से झुककर कुछ बात कर रही थी तो उनके चूतड़ एक ओर से बाहर को निकले हुए थे।
यह बात उस समय की है, जब मैं बहुत छोटा था, मेरे घर में मैं अपने माता-पिता के साथ रहता था। मेरी माँ का नाम मधु और पापा का नाम रमेश था। उस वक्त मधु की उम्र 34 साल थी, मेरे मोहल्ले के एक भैया जिसका नाम नारायण था वो अकसर हमारे घर आता था। […]
मेहता अंकल ने तीनों से ही उसको मिलवाया, सलोनी उनकी बगल में ही खड़ी थी, मैंने देखा कि मेहता अंकल ने अपना हाथ उसकी कमर पर रखा जो फिसल कर उसके चूतड़ों तक पहुँच गया।
दोनों ने एक को कलाबाजी भी खाई... कभी सलोनी ऊपर तो कभी नलिनी भाभी... इससे सलोनी का लहंगा काफी ऊपर चढ़ गया... दूर से भी उसकी टाँगे ऊपर तक नंगी नजर आने लगी, वहाँ बैठी एक औरत ने तो उठकर सलोनी के चूतड़ों पर एक चपत भी लगाई।
सलोनी ने मनोज के सामने ही अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर पेटीकोट को नीचे करके बाँधा, इस दौरान उसने पेटीकोट को ऐसे घुमाकर ठीक किया कि उसके पेटीकोट का कट आगे से सलोनी की चूत के दर्शन तक करा गया।
हाय बेबी, वाह… मेरा दूसरा ऑडियो कन्फेशन डाउनलोड करने के लिए शुक्रिया! आपको याद होगा कि मेरे पहले कन्फेशन का अंत जॉय के बेडरूम में जाने से हुआ था। महक भी उसके अंदर चली गई और उसने दरवाजा बंद कर लिया था। उस वक़्त मैं सोच रही थी कि उन दोनों के बीच क्या चल […]