सुहागरात मन गई मौसा संग

मैं लाली हूं। 35 साल की होने पर भी अकेली हूं और शादि के बारे में नहीं सोचा। मैं अपनी बूढी मां के साथ रहती हूं। मेरा एक भाई और दो बहनें शादीशुदा हैं और वो अलग रहते हैं। मेरे 38 आकार के सुडोल स्तन हैं और मेरी कुंवारी चूत जिसमें एक लाल छेद है, […]

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मंजू की चूत चुदाई

मेरा पाँव अचानक मंजू के हाथ पर लगा। मैंने अपना पांव हटा लिया तो वो मेरी तरफ़ देखने लगी जैसे कह रही हो कि क्योँ हटा लिया। मैं मुस्करा दिया और दूसरी तरफ़ देखने लगा कि कहीं किसी का ध्यान मेरी तरफ़ तो नहीं, पर किसी ने नहीं देखा।

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जंगल में गांड मंगल

खाना खाने के बाद जीजाजी ने थोड़ी देर आराम किया। मुझे भी अपने पास लिटा कर मेरे लण्ड को सहलाया तथा उसे मसला भी। मेरे गाण्ड के छेद में उंगली डाली, मुझे मजा तो आ रहा था पर न जाने क्यूँ यह सब मुझे बहुत अच्छा नहीं लगा।

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मन का मीत मिला रे

तो मैंने उसको सेक्स के बारे में फिर से बताना शुरू किया... आज न तो उसमे कल जितनी शर्म थी और ना ही मदहोशी... वो बड़ी तन्मयता से सुन रही थी, समझ रही थी... फिर उसने मेरे हाथ अपने बोबों पर लगा दिए और खुद मेरे होंटो को चूसने लगी

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मन का मीत

विनोद ने माधुरी को अपनी ओर खींचा और माधुरी जान करके उसकी गोदी में बैठ गई। विनोद माधुरी की नरम गाण्ड में अपना कड़क लण्ड दबाता हुआ उसे प्यार करने लगा। उसके कड़क लण्ड का अह्सास पा कर उसने अपनी गाण्ड को उसके लण्ड पर ठीक से सेट कर लिया।

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कार में मंगल

मैं तुम्हारे साथ इसके लिए ही आई थी। मैंने जबसे तुम को देखा है तबसे तुम्हें अपने ऊपर लेने को तरस रही हूँ। इसीलिए मैं तुम्हें यहाँ लाई थी।

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अन्तर्मन की आग

मैंने धीरे से साड़ी के भीतर हाथ डाला। पूरे पैर को सहलाते हुए जांघों तक पहुँचा। इस बीच उनके हाथ मेरे लुंगी के भीतर मेरे लोहे जैसे गर्म और सख्त टूल को टटोलने लगे थे।

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मन अभी भरा नहीं !

जैसा कि आप जानते हैं कि सेक्स की भूख कभी कम नहीं होती। यही हाल मेरा था। मोना की दीदी की चुदाई और भाभी को चोदने के बाद में नए साथी की तलाश कर रहा था। कहते हैं ना कि जहाँ चाह होती है रास्ते अपने आप निकल आते हैं। मेरे साथ भी कुछ ऐसा […]

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चचेरे भाई पे मेरा बेईमान दिल

लेखिका : मोनिषा बसु दोस्तो, आज मैं अपने जीवन की एक और मीठी याद आप के साथ बाँट रही हूँ। मैं अपने कॉलेज के जमाने से ही बहुत स्पष्ट और बेबाक लड़की थी, अपनी पढ़ाई पूरी करते-करते तीन लड़कों से सम्बन्ध बना चुकी थी। लड़के-लड़कियों की चुदाई की व्यस्क कहानियाँ पढ़ना, ब्ल्यू फ़िल्में देखना मेरे […]

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राजा का फ़रमान-2

यह कहते ही राजा ने मेरी चूचियों पर से कपड़ा नीचे सरका दिया। मैंने बिन कंधे का टॉप पहना था और ब्रा तो रास्ते में ही खुल चुकी थी, सो चूचियाँ उसके सामने झूलने लगी और राजा की आँखों में लालच आने लगा...

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थोड़ा सा रूमानी

नमस्कार दोस्तों, सबसे पहले तो मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ कि आप सभी को मेरी पिछली कहानी मैं और मेरी प्यारी शिष्या काफी पसंद आई। साथ ही आपसे क्षमा चाहता हूँ कि मेरी अगली कहानी में इतना विलम्ब हुआ। दरअसल बीच में ज़िन्दगी कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो गई थी, पहले तो यू एस […]

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सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-2

कहानी का पहला भाग : सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-1 मैं बैचेन था। शाम को मैं खेतों पर चला गया। मेरे खेतों पर एक पेड़ था, मैं वहाँ जाकर बैठ गया। मैं जब भी खेतो पर जाता था तो वो मुझ से कहती थी कि उसने मुझे देखा। यही सोचकर मैं वहाँ बैठा था कि […]

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हमने सुहागरात कैसे मनाई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार ! मैंने अपनी कहानी पुसी की किस्सी में जैसा आपसे वादा किया था कि ‘हमने सुहागरात कैसे मनाई’ यह बताऊँगा, तो लीजिए इस बार अपनी सुहागरात की बात आपके समक्ष रख रहा हूँ। मेरी शादी ठीक से हुई, मेरे जिम्मे सिर्फ़ दो काम थे, पहला घर और ससुराल में […]

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घने जंगल में मंगल

यहाँ समलैंगिता बहुत थी। दूसरे यहाँ के जंगलों में एक कीड़ा पाया जाता था, जिसके काट लेने पर वैसे तो कोई नुकसान नहीं होता था, लेकिन इंसान के शरीर में हवस का सैलाब उमड़ आता था और उसकी हवस काबू के बाहर हो जाती थी, चाहे वो मर्द हो या औरत।

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नया मेहमान-1

तमाम पाठकों को रोनी सलूजा का प्यार भरा नमस्कार ! मेरी पहले की कहानियों की तरह पिछली कहानी ‘रिया की तड़प‘ को काफी सराहा है आप सभी ने ! इसके लिए तहे दिल से धन्यवाद। कहानी समस्याग्रस्त रिया की आपबीती एवं सच्ची कहानी है जिसे मैंने अन्तर्वासना तक प्रकाशित होने के लिए भेजा था। उसकी […]

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