मेहमानघर-2
लेखक : नितेश शुक्ला अनजाने में मुझ से ज़रा ज़ोर से स्तन दब गया तो सुलू के मुँह से आह निकल पड़ी। मैंने स्तन छोड़ दिया। पूर्वी सब देख रही थी… वो बोली- भैया, ज़रा धीरे से दबाओ ना, अभी कच्चे हैं। मैं- इतने बड़े और कच्चे? मौसी, तेरे स्तन कच्चे हैं क्या? जवाब में […]