जिस्म की मांग-4
प्रेषिका : लीला “बाबू, तू मेरा प्यार है, चाहे अब मैं तेरी बाहर वाली बन कर रह गई हूँ, तुझसे चुदवाते हुए मैं किसी और को सामने नहीं रखती। बस पेलता जा मुझे ! उससे चुदने के बाद मैं जब अलग हुई तो कमरे का तूफ़ान थम गया। उसने रस से लथपथ अपने लौड़े को […]