बच गई मेरी नौकरी
लेखिका : दिव्या डिकोस्टा मैं किरण, तीस वर्ष की एक नर्स हूँ, सरकारी अस्पताल में काम करती हूँ। स्टाफ़ की कमी के कारण मुझे काफ़ी काम देखना पड़ता था। इन दिनों मेरी नाईट-शिफ़्ट चल रही थी। अचानक ही कोई वार्ड के बाहर दिखा। कोई जवान लड़का था। उसने अपना सामान दरवाजे के बाहर ही रख […]