केले का भोज-5
मैं कुछ नहीं सुन पा रही थी, कुछ नहीं समझ पा रही थी। कानों में यंत्रवत आवाज आ रही थी- निशा… बी ब्रेव…! यह सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा…..!’ मेरी आँखों के आगे अंधेरा छाया हुआ है। मुझे पीछे ठेलकर तकिए पर लिटा रही है। मेरी नाइटी ऊपर खिंच रही है… मेरे पैर, घुटने, […]