जी भर के लुटाना चाहती हूँ जवानी-1
लेखिका : टीना सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों और गुरुजी को प्रणाम ! सबके लौड़े खड़े रहे, सबकी चूतें हरी रहें ! भरी रहें ! दोस्तो, यह जिस्म, यह जवानी, यह नाज़ुक-नाज़ुक अंग सदा नहीं रहेंगे। आज हो कल नहीं ! यह किसने जाना है ! अगर भगवान् ने औरत और मर्द बनाए हैं, हर औरत […]