लिव इन कैरोल-3
प्रेषक : मुकेश कुमार दिन की घटना को सोच कर फिर उत्तेजित हो ही रहा था कि मोबाइल बज गया। लाइन पर कैरोल थी, बहुत घबराई हुई रोते हुए बोली- मुकेश, क्या तुम यहाँ आ सकते हो अभी, प्लीज? “रो नही, में आ रहा हूँ” कह कर मैंने जल्दी जल्दी मुँह धोया और कपडे पहने […]