तीन पत्ती गुलाब-17
गौरी ने पहले तो मेरे सुपारे पर अपनी जीभ फिराई और फिर पूरे सुपारे हो मुंह में भर लिया। और फिर दोनों होंठों को बंद करते हुए उसे लॉलीपॉप की तरह बाहर निकाला।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
गौरी ने पहले तो मेरे सुपारे पर अपनी जीभ फिराई और फिर पूरे सुपारे हो मुंह में भर लिया। और फिर दोनों होंठों को बंद करते हुए उसे लॉलीपॉप की तरह बाहर निकाला।
पल्लवी अभी भी नंगी थी और अपने बैग के ऊपर झुकी हुयी थी। उसके गोल-गोल कूल्हे और कूल्हे के नीचे जांघों के बीच छिपी हुयी बादामी रंग की चूत मुझे बड़ी आकर्षित कर रही थी।
एक बार मैं, मेरे पति और जेठ जी का परिवार किसी पहाड़ी यात्रा पर गए थे। रात को एक हाल में जमीन पर बिस्तर लगा कर सब साथ साथ सोए थे। कहानी में पढ़ें कि उस रात क्या हो गया।
जब मैं एम.कॉम. में पढ़ता था, मेरी पड़ोसी लड़की के शरीर का विकास देख कर मुझे अब उसे चोदने का मन करने लगा था। उसके चूचे मुझे पागल कर देते थे, वो भी मुझे छुप-छुप कर देखा करती थी। उसे मेरा साथ अच्छा लगता था वो मेरे घर आती थी, पर मुझसे शर्माती और थोड़ी सी ही बात करके जल्दी से अपने घर चली जाती थी।
पापा के दोस्त की बेटी मेरी दोस्त बन गई। मैं घुमने के लिए माथेरान जा रहा था तो वो भी मेरे साथ गई। जब दो जवां शरीर अकेले में पास पास हों तो क्या होता है?
इस लेख में कुँवारी लड़की के साथ पहली बार सम्पूर्ण सम्भोग की विधि बताई है। इसे हिन्दी में कौमार्य-भंग, योनिछेदन, सील तोड़ना व अंग्रेज़ी में Deflowering कहते हैं।
दोस्तो, आज आपके लिए एक नई कहानी पेश है। यह एक ऐसी कथा है जो बताती है कि जब काम दिमाग में चढ़ जाता है तो फिर और कुछ नहीं सूझता। यह कहानी है इलाहाबाद के रहने वाली एक बहुत ही संभ्रांत घर की महिला जिसका नाम है सरोजिनी। अब इलाहबाद में सरोजिनी को ढूंढने […]
पिछले भाग में बताया कि मैंने अपनी दीदी को जीजाजी से चुदते देखा, इस कहानी में मैंने अपनी भाभी को भैया से चुदते देखा तो मेरी भाभी को चोदने की इच्छा होने लगी। और एक बार जब मेरे हाथ कुछ लगा भी… इस कहानी में पढ़िये…
मेरी चूत लंड के लिए मचल रही थी पर कोई लंड मिल नहीं रहा था. तो मैंने अपनी मम्मी के यार को ही चारा डालने की सोची. वो तो मुझे पहले ही चोदना चाहता था.
पापा के दोस्त की बेटी से दोस्ती हुई, नजदीकियाँ बढ़ी, प्यार हुआ, इकरार हुआ और फिर फोन सेक्स... एक दिन मौक़ा मिला अगले पड़ाव तक जाने का...
हॉट BDSM सेक्स विद लस्टी मॅाम का मजा दूसरी बार मॅाम ने छुट्टियों की मौज मस्ती के दौरान ही दिया. पहले सेक्स के बाद मैं माँ से दुबारा सेक्स के लिए मैं पागल था, हर समय उनके बारे में सोचता था।
मेरे खड़े लंड को झुक कर भाभी ने प्रणाम किया और कहा- हे लंडम, जी मुझको एक पुत्र प्रदान करो! मैंने भी एक हाथ ऊँचा कर के कहा- तथास्तु… पुत्रवती भव!!!
बाल्यावस्था में मैं अपने भतीजे को अपने वक्ष से दूध पिलाया करती थी, उससे खूब बातें करती थी। तभी के दिये एक वचन के पालन में मैंने खुद को उसके अर्पण कर दिया।
तभी छोटी ने अचानक मेरा गाल चूम लिया और खुश होकर दूसरी तरफ देखने लगी, मुझे उसका इशारा समझ आ गया था, और यहाँ साथ आने का कारण भी समझ आ गया, और मेरे लंड देव ने भी सलामी दे दी।
सारिका कंवल मैं अगले दिन उठी और अपने भाई और भाभी से कहा- आज दोपहर में मैं सुधा और विजय के साथ उनको गाँव दिखाने और गाँव के बारे में बताने के लिए जा रही हूँ तो देर हो जाएगी। मैंने तौलिया और बाकी का सामान साथ ले लिया। मैं घर से निकल ही रही […]