मेरी सहकर्मी वंशिका

मेरे ऑफिस की जन संपर्क अधिकारी का नाम वंशिका है। चूँकि हम दोनों हमउम्र हैं इसलिये एक दूसरे से कई प्रकार के मजाक भी कर लेती थीं। उसने बहुत बार मुझे अपने घर चलने को कहा और एक दिन मैं ऑफिस के बाद उसके घर चली गई। उसके माता-पिता ने मेरा बहुत सत्कार किया और […]

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मेघा की तड़प-1

मेघा यूँ तो किशोर अवस्था को अलविदा कर चुकी थी। उसमें जवानी की नई नई रंगत चढ़ रही थी। इसमे मेघा की सहेलियों का बड़ा हाथ था। उनकी चुलबुली बातों से मेघा का दिल भी बहक उठता था। वो भी कभी कभी शाम की ठण्डी हवाओं में कहीं सपनों में गुम हो जाया करती थी। […]

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प्यासी दुल्हन -3

सुबह 9 बजे मेरी नंगी चूत में भाभी ने अपनी उंगली घुसा दी, मैं हड़बड़ा कर उठी, भाभी ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए चुटकी ली और बोलीं- अब उठ जाओ, देवर जी ऑफिस जाने वाले हैं, दो बार पूछ गए कि भाभी उठीं या नहीं ! जाओ और थोड़ा अपनी जवानी का रस पिला आओ।

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कॉल सेंटर की एक रात

इस कहानी के पात्र व घटनाएँ काल्पनिक हैं। निखिल ने अभी अभी पढ़ाई ख़त्म करके कॉल सेंटर की नौकरी शुरु की थी। यहाँ आकर वह बहुत उत्साहित था- कॉलेज जैसा माहौल, बढ़िया फर्नीचर, माडर्न साज सज्जा और उसके जैसे स्मार्ट और हैंडसम लड़के। वैसे भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के दफ़्तरों में ऐसा माहौल होता ही है। […]

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रीटा की तड़पती जवानी-1

मोनिका दांतों से रीटा की चूत नौचने लगी तो रीटा मजे से पागल हो उठी और बेशरमी से अपनी टांगों को 180 डिगरी पर फ़ैला दिया. बेहया मोनिका ने रीटा को जन्नत में पहुँचा दिया.

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रीटा की तड़पती जवानी-2

रीटा भी झुक अपनी सुन्दर चूत को निहारा और एक ठंडी झुरझुरी लेकर रीटा ने अपनी पेशाब से लबालब चूत को दोबारा कच्छी में छुपा लिया और स्कर्ट नीचे गिरा दी.

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रीटा की तड़पती जवानी-3

अगर उंगली से चूत मारने में ईत्ता मजा आता है, तो सच्ची-मुच्ची का गर्म और मोटा लण्ड तो दिन में तारे दिखा देगा. यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी.

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रीटा की तड़पती जवानी-4

'सीऽऽऽ छोड़ो दो भईया! आऊचऽऽऽ मैं तो आपकी बहन जैसी हूँ, ऊईऽऽ क्या करते हो भईया मैं तो जाती हूँ, हायऽऽ मम्मीऽऽऽ ओह हायऽऽऽ उफऽऽऽ बहुत मजा आ रहा है,

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अरमान पूरे हुए… -1

पहली ही रात रेखा ने राशि को फिर से वही ब्लू फिल्म दिखाई और फिर कपड़े उतार कर राशि को बाहों में भर कर बिस्तर पर लेट गई। राशि को तो कुछ पता नहीं था पर उसकी मास्टरनी रेखा पूरी माहिर थी।

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एक अनार दो बीमार-1

लेखिका : कामिनी सक्सेना दो तीन वर्ष गाँव में अध्यापन कार्य करने के बाद मेरा स्थानान्तरण फिर से शहर में हो गया था। मैं कानपुर में आ गई थी। यह स्कूल पिछले गांव वाले स्कूल से बड़ा था। मैं इसी स्कूल में गणित विषय की अध्यापिका थी। वहाँ पर मेरे पापा के एक मित्र का […]

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रचना का खेल

कुट्टी सर के साथ मस्ती करके दिल्ली से वापिस आने के चार पाँच महीने बाद मैं एक घर में पेईंग गैस्ट रहने लगी थी तो वहाँ मेरी हमउम्र लड़की रचना मेरे साथ मेरे कमरे में मेरे साथ थी। रचना बनारस से था और वह भी एक दफ़्तर में काम करती थी, वो मेरी अच्छी सहेली […]

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मसाज़ सेन्टर में गाण्ड मरवाई

प्रेषक : पार्थ नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पार्थ है, मेरा कद 5’6″ है, देखने में मेरा रंग साफ़ है और मैं न ज्यादा पतला और न मोटा हूँ। मैं एक समलैंगिक लड़का हूँ। वैसे तो मेरा एक बॉयफ़्रेन्ड भी है, पर यह कहानी मेरे बॉयफ़्रेन्ड मिलने से पहली की है। करीब दो साल पुरानी बात […]

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मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-5

प्रेषक : अरविन्द आपने मेरी कहानी के चार भाग पढ़े जिसमें मेरी कामुक बहू सोनम ने मेरे साथ यानि अपने ससुर के साथ यौन आनन्द प्राप्त करने का सजीव वर्णन फ़ोन पर अपने पति नील को किया था। उस दिन के बाद तो मेरी बहू का मेरे प्रति व्यव्हार मित्रवत हो गया। मैंने अवसर पाकर […]

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अच्छा, चल चूस दे..

कुछ साल पहले की बात है, मैं दिल्ली में बस से महिपालपुर से कनाट प्लेस जा रहा था, समय लगभग शाम के सात बजे रहा होगा, सर्दी होने की वजह से अँधेरा जल्दी हो गया था। धौला कुआँ में मेरे बगल एक लड़का आकर बैठ गया- लगभग 25 साल का रहा होगा, हट्टा कट्टा शरीर, […]

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लड़कियों का बदलता अंदाज

मेरे पास एक मेल चडीगढ़ से आया, उसने कहा कि उसने आज तक सेक्स नहीं किया है और उसकी शादी होने वाली है और शादी से पहले वो मुझसे अनुभव लेना चाहती है।

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