मेरी बुआ की चुदाई के किस्से
मेरी बुआ 38 वर्ष, दिखने में गोरी थोड़ी भरी हुई मस्त आंटी लगती हैं, सरकारी स्कूल में टीचर हैं. एक बार बुआ ने मुझसे वॉशरूम में बुलाकर चुदवाया. हम दोनों आपस में खुल गए तो बुआ ने मुझे कुछ किस्से सुनाए.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मेरी बुआ 38 वर्ष, दिखने में गोरी थोड़ी भरी हुई मस्त आंटी लगती हैं, सरकारी स्कूल में टीचर हैं. एक बार बुआ ने मुझसे वॉशरूम में बुलाकर चुदवाया. हम दोनों आपस में खुल गए तो बुआ ने मुझे कुछ किस्से सुनाए.
मैं चुदाई का शौकीन हूँ, मेरी निगाहें चूतों को ही ढूंढती रहती हैं, और जिस पर दिल आ जाये, उसे मैं पटा ही लेता हूँ.. अपने ऑफिस में मैंने एक शादीशुदा लड़की इंटरव्यू के लिए आई, वो मेरे दिल को भा गई और उसे मैंने रख लिया.
प्रेषक : विजय पण्डित “यह तो गार्डन है… किसी ने देख लिया तो बड़ी बदनामी होगी…” “तो फिर…?” “मौका तलाशते हैं… किसी होटल में चलें…?” “अरे हाँ… मेरी सहेली का एक होटल है वहाँ वो लंच के बाद आ जाती है… उसके पति फिर लंच पर चले जाते हैं… वहाँ देखती हूँ…” रोहित और शिखा […]
अगली सुबह रूचि पहले से मेरा इंतज़ार कर रही थी, शायद उसके अन्दर जो कुछ भरा था वो सुनने वाला कोई तो चाहिए था और मुझसे अच्छा कौन था.. जिसको उससे मतलब भी था। हम दोनों ही मतलबी थे और साथी भी थे। मैं रूचि के बगल में बैठ गया.. आज रूचि भी चिपक कर […]
मेरी प्यारी चुदासी औरतें और तमाम चूतवालियों आपको सन्जु का प्यार। आशा करता हूं कि अभी तक की कहानी जो हकीकत है आप सबको पसन्द आयी होगी और तमाम चूतें रस से लबालब भर गयी होंगी। मैं हमेसा तैयार हूं किसी भी चूत को मारने के लिये। मेरा तो दिल करता है जैसे सभी खेलों […]
पड़ोस की भाभी से मेरी नजदीकियाँ बढ़ने लगी थीं। उनके पति एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करते थे.. तो वे भाभी को कम ही समय देते थे।मुझे भाभी पसंद तो थी हीं.. मैंने सोचा क्यों ना इन्हीं पर लाइन मार के देखा जाए.. क्या पता बात बन जाए और लण्ड की प्यास भी बुझ जाए।एक दिन मौका देख कर मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर ‘आई लव यू’ कह दिया और भाभी नाराज होने की जगह मुस्कुरा उठी।
मैं खुले में नहा रहा था. चाची मेरे साथ मजाक करने लगी तो मैंने उन पर पानी डाल दिया. उनके भीगे चूचे देख कर मेरी हवस जाग गई, मगर चाची की प्यास मुझसे कहीं ज्यादा थी!
मॉम डैड सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मैं मम्मी पापा के कमरे में सोता था. एक रात चूड़ियों की खनक से मेरी नींद खुली पापा मामी को छेड़ रहे थे, सेक्स के लिए कह रहे थे.
रोहन कुछ कह पाता इससे पहले ही मैंने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोल दिया, मुझे उम्मीद थी कि मुझे इस हालत में देखकर रोहन मुझ पर टूट पड़ेगा.
उफ़्फ़ ! जब उसने अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर फेरी तो मेरे तो बदन में जैसे बिजलियाँ दौड़ गई। मैंने अपनी दोनों जांघों में उसका सर दबा लिया और अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर फिराने लगी।
एक पैर सीट के ऊपर रख जब उसने जीन्स चूतड़ों से उतार दी और उसको पैरों से निकालने लगी, तभी मेरी नजर उसके नंगे साफ़ सफ्फाक चूतड़ों पर पड़ी... ओह यह क्या...?? उसने अभी भी कच्छी नहीं पहनी थी...
बस या ट्रेन में चुदाई की कहानी पढ़ कर मुझे भी ऐसा करने की तमन्ना थी, मुझसे लगता है कि यह बहुत मजेदार सोच है कि इतने लोग आसपास हों और आप किसी से चुदाई कर रहे हों।
ऐसा चस्का लगा लंड का कि मेरी चूत हर वक़्त मछली के मुँह की तरह खुली रहती। ये हाल हो गया कि दिन में दो बार सेक्स करने के बाद भी मैं हाथ से करती थी।
लंड मेरी चूत और गांड में बदल बदल कर चल रहा था जबकि हाथ मेरे चूचों को मस्त कर रहे थे। मेरी चुदाई खूब मस्त चल रही थी, मैं आँखें बन्द करके अपनी चुदाई के अहसास का मजा ले रही थी।
उस सेक्सी नाईट ड्रेस में जाहिरा तो क़यामत ही लग रही थी, उसका खूबसूरत चिकना चिकना सीना बिल्कुल खुला हुआ था, उसकी चूचियों का ऊपरी हिस्सा नंगा हो रहा था...