मेरा गुप्त जीवन- 114
मधु मैडम ने एक बार और चुदाने की जिद की तो मैंने उन्हें चोद दिया. फिर फिल्म यूनिट का इंतजाम करने कॉटेज में आए तो रूबी मैडम मुझे पटाने की कोशिश करती नजर आई.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मधु मैडम ने एक बार और चुदाने की जिद की तो मैंने उन्हें चोद दिया. फिर फिल्म यूनिट का इंतजाम करने कॉटेज में आए तो रूबी मैडम मुझे पटाने की कोशिश करती नजर आई.
मामाजी सलोनी के चूतड़ों के पीछे बैठ अपने दोनों हाथों से उसके मखमली चूतड़ों को चीर कर खोला, वहाँ ढेर सारा थूका, फिर हाथ से उस जगह को चिकना बना दिया। अब मामाजी ने खड़े होकर अपने लण्ड को सेट किया।
हम फेसबुक पर मिले, फोन पर बात करने लगे। उसने मुझे मिलने बुलाया तो मैंने बोला कि होटल चलोगी तो आऊँगा। वो तैयार थी। उसको भी बोल दिया कि मुझे चिकनी चूत पसंद है
हाय दोस्तो, खासकर प्यारी-प्यारी महिलाओ, आज मैं अपने जीवन के एक यादगार हसीन दिन की दास्तान सुना रहा हूँ … आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि आप सब गीले और मस्त हो जायेंगे। यह बात सन 1996 के दिसम्बर के पहले सप्ताह की है। मैं उन दिनों लख्ननऊ में रहता था और अक्सर बनारस […]
प्रेषक : अशोक जैन मेरी उम्र 48 साल की है। मेरी बीवी 5 साल पहले परलोक सिधार गई थी। मेरी बेटी की शादी 2 साल पहले हुई थी। जहाँ उसकी शादी हुई वो एक बड़े बंगले में रहते थे और घर में सिर्फ जमाई और उसकी माँ अंजू उम्र 49 साल (विधवा) रहते थे। एक […]
हमारे घर एक आंटी किराए से रहने आई. उनको देखते ही मेरा मन उन की चुदाई का हुआ. मैंने आंटी की मदद के बहाने से उनसे दोस्ती बढ़ाई और एक दिन ...
उन दोनों ने रानी को पूरी तरह तैयार कर लिया था... और दोनों एक साथ ही रानी को चोदने का प्रोग्राम बना रहे थे। शमीम नीचे लेट गया था और रानी उसके लण्ड पर बैठ कर ऊपर से खुद हिल रही थी।
दोस्तो! मुझे गैर मर्दों की बाँहों में सुख मिलता है, पति के पास कनाडा आकर भी मुझे वो सुख नहीं मिल पाया और मुझे यहाँ भी गैर मर्द की बाँहों में जाना पड़ा।
हमारे गाँव में पवन के पिताजी की करियाने की दुकान थी। वह अपने पिताजी की तरह मोटू व अकड़ू था। मेरे पिताजी नगर की नगरपालिका में क्लर्क थे, रोज छः किलोमीटर साइकिल चला कर दफ़्तर जाते और शाम को घर लौटते। पवन के अतिरिक्त हमारे साथ में वह भी खेलती थी- पड़ोस की हमउम्र नाजुक-नरम […]
सुहागरात में मैंने अपनी दुल्हन को चोदना शुरू किया तो दर्द से उसने मुझे चोदने नहीं दिया और भाभी के पास चली गयी. फिर भाभी ने मेरी बीवी की मदद कैसे की?
भाई के दोस्त की बीवी के शरीर को चूसने चाटने की वजह से उसकी चूत इतनी गीली हो गई कि मेरे लिंग ने खुद ही चूत का दरवाजा ढूंढ लिया और उसकी चूत में समाहित हो गया।
इमरान यह कहानी भी मेरे एक दोस्त शकील की है, उसके कहने पर ही मैंने लिख कर भेजी है। उसी के शब्दों में पेश है आज से तक़रीबन 6 साल पहले की बात है जब मैं अपनी आपा ज़न्नत जहाँ से मिलने के लिए कन्नौज गया था। मेरी आपा की एक बेटी और एक बेटा है। […]
मुझे उससे पहली नज़र में प्यार हो गया! वो मेरी लाइफ की पहली और अभी तक की एकमात्र गर्लफेंड है। मैंने कभी कोई गर्लफेंड बनाने की कोशिश ही नहीं की. शायद इसे ही सच्चा प्यार कहते हैं।
हॉट गे सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने पसंद के मर्द के साथ समलिंगी सेक्स करके मजा लिया. उसने पहले मेरी गांड को चाट कर मजा दिया, फिर गांड मार कर!
मैं शुरु से ही सेक्स का भूखा हूँ, हमेशा से मैं किसी लड़की या भाभी की तलाश में रहता था जो मेरे साथ सेक्स करे लेकिन कोई मिलती नहीं थी. तो मेरा क्या हुआ?