गंदे इशारों से कुंवारी चूत की चुदाई तक
मेरा क्लासमेट रोज मेरी तरफ देख कर गंदे-गंदे इशारे करता था, जैसे बाहें फ़ैलाना, होंठों को गोल करके चुम्बन का इशारा करना, चूतड़ आगे पीछे करके चुदाई के इशारे करना…
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मेरा क्लासमेट रोज मेरी तरफ देख कर गंदे-गंदे इशारे करता था, जैसे बाहें फ़ैलाना, होंठों को गोल करके चुम्बन का इशारा करना, चूतड़ आगे पीछे करके चुदाई के इशारे करना…
होली पर मथुरा जाते समय ट्रेन में एक लड़की मिली जो मेरे पास ही बैठी थी। थोड़े ही समय में वो मुझसे पट गई तो मैंने उसे टॉयलेट में चलने को कहा मगर उसने मना कर दिया।
मुझे मम्मी के कराहने की आवाज़ आई। मैं उठ गई। मेरे लिए जानी पहचानी आवाज़ थी। मैं समझ गई कि मम्मी की चुदाई हो रही है। मैंने हिम्मत करके हाथ से थोड़ा सा पर्दा हिलाया और देखने लगी।
पूजा मेरे लंड को मसलते हुए बोली- यार, मेरी चूत में आग लगाकर तुम यहाँ आ गए.. चलो अब जल्दी से मेरी इस टपकती चूत को अपने लंड से शांत कर दो.. क्योंकि इस चूत ने बहुत लौड़े खाए हैं.. इसकी आग सिर्फ़ लौड़े से ही बुझेगी।
मुझे काफ़ी टाइम हो चुका था किसी के साथ करे हुए पत्नी तो 7- 8 साल से ना के बराबर ही रूचि लेती थी, इसलिए मुझे भी सेक्स की भूख तो थी ही और बिना मेहनत के कोई खुद ही राज़ी हो जाए तो फिर तो क्या ही कहना।
सेक्स के लिए मैं तैयार हूँ, यह बात मैने उसे फ़ोन करके बता दी और हमने मिलने का समय तय कर लिया। वो मुझे अपने घर ले गई और अब उसकी नारी सुलभ लज्जा आड़े आ रही थी।
लेटे लेटे आँख लग गई और शायद 10-12 मिनट बाद वो थोड़ी सी हिली जिससे मेरी खुमारी भी टूट गई। यह एक ऐसी खुमारी होती है जो दुनिया के किसी भी नशे में नहीं मिलती।
वो मेरे निप्पल सहलाने लगी। मैंने उसकी जांघों के जोड़ों को चाटना शुरू कर दिया, कभी हल्के दाँतों से काटता और कभी उसकी रेशम जैसी जांघों को चूसने लगता।
मैं एक उंगली उसकी चूत के पानी से गीली करके उसकी गुदा पर फेरने लगा, चूत का पानी बह कर उसकी गुदा के छेद पर आ चुका था तो मैंने उंगली को उसकी गांड में सरका दिया
उसने मेरे पैंट का बटन खोल दिया। उसकी साँसें तेज हो रही थीं और उसकी चूचियाँ फूलने लगी थीं। उसने जैसे ही अन्दर हाथ डाला और मेरा साढ़े आठ इंच का लौड़ा.. उसके हाथ में आया.. तो उसके चेहरे पर एक चमक और एक अजीब सी ख़ुशी थी।
मैं बाहर आई तो देखा- तीनों नंगे मेरे बिस्तर पर चूमा-चाटी में भिड़े थे। दोनों लड़के मुझे देखकर मेरी ओर लपके.. दो गैर मर्दों को एक साथ नंगा मैं पहली बार देख रही थी.
पता नहीं कितनी देर बाद साली सुरभि नशे में मेरे पास आई और उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और मेरे लौड़े पर लगा हुआ सारा माल चाट गई..
मैं यह देख कर दंग रह गया कि दीपा ने नीचे कुछ भी नहीं पहना था। तभी दीपा ने अपनी उंगली कामिनी की चूत में कर दी और कामिनी ने भी अपने पैर का अंगूठा दीपा की चूत में कर दिया.
सुशी को अपने लौड़े की चुसाई से उठाया और उसको और रेवा भाभी को एक सांझे आलिंगन में बाँध लिया। मैं दोनों खूबसूरत औरतों का आनन्द ले रहा था.
मैंने अपनी चिकनी चूत पर एक बहुत ही छोटी स्कर्ट पहन कर और ऊपर एक बिना बांह की बनियान पहन ली। मैंने अपनी आदत के अनुसार ब्रा पहनी लेकिन पेंटी नहीं पहनी।