माँ-बेटी को चोदने की इच्छा-32
अपने दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, बात आगे बढ़ी तो मुझे पता लगा कि मेरे दोस्त की बहन नासमझ कुंवारी है और वो मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने देर नहीं लगाई
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अपने दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, बात आगे बढ़ी तो मुझे पता लगा कि मेरे दोस्त की बहन नासमझ कुंवारी है और वो मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने देर नहीं लगाई
मैं चुदाई का शौकीन हूँ, अपने ऑफिस में मैंने एक शादीशुदा लड़की को रख लिया और कुछ ही दिन में उसे पटा भी लिया, उसका पति शायद कुछ दब्बू किस्म का था... क्योकि उसका लौड़ा सिर्फ ढाई इंच का था तो मुझे सीलबंद चूत मिली.
हम दोनों पहले काफी करीब आ चुके थे, चूमाचाटी के अलावा अब हम नंगे होकर प्यार करते थे, सम्भोग की आखिरी सीढ़ी से सिर्फ एक कदम दूर थे, और हमें कोई जल्दबाजी भी नहीं थी, हम दोनों का इतना संयम ही हमारे प्यार को दर्शाता है
लास्ट कॉन्फेशन में मैंने तुम्हें बताया कि कैसे जैकी ने ग़ुस्से में मुझे सबक सिखाने के लिए गैंग बंग प्लान किया। जैकी और उसके 3 फ्रेंड्स मुझे बिना किसी झिजक के हर तरह से टीज कर रहे थे। मुझे पेन में देख कर उन सभी को बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं अपने दोस्त की गर्लफ़्रेण्ड के घर गया तो उसकी बहन देख कर मेरा मन डोल गया। मेरे दोस्त ने कहा कि वो हाथ नहीं आने वाली! इस पर शर्त लग गई, उसके बाद क्या हुआ?
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, पता लगा कि वो नासमझ कुंवारी मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने उसकी चूत चाटने और लौड़ा चुसवाने में देर नहीं लगाई, अब वक्त था उसकी चूची चुसाई का..
यह कोई सेक्स कहानी नहीं है... मेरी मदद कीजिए… अब जब मैं पीछे मुड़ कर अपने जीवन में झांकता हूँ तो लगता है कि तमाम ग़लतियाँ मेरी थी, मैंने ही सब बर्बाद कर दिया। वो तो वैसी ही रही थी जैसी वो हमेशा से थी, बदल तो मैं गया था।
पिंकी सेन, अन्तर्वासना की लोकप्रिय लेखिका आप सभी पाठकों की भरपूर मांग पर अपनी नई लम्बी कहानी लेकर आई हैं। एक नाटक मंडली है जिसमें छः लोग हैं सभी मर्द, इनकी डांसर राधा भी एक लड़का ही है जिसका डांस सभी पसन्द करते हैं। दूसरी तरफ़ एक युवती अपने पिता के साथ रहती है, उसकी मां अब नहीं है…
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मेरी नजर बेटी पर थी, पता लगा कि वो भी मुझे चाहती है, तो फ़िर मैंने उसकी कुंवारी बुर चाटने और लौड़ा चुसवाने में देर नहीं लगाई, अब तो वो चुदने को बेकरार थी…
इस कहानी में तीन दृश्य चल रहे हैं, एक राधे और नीरज की नाटक मंडली… दूसरा मीरा और उसके पिता… तीसरा नीतू के घर का जहाँ नीरज मालिश करने गया था… राधे एक वेश्या को चोदने गया है…
मीरा के पिता बरसों पहले अपनी खोई हुई बेटी की याद में रोते हैं, नाटक मंडली वाला नीरज राधे को साथ मिला कर मीरा और उसके पिता को धोखा देकर लूटने की योजना बना कर उनके घर गये… राधे को उनकी बेटी राधा बना कर पेश करके इनाम मांगने लगा…
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मैंने उसकी बहन की कुंवारी बुर चाटने और लौड़ा चुसवाने में देर नहीं लगाई, अब तो वो चुदने को बेकरार थी… तभी उसकी मम्मी ने दरवाजा खटकाया, हम डर गये लेकिन उन्हें कुछ पता नहीं लगा… अब आगे देखिये कि क्या हुआ?
नाटक मंडली वाला नीरज राधे को साथ मिला कर मीरा और उसके पिता को धोखा देकर लूटने की योजना बना कर उनके घर गये… राधे को उनकी बेटी राधा बना कर पेश किया और राधे उनके घर में रुक गया राधा बन कर... रात को वो मीरा के कमरे में सोने गया तो मीरा कपड़े बदलने लगी उसके सामने...
दोस्त की मम्मी को चोदने के बाद मैंने उसकी बहन की कुंवारी बुर चाटी और उसे अपना लौड़ा चुसवाया, अब तो वो चुदने को बेकरार थी… लेकिन मुझे घर वापिस आना था … अब आगे देखिये कि क्या हुआ?
नाटक मंडली वाले नीरज ने राधे को मीरा के पिता के सामने उनकी बड़ी बेटी राधा बना कर पेश किया और राधे उनके घर में रुक गया राधा बन कर... रात को राधा यानि राधे और मीरा साथ साथ सोये तो मीरा का सेक्सी बदन देख कर राधे ने क्या किया? इस भाग में पढ़िये…