जब साजन ने खोली मोरी अंगिया-3
मुख-चोदन मैं लेटी थी, वह लेटा था, अंग-अंग को उसने चूसा था, होंठों से उसने सुन री सखी, मेरे अंग-अंग को झकझोर दिया उस रात की बात न पूछ सखी, जब साजन ने खोली मोरी अंगिया ! . एक किरण ऊष्मा की जैसे, मेरे तन – मन में दौड़ गई मैंने भी उसके अंग को […]