चुत चुदाई की प्यास
मैं शुरु से ही सेक्स का भूखा हूँ, हमेशा से मैं किसी लड़की या भाभी की तलाश में रहता था जो मेरे साथ सेक्स करे लेकिन कोई मिलती नहीं थी. तो मेरा क्या हुआ?
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं शुरु से ही सेक्स का भूखा हूँ, हमेशा से मैं किसी लड़की या भाभी की तलाश में रहता था जो मेरे साथ सेक्स करे लेकिन कोई मिलती नहीं थी. तो मेरा क्या हुआ?
कई बातें ऐसी होती हैं जो बीत जाने के बाद बरसों तक, कई बार तो ताउम्र अपनी याद बनाये रखती हैं। मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह याद है कि वो जाड़ों की एक ऊँघती हुई सी दुपहरी थी, मैं घर पर निपट अकेली थी, करने को कुछ खास नहीं था तो मैं अपनी पसंद […]
मैं बहुत सुन्दर हूँ, घर से निकलती तो मेरी चूचियों और मटकती गाण्ड को देखकर सब का लण्ड खड़े हुए बिन नहीं रह पाता. मैं निकल जाती और वो लण्ड दबाते रह जाते. लेकिन मेरी जवान चूत की धार मेरी फुफेरे भाई ने लगाई अपने फौलादी लंड से!
उसका ब्लाऊज़ पीछे से खुला हुआ था वो बस कुछ फ़ीतियों से बंधा था, उसकी कमर पूरी नंगी दिख रही थी, उसने ऊँची ऐड़ी वाली सैंडिल पहनी थी जिससे उसके कूल्हे बाहर को निकले हुए दिख रहे थे
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा और मेरे मुँह और होंठों पर लगे अपनी चूत के रस का आनन्द लेने लई, उसने चाट-चाट के मेरे मुँह को एकदम साफ़ कर दिया।
चुदाई का असली मजा तब आता है जब उसे बेशर्म होकर किया जाये, सब एक बात ध्यान में जरूर रखना, चाहे आप लड़का हो या लड़की, चुदाई पूरे मजे से करो और बेशर्म होकर करो
मेरे भाई ने मेरी सलवार उतार दी और अब मैं सिर्फ़ सिल्की ब्रा-पेंटी में लेटी थी। वैसे तो वो मुझे पहले नंगी तो देख ही चुका था पर इतने पास से पहली बार देख रहा था।
मेरी जांघ पर हाथ रखे रखे कार आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगे तो मेरे तन बदन में एक आग सी लग गई। उनका हाथ मेरी चूत के करीब आता और वापस चला जाता, मेरी चूत गीली हो रही थी।
मैं बोली- कल ब्लू फिल्म देखते हुए काफ़ी जोश आ गया है, इसलिए तुम्हारी याद आ रही है, अगर तुम नहीं आओगे तो मैं किसी और से चुदवा लूँगी!
मेरी चूत लंड लेने के लिए बेचैन थी, इस अचानक हमले को झेल नहीं पाई, ऐसा लगा कि मेरी पहली चुदाई हो रही है, मैं अब तक कुँवारी थी, मेरी चूत में उनका लंड घुसते ही मेरे मुँह से चीख नकल गई
यह मेरी ज़िंदगी की वो घटना है जब पहली बार मुझे एक कुंवारी चूत चोदने को मिली थी. मैं अपनी बुआ की लड़की की शादी मैं गाज़ियाबाद गया था. वहां हमें बुआ ने पड़ोसियों के घर में ठहराया. उसी घर में मिली थी मुझे मेरी कट्टो रानी!
जो तकिया मैंने अपने लंड के नीचे लगाया था, पूजा उसे बड़ी मदहोश होकर सूंघ रही थी और अपने एक हाथ से कभी अपनी चूची तो कभी अपनी चूत को मसल रही थी. मैं समझ गया कि माल एकदम तैयार है.
मैं भाभी के रस भरे होठों को रगड़ने लगा और उनका रस चूसने लगा. मैं यह देखकर बहुत खुश हुआ कि भाभी मुझसे भी ज्यादा उतावली थी मेरे होठों को चूसने के लिए, वो मेरे होठों को जोर-जोर से अपने होठों में पकड़ कर चूस रही थी और अपने दांतों से भी काट रही थी. जिससे मेरे होठों में दर्द होने लगा.
मैंने झटाक से पूजा के सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ़ पेंटी को छोड़कर और उसे बिस्तर पर लिटाकर चूमने लगा. मेरे सामने एक कच्ची कली नंगी पड़ी थी और मुझे यह सब एक हसीन सपने की तरह लग रहा था.
उस भिखारी को मैंने अन्दर बुला लिया... फिर उसके सामने मैं अपनी ब्रा खोल कर खड़ी हो गई! मैंने नीचे जीन्स पहनी हुई थी! मैंने उसके सामने अपने उरोज पेश किए और एक चूचा उसके मुँह में डाल दिया!