फैमिली सेक्स: घर की लाड़ली-10
फैमिली सेक्स की इस स्टोरी में आप पढ़ रहे हैं कि कैसे बेटी ने अपनी माँ को लेस्बियन सेक्स के लिए उकसाया और आपस में एक दूसरी की चूत चाट कर मजा लिया और दिया.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
फैमिली सेक्स की इस स्टोरी में आप पढ़ रहे हैं कि कैसे बेटी ने अपनी माँ को लेस्बियन सेक्स के लिए उकसाया और आपस में एक दूसरी की चूत चाट कर मजा लिया और दिया.
मेरे माँ बाप ने मेरा नाम चंद्रप्रकाश रखा. इस गांडू सेक्स स्टोरी में मेरे जीवन की पहली घटना है जिसने मेरे अंदर छिपी हुई लड़की को बाहर निकाल दिया और मैं चन्दा रानी बन गयी.
मेरे घर के सामने एक लड़की मुझे देखकर मुस्कुराती थी. मैं उसे चोदना चाहता था. वो हमारे घर आती थी. मैंने एक दिन अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी का एक प्रिन्ट उस तक पहुंचा दिया.
मैं अपने छोटे भाई से बहुत प्यार करती हूँ. वो भी मुझे बहुत परेशान करता है. इसी भाई बहन के प्यार के चलते हम दोनों ने क्या क्या कर डाला, पढ़ें मेरी कहानी में!
मैंने अपने ऑफिस के एक लड़के से प्यार किया और शादी की. शादी से पहले मैंने उसे अपने साथ सेक्स नहीं करने दिया जबकि वो तो मुझे चोदना चाहता था. फिर शादी के बाद क्या हुआ?
अनजान शहर में किसी भी परिचित देसी गर्ल की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी, लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
जवान लड़की का अपना ही आकर्षण होता है चाहे वो बहन ही क्यों ना हो. मेरे साथ ऐसा ही हुआ, मैं अपने ताऊ की बेटी के यौनाकर्षण में बन्ध गया. वो भी यही चाहती थी शायद?
मैं चुपचाप उल्टी ही गयी और घोड़ी बन कर अपनी प्यासी फुद्दी उसे पेश कर दी। फिर वो मेरे पीछे आया और नीचे मेरे दोनों घुटनों को पकड़ कर चौड़ा कर दिया।
एक दिन मैं अपने घर में अपने यार से जोर शोर से चुदवा रही थी कि मेरी मम्मी आ गयी. मैंने अपने यार को अपने नंगे बदन से हटाया और बाथरूम में चली गयी.
तुम्हारी चिकनी जाँघों के बीच घनी काली झांटों के पीछे छुपी चूत बहुत ही रसीली और प्यारी है. मेरा ये लंड तुम्हारे चूत से मिलने को बहुत ही बेताब है बेचारा..
घर के हालात ठीक नहीं थे तो मेरी खाला की बेटी अट्ठाईस वर्षीया आरजू की शादी नहीं हो पा रही थी. वो बहुत कमजोर हो गयी थी. मैंने उस से खुल कर बात की तो पता लगा कि...
अब नये नये लंडों से चुदना अमीषा का रोज़ का काम हो गया था। मगर जो मज़ा उसको माँ के दोस्त ने दिया था वो किसी और से नहीं मिला. इसलिए उसने सोचा कि अब माँ को अपना पार्ट्नर ही बनाना पड़ेगा।
मेरे दोस्त की माँ परिणीता बहुत ही सेक्सी थीं, मुझे लगा था कि आंटी मुझ पे लाइन मारती हैं. मैंने भी बहुत बार आंटी की गांड को याद करके मुठ भी मारी थी. आखिर मैंने कैसे आंटी को चोदा?
चूत को सही वक्त पर चुदाई मिलना शुरू हो जाये तो वह शरीर को खिला देती है और खुद भी खिल जाती है, लेकिन अगर उम्र हो जाने के बाद भी चूत चुदाई के लिये तरस जाये तो वह खुद भी सूखती है और शरीर भी सुखा देती है।
वो मेरे दोस्त की शादीशुदा साली थी. दोस्त की शादी में ही वो मुझे चाहने लगी थी. शादी के बाद क्या हुआ था, वो आप इस कहानी के पहले भाग में पढ़ चुके हैं. अब आगे क्या हुआ?