मेरा गुप्त जीवन- 133
सबके जाने के बाद मैं अपने कमरे में क़ाराम करने गया ही था कि चाची ने आकर मुझे दबोच लिया और चूत चुदाई की जिद करने लगी तो मैंने उनकी चूत चूस कर मज़ा दिया।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
सबके जाने के बाद मैं अपने कमरे में क़ाराम करने गया ही था कि चाची ने आकर मुझे दबोच लिया और चूत चुदाई की जिद करने लगी तो मैंने उनकी चूत चूस कर मज़ा दिया।
सुबह आरती मुझे दूसरी चाय देने आई तो मैंने उसे पास बिठाया और उसके जवाँ बदन का मज़ा लेने लगा। तब हम दोनों में वत्सला की चुदाई की बातें हुईं, पढ़ें इस कहानी में !
मेरे गाँव की एक लड़की को मैं रोज देखता था। वो मुझसे पटने लगी। एक दिन मैं मोबाइल में सेक्सी ब्लू फ़िल्म देख रहा था, वो आई और मेरा मोबाइल लेकर फ़िल्म देखने लगी।
मेरे क्लास में एक लड़की थी.. साली क्या माल थी.. उसके मम्मे 34" और चूतड़ 36".. उसकी गांड ही मारने का दिल करता था क्योंकि वो चूतड़ मटका कर चलती थी.
मैं मध्यम वर्गीय परिवार से थी, मुझे मॉडलिंग का शौक था, इसलिए मैंने एक बड़े घर के आदमी को पटाया और प्यार का दिखावा कर मैं उसके साथ सैट हुई और मॉडलिंग का सपना पूरा करने लगी।
लखनऊ जाना था तो कम्मो ने सब नौकरानियों को चोद के खुश करने को कहा. लेकिन चाची की चुदास का कारण उसका रोग था Nymphomania, चाची को चोदना जरूरी था.
'आ जाओ बड़े पापा... मैं नंगी हो रही हूँ... और अपनी चूत के पट अपने हाथों से खोल के लेटती हूँ आपके स्वागत के लिए...हा हा हा!' आरती हँसते हुए बोली और फोन कट गया।
मैं अपनी बहन को उसकी शादी से पहले से ही चोदना चाहता था.. जब गली के सब लौंडे मज़े ले सकते हैं तो हम घर में ही क्यों नहीं ले सकते.. लेकिन मुझे मौका मिला बाद में!
आन्टी को जाते हुए देखते समय उनकी गाण्ड देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया। फिर आन्टी वापस आ गईं उन्होंने मेरा खड़ा लन्ड देख लिया था। फिर वो कहीं और देखने लगीं.. अब मुझे शर्म आने लगी थी।
गाँव के जीवन का जायजा लेने मैं रिश्ते में अपने एक चाचा के घर गाँव में गया. वहां चाचा चाची ही थे. चाचा को कुछ दिन के लिए जाना पड़ा. उनके पीछे क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए !
कुछ देर बाद उसने मुंह हटा लिया और उसकी लार से चुपड़ा हुआ मेरा लण्ड लहराने लगा; उसके मुखरस का एक गाढ़ा सा तार अभी भी मेरे लण्ड और उसके होठों के बीच झूल रहा था।
यह कहानी मेरे और एक औरत के बीच की है, उसने अपनी चुदाई करवाने के लिए मुझे पैसे देकर घर बुलाया और अपनी चूत तो मरवाई ही, खुद कहा कर गांड भी मरवाई.
ऑनलाइन बनी गर्लफ़्रेन्ड से पहली बार मिलने उसके शहर में गया तो सोचा नहीं था कि इतना कुछ हो जाएगा। लेकिन मैं कुछ तो करना चाहता ही था।
वत्सला ने डरते डरते अपनी जीभ मेरे लण्ड से छुआ दी, फिर दुबारा थोड़ा और शहद चाट लिया। मैंने भी लण्ड को आगे की तरफ कर दिया और वत्सला रुक रुक कर लण्ड पर अपनी जीभ लगा लगा कर चाटने लगी।
मेरी एक क्लासमेट दोस्त बहुत अमीर घर से थी। मैं उसे चोदना चाहता था तो उसे अपनी इच्छा बताई। एक दिन उसने मुझे अपने घर चलने के लिये बोला तो मैं समझ गया कि आज चूत मिल जाएगी।