मेरा गुप्त जीवन- 108
कम्मो ने मेरे हाथ एक दुपट्टे से बाँध दिए और फिर मुझको नंगा करके खड़ा कर दिया और सबसे पहली टोली जिस में जूही भाभी और प्रेमा शामिल थी, ने मिल कर मुझको पीछे से पकड़ा और मुझ को खींचते हुए बेड पर ले गई।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
कम्मो ने मेरे हाथ एक दुपट्टे से बाँध दिए और फिर मुझको नंगा करके खड़ा कर दिया और सबसे पहली टोली जिस में जूही भाभी और प्रेमा शामिल थी, ने मिल कर मुझको पीछे से पकड़ा और मुझ को खींचते हुए बेड पर ले गई।
भाई की शादी के कुछ ही दिन बाद अचानक से भाभी मुझसे बहुत प्यार जताने लगी. मैं भाभी को मायके छोड़ने गया वहाँ से भाभी ने खूब प्यार भारी बातें. घर में क्या हुआ?
मैंने अपने पैरों को उसकी जांघ पर दोनों पैरों के बीच रख दिया और पैर की उंगलियों से हल्के-हल्के सहलाने लगा.. इससे रीता पूरी तरह गर्म हो गई और कुर्सी पर आगे की ओर सरक आई।
पायल को गेम के बारे में सब पता चल गया है, वो सेक्स की आग में जल रही है तो उसने गेम में हिस्सा लेने के लिए हाँ कर दी. टोनी ने बहाने से उसके मम्मे भी छू लिए.
दिल्ली से मेरा यहाँ आना... रेणुका जी के साथ मिलना और फिर उनके साथ प्रेम की ऊँचाईयों को पाना... फिर वंदना का मेरी ज़िन्दगी में यूँ दाखिल होना और हमारे बीच प्रेम का परवान चढ़ना... सारी घटनाएँ बरबस मेरे होठों पे मुस्कान ले आती थीं।
जब थोड़ा होश आया तो मैंने देखा कि मेरे लण्ड पर.. भाभी की फुद्दी पर.. और बिस्तर की चादर पर खून के धब्बे थे.. मैं समझ गया कि भाभी ने भी मेरी तरह पहली बार सेक्स किया है।
मैं तब अनचुदी कुंवारी चूत थी जब मैंने पापा को मम्मी की चूत चोदते हुए पहली बार देखा था. उनके कमरे से आती आवाजों ने मेरी उत्सुकता बढ़ाई तो मैंने अन्दर झांका.
वन्दना की मम्मी रेणुका को गोद में उठाये हुए मैं धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ा और हौले से उसे बिस्तर पर लिटा दिया... उनकी चिकनी जांघों को चूमते चाटते जैसे ही चूत पर जीभ लगी…
उस रात पर्बती और निम्मो कम्मो के साथ आई और आते ही पर्बती ने मुझसे माफ़ी मांगी। उसके बाद मैंने बड़े प्यार से उसकी कसी चूत को चोद कर उसे पूरा मज़ा दिया.
मैं गोवा घूमने गया था। मैं लड़कियों की कमर पेट और नाभि का दीवाना हूँ। गोवा में एक रात तो बिना चुदाई के खाली ही निकल गई.. पर मैं चोदने के लिए मरा रहा था।
मेरा हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर चला गया और मेरी उंगली मेरी चूत में आगे-पीछे होने लगी। मैं एक हाथ से अपने चूचों को दबाने लगी। उधर मम्मी पापा का लण्ड चूस रही थीं
अचानक से रेणुका ने बिजली की फुर्ती से अपना गाउन लगभग खींचते हुए निकाल फेंका और शेरनी की तरह कूद कर मेरे ऊपर झपट पड़ी... अब इस बार कुचले जाने की बारी मेरी थी।
मुझे लगा वो मुझे लाइन दे रही है.. तो मैं कैसे पीछे रह सकता हूँ। जब वो नहाने लगी.. तो मैं उसे देखने लगा। उसने भी चोरी-छुपे मुझे देख लिया और वो मुझे अपने चूचे दिखाते हुए उनको बार-बार रगड़ने लगी।
मैं अपनी चाची के घर रहने गया तो एक रात उनकी साड़ी उठी हुई थी, उनकी नंगी जांघें देख उनकी चुदाई का मन करने लगा. मुझे मौका भी मिला चाची की चूत चोदने का.. पढ़ें इस कहानी में...
मेरे भैया की शादी हुई। मैंने पहली बार भाभी की नाभि देखी और अब गाण्ड का आकार भी उभर कर दिख रहा था। मैंने सोच लिया कि भाभी को मैं जाल में फंसा कर ही रहूँगा..