मौसी की चूत में गोता -8
तब मैंने अपनी आँखों में शरारत भरते हुए कहा- तुम्हारे पीछे का छेद तो कुंवारा है.. इसलिए आज मैं अपनी सुहागरात में अपनी पत्नी की गाण्ड मारूँगा।
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तब मैंने अपनी आँखों में शरारत भरते हुए कहा- तुम्हारे पीछे का छेद तो कुंवारा है.. इसलिए आज मैं अपनी सुहागरात में अपनी पत्नी की गाण्ड मारूँगा।
इस बार मैंने फ़ैसला कर लिया कि मौसी की गाण्ड मारनी है.. तो उनकी चीखों की परवाह ना करते हुए उनकी गाण्ड मारनी होगी.. चाहे वो कितना भी चीखें या चिल्लाएं..
मैंने कहा- अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा.. क्योंकि जब तक मेरा लण्ड तेरी चूत को 8-10 बार चोद नहीं देगा.. और जब तक तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के साइज़ की नहीं हो जाएगी.. तब तक दर्द होगा...
मोनिका के जाते ही मैं रसोई में पहुँचा और उसकी माँ को पीछे से पकड़ लिया, उन्होंने साड़ी और बैकलैस ब्लाउज पहना हुआ था। मैं उनको कंधों पर चुम्बन करने लगा और उनके नंगे पेट को सहलाने लगा।
मैंने उसकी सलवार भी उतार दी, उसकी पैन्टी उसके चूत के रस से बिल्कुल गीली हो गई थी.. तो देर ना करते हुए मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी… उसकी एकदम चिकनी क्लीन शेव..
जब उसकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी.. तो दो-तीन मिनट मेरे लंड को देखने के बाद उसने मुझे आवाज़ लगाई.. जब मैं नहीं जगा.. तो उसको यकीन हो गया कि मैं सो रहा हूँ। उसने मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया।
वो पेट के बल लेट कर पढ़ रही थी। उसके चूतड़ ऊपर थे, तब उसने वही टी-शर्ट और कैपरी पहन रखी थी। मैं उसकी गाण्ड की दरार में उंगली घुमाने लगा।
मैंने आंटी की साड़ी.. पेटीकोट पूरी कमर से ऊपर कर दिया और नंगी चूत देखी। ओह.. क्या नज़ारा था मेरी प्यारी आंटी की पतली लकीर वाली चूत का..
वो बोलीं- तुम्हारा लण्ड बहुत शानदार है.. पता नहीं फिर कब इससे अपनी चूत चुदवा पाऊं.. आज मैं तुम्हारा लण्ड अपनी गाण्ड में भी महसूस करना चाहती हूँ.. क्या तुम मेरी गाण्ड मारना पसंद करोगे?
यह कहानी मेरी भाभी और मेरी है. भाई की व्यस्तता ने भाभी को मेरे करीब ला दिया. मैं भी उनके साथ कुछ मस्ती के ख़्वाब लेने लगा. मुझे पता नहीं था कि मेरी भाभी भी कुछ ऐसा ही सोच रही थी।
हमने एक-दूजे को बाँहों में लेकर लिप किस किया, कि तभी हमने बाहर किसी की आहट सुनी। मैंने देखा तो उसकी पड़ोस की भाभी हमें देख रही थीं और सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को रगड़ रही थीं।
मैंने उसकी दोनों टांगों को अलग किया, उसकी जाँघों के बीच आकर बैठ गया और चूत की दोनों फांकों को अलग किया और देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल क्लीन की हुई जवान चूत थी उसकी।
अंजलि सवा पांच फुट की थी और बहुत गोरी तो नहीं थी.. और ना बहुत सुंदर थी.. फिर भी चोदने लायक तो थी। उसको बाँहों में लेने के बाद मैंने उसके होंठों पर किस कर दिया। वो अपने पुराने ब्वॉयफ्रेंड से पहले भी करवा चुकी थी..
पुराने घर के पडो़स की सेक्सी भाभी अकसर मुझे छोटे मोटे माक के लिए बुला लेती थी और मैं उसके बदन को बहाने से छू लेता था और उसके नाम की मुठ मारा करता था. आखिर भाभी ने चुदवा ही लिया.
घर, बीवी से दूर रहने के कारण चुदाई की प्यास तो लगनी ही थी। मैंने एक होटल में काम करने वाली लड़की को पटाया, वो विधवा थी चुदासी थी। उसे मैं किसी दूसरे शहर के होटल में ले गया।