प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-2
उसे देख कर तो मेरी आँखें फटी की फटी ही रह गई, वो बिल्कुल नंगी थी। चूचे तो उसके खरबूजे के आकार के, चूतड़ तरबूज के आकार के, पेट बाहर निकला हुआ, चूत अन्दर की तरफ बालों के जंगलों के बीच घुसी हुई थी।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
उसे देख कर तो मेरी आँखें फटी की फटी ही रह गई, वो बिल्कुल नंगी थी। चूचे तो उसके खरबूजे के आकार के, चूतड़ तरबूज के आकार के, पेट बाहर निकला हुआ, चूत अन्दर की तरफ बालों के जंगलों के बीच घुसी हुई थी।
मेरी कहानी पढ़कर मुझे एक लड़की का मेल आया कि कहानी में जैसे हब्शियों ने मेरी बीवी को चोदा, वो भी उसी तरह चुदना चाहती है, उसे तो बल्कि और क्रूर सेक्स पसंद है
रचना ने मुझे लौड़ा पकड़ कर मुतवाया और फ़िर अपनी चूत के होंठ मुझसे खुलवा कर मूता। इसके बाद मैंने उसको लिटा कर इतने प्यार से उसकी चूत की सील तोड़ी कि उसे दर्द नहीं हुआ।
उसकी चूत चूमने मात्र से ही उसने अपनी टांगों को फैला दिया, अब उसकी चूत बिल्कुल स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी, दोनों फांकों को खोलते हुए उसकी गुलाबी चूत के अन्दर मैंने अपनी जीभ डाल दी।
मैं 30 साल की एक खूबसूरत शादीशुदा औरत हूँ। उम्र के हिसाब से मैंने अपने आपको बहुत फिट रखा है, मेरी चुदास बहुत ज्यादा हो गई है. इसे बुझाने के लिए मैंने क्या क्या किया...
रचना ने मुझे ऐसे जकड़ा था कि मेरा हाथ उसके चूतड़ों पर ही था। उसके इस तरह मेरे जिस्म को सहलाने से मेरे रोम-रोम में मस्ती छा गई। मेरा हाथ उसकी गांड को सहला रहा था।
एंग्लो इंडियन डायना को मैं घर ले आया। वो बगीचे में घूमने लगी और हमने वहीं खुले में चूत चुदाई का खेल खेलने का फ़ैसला किया। मैंने डायना को एक पेड़ के पीछे पकड़ कर अपनी बाहों में लिया.
पाँच मर्द मुझे यमुना किनारे ले गये और वहाँ खुले में सबने मेरे सारे छेद ठोक कर मुझे होटल छोड़ गये। सुबह उठी तो देखा कि वेटर सफ़ाई कर रहा है और मैं पूरी नंगी हूँ…
वो पलंग पर पट लेट गई और अपने दोनो हाथों से गांड को फैला दी और बोली- राजा, मैं तेरी कुतिया और तुम मेरे कुत्ते हो। आओ मेरे कुत्ते अपनी कुतिया की गांड चाटो और फिर ये कुतिया तुम्हें और मजा देगी।
सच में वो बढ़िया मालिश कर रहा था, मेरी पीठ, चूतड़, जांघों और टाँगों की उसने बहुत बढ़िया मसाज की। मुझे सीधा लेटाया और मेरे कंधों, बूब्स, पेट, कमर, जांघों की बड़े मनोयोग से मालिश की।
उसने मेरी चूत पर लंड रख दिया और अंदर को धकेला। एक बार तो मेरी आँखें ही जैसे बाहर को निकल आई। कितना मोटा था, जैसे किसी ने अपनी पूरी बाज़ू ही मेरी चूत में डाल दी हो।
पप्पू ने उसके चूतड़ सहलाते हुए कहा- सच कहूँ सलोनी.. तुम जितनी अपनी गाण्ड मरवाओगी.. उतनी ये सुन्दर दिखेगी.. ठीक उसी तरह से.. जितने तुम मम्मे दबवाया करोगी.. उतने वो बढ़ेंगे।
पड़ोसन भाभी से मेरी दोस्ती थी। भैया की नौकरी दूसरे शहर में हुई तो मैं उनकी मदद करने लगा और हमारी निकटता बढ़ती गसी। एक दिन भाभी ने अपनी अन्तर्वासना शान्त करने में मेरी मदद ली।
मैंने पलंग से गद्दे उठाकर जमीन पर बिछाया और रचना को सहारा देकर उस गद्दे पर पट लेटा दिया। शराब के नशे में ही रचना बोली- जानू जिस तरह से तुमने प्यार से मेरी चूत चोदी थी, उसी प्यार से मेरी गांड का भी ध्यान रखना।
मेरी बॉस कमाल की थी जवान सेक्सी… देखते ही मेरा खड़ा हो जाता था। मेरे अन्दर तो आग थी ही उसे चोदने की.. लेकिन मुझे ये नहीं मालूम था कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है।