चाची के बदन की अगन और चुदाई की मस्ती
चाची के बदन की अगन नहीं बुझती थी क्योंकि चाचा अकसर काम से बाहर रहते थे. मैं उनके घर रहने गया तो चाची ने मुझे अपनी अन्तर्वासना का शिकार बनाया! मज़ा मुझे भी बहुत आया..
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
चाची के बदन की अगन नहीं बुझती थी क्योंकि चाचा अकसर काम से बाहर रहते थे. मैं उनके घर रहने गया तो चाची ने मुझे अपनी अन्तर्वासना का शिकार बनाया! मज़ा मुझे भी बहुत आया..
मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज़ हो गई तो भाभी ने हिलना बंद कर दिया और मेरे लण्ड की करामात का आनन्द लेने लगी। घुड़चढ़ी पोज़ में भाभी 2 बार स्खलित हो गई!
मेरे कमरे से साथ गर्ल हॉस्टल था. एक लड़की मुझे छत पर दिखी और कुछ दिन की देखा देखी के बाद उससे हाय हेलो हुई. बात चीत शुरू हुई तो उसकी चूत चुदाई पर जा पहुंची.
मुंह बोली बहन की बेटी मेरी दोस्त जैसी थी, हर तरह की बात कर लेती थी. मैं अक्सर उसे घुमाने ले जाता और उसके बदन से खेलता लेकिन चोदने का मौक़ा नहीं मिला. बाद में उसकी मम्मी मुझसे चुद गई !
पड़ोसन भाभी ने गाने भरने के लिये मेमोरी कार्ड दिया तो मैंने शरारत करके उसमें ब्ल्यू फ़िल्में भी भर दी। कार्ड देने गया तो भाभी ने मोबाइल में डाल कर चलाया।
उन्होंने कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी जाँघों को खोल दिया। मेरी बुर पर थूक लगा दिया और अपने लिंग से चूत को रगड़ने लगे, फ़िर वे झुके और मुझे कस कर पकड़ लिया।
मेरे हाथ सोनाली के चूचों को मसल रहे थे और धीरे-धीरे उसके कपड़े भी उतार रहे थे। सोनाली इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसको पता ही नहीं चला, मैंने कब उसको पूरी नंगी कर दिया।
स्कूल में कम्प्यूटर ठीक करने गया तो वहाँ की मैडम मुझे पसन्द आ गई। कुछ दिन बाद उसी मैडम ने मुझे उसके घर का कम्प्यूटर ठीक करने बुलाया और बात कैसे बनी, इस कहानी में पढ़ें !
सोनाली भाभी को किसी दीपक से प्यार है और मुझे सोनाली भाभी से। मैंने कैसे सोनाली भाभी धीरे धीरे पटा कर, उन्हें उत्तेजित करके उनकी प्यासी चूत की चुदाई की, पढ़िए इस कहानी में!
ये तो हम दोनों की चाल थी.. जब मैंने इसे आपके बारे में इसे बताया तो ये कमीनी मुझसे कहने लगी कि मुझे भी जन्नत की सैर करनी है.. मुझे भी तुम्हारा लौड़ा दिला दो.. तो मैंने हाँ बोल दी थी।
अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी के बारे में मेरे दोस्त मुझे बताते थे.. वो मेरे कमरे में मैं दिव्या को बताता था। मैं अपना काम पूरा करता.. तब तक वो इन्तजार करती थी.. मतलब सोती नहीं थी।
यह कहानी है एक लड़की की जो शादी से पहले अपने एक पड़ोसी लड़के से हर रोज रात को चूत चुदाई का मज़ा लेती रही। तो आप भी मज़ा लीजिए उसी लड़की के मुख से उसकी चुदाई भरी रातों का…
मुझे मौसी के घर जाना पड़ा लेकिन वहाँ जाकर मेरी किस्मत खुल गई, जाते ही रास्ते में एक हसीन भाभी से टक्कर हो गई और उससे दोस्ती भी... अगले ही दिन उसने मुझे खाने पर बुलाया.
हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.. मैं पहली बार ज्योति को नंगा देख रहा था.. मुझसे रहा नहीं जा रहा था। उसकी फुद्दी पर अभी बाल हल्के हल्के आए थे.. छोटे-छोटे से भूरे भूरे थोड़े से बाल थे।
प्रीत ने मेरी जींस निकाल दी। अब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को निकाला और फिर मेरे लंड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने प्रीत की पजामी निकाल दी!