जिस्म की जरूरत-5

‘जी नहीं… यह हमारी मम्मी का हुक्म है और उनकी बात कोई नहीं टाल सकता… तो जल्दी से दूध का बर्तन अन्दर रख दीजिये और हमारे साथ चलिए, वरना अगर मम्मी नाराज़ हो गईं तो फिर बहुत बुरा होगा।’ वन्दना ने मुझे डराते हुए कहा। मैं तो खुद ही उसकी मम्मी से मिलने को तड़प […]

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जिस्म की जरूरत-6

‘ठीक है समीर जी, अब तो रोज़ ही मिलना मिलाना लगा रहेगा…’ रेणुका ने मेरे पीछे से एक मादक आवाज़ में कहा, जिसे सुनकर मैंने फिर से उनकी तरफ पलट कर देखा और उन्हें मुस्कुराता हुआ पाया। मेरा तीर निशाने पर लग रहा था। बस थोड़ी सी तसल्ली और… मैं बड़े ही अच्छे मूड में […]

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जिस्म की जरूरत-7

उफ्फ… वो मखमली एहसास उन चूचियों का… मानो रेशम की दो गेंदों पर हाथ रख दिया हो। मैंने धीरे से उनकी दोनों चूचियों को सहलाने के लिए अपने हाथों का दबाव बढ़ाया ही था कि अचानक से किसी के आने की आहट सुनाई दी। ‘माँ… माँ… आप यहाँ हो क्या?’ वन्दना चीखती हुई दरवाज़े के […]

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ट्रेनिंग सेण्टर की प्रेम-चुदाई

लंड का मोटा भाग अन्दर गया, पर उसकी आँखों से आँसू निकल आए, वो चिल्लाने वाली थी.. पर उसके होंठों पर मैंने अपने होंठ रख दिए। थोड़ी देर बाद वो सामान्य सी हुई तो मैंने एक जोर का धक्का मारा, इस बार मेरा आधा लंड अन्दर जा चुका था। वो फिर चिल्लाने को हुई, पर मैंने इस बार पहले से ही उसके होंठ दबा रखे थे।

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जिस्म की जरूरत-8

‘उफ्फ… बड़े वो हैं आप!’ रेणुका ने लजाते हुए कहा और फिर वापस मुझसे लिपट गई। ‘हाय… वो मतलब… जरा हमें भी तो बताइए कि हम कैसे हैं..?’ मैंने उनकी चूचियों को दबाते हुए पूछा। ‘जाइए हम आपसे बात नहीं करते…’ रेणुका ने बड़े ही प्यार से कहा और मेरे सीने पे मुक्के मारने लगी। […]

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फ़ोन से बुर चुदाई तक

यह उस समय की बात है जब मैं बी. टेक के दूसरे साल में था। मेरे दोस्त ने एक फ़ोन नंबर दिया और कहा- इस लड़की से बात करो। वो लड़की उसकी दूर की रिश्तेदार थी। मेरे दोस्त ने बोला- तू इसे प्रपोज कर देना।

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जिस्म की जरूरत-9

मैं मज़े से उनकी चूत चाट रहा था लेकिन मुझे चूत को अच्छी तरह से चाटने में परेशानी हो रही थी। उनकी चूत अब भी बहुत सिकुड़ी हुई थी, शायद काफी दिनों से नहीं चुदने की वजह से उनकी चूत के दरवाज़े थोड़े से सिकुड़ गए थे। मैंने अपना मुँह हटाया और उनकी तरफ देखा। […]

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पहली चुदाई पहले प्यार के साथ-2

Pahli Chudai Pahle Pyar ke Sath-2 इस बीच हम फ़ोन पर कुछ खुली बातें करने लगे थे। मैंने जाना कि वो कुँवारी है मैं भी कुँवारा था। पहली बार जब मैंने खुली बातें कीं तो वो बहुत गरम हो गई। उस दिन वो कुछ भी ठीक से नहीं कर पाई। उसने मुझे अगली बार ऐसा […]

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पासपोर्ट एजेंट की चुदाई

Passport Agent ki Chudai अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, मैं अन्तर्वासना का शुक्रगुजार हूँ कि उन्होंने मेरी पहली कहानी ‘टेली कॉलर की गेस्ट हाउस में चुदाई’ पसंद की, कई पाठकों के ईमेल भी मिले, सबको धन्यवाद। आगे नई कहानी लिखने जा रहा हूँ, यह कहानी एक साल पहले की है। जैसा कि आप […]

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ताई की चुदाई

Tai ki Chudai मेरा नाम नवनीत सिंह है। मेरी उम्र 20 साल है। मेरे परिवार में दादा-दादी, ताऊ-ताई, उनके बच्चे और दो चाचा-चाची और उनके बच्चे और मैं रहता हूँ। मतलब मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हूँ, जहाँ पर 16 मेम्बर हैं। जिसके ऊपर यह पूरी कहानी रचित हुई है, वो हैं मेरी ताई। […]

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पहली चुदाई पहले प्यार के साथ-3

Pahli Chudai Pahle Pyar ke Sath-3 मैंने जल्दी से उसकी कमीज़ नीचे से गर्दन तक मोड़ दिया। अब मैं उसके कपनुमा ब्रा को देख सकता था, पर मुझे फिर भी चैन नहीं मिला और मैं कमीज़ को पूरा निकालने लगा। उसने आपत्ति जताते हुए कहा- अब पूरा बाहर निकालोगे क्या? मैं हैरत में था, वो […]

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शर्म, हया, लज्जा और चुदाई का मजा-2

Sharm Haya Lajja Aur Chudai ka Maja-2 जयेश जाजू मेरे मन में एक अलग ही बेचैनी सी हो रही थी। बिना ब्रा-पैन्टी के कपड़ों में मेरे स्तनों का उभार भी काफी ढीला लग रहा था। टॉप के ऊपर से मेरे स्तनों का आकार काफी आसानी से समझ आ रहा था। मैं बार-बार अपने हाथों से […]

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शर्म, हया, लज्जा और चुदाई का मजा-3

Sharm Haya Lajja aur Chudai ka Maja-3 मैं धीरे-धीरे उसकी चूत का स्वाद लिए जा रही थी और निशा भी अपने हाथ मेरे सिर पर दबा कर मजे ले रही थी। ऐसा करीब 20 मिनट तक चलता रहा, अब हम दोनों बहुत थक चुके थे। फ़िर मैंने निशा से कहा- यार तूने मु्झे आज बहुत […]

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चूत चुदाई का कौतूहल

Chut Chudai ka Kautuhal परेश जोशी अन्तर्वासना के सभी पाठकों एवं गुरूजी को मेरा नमस्कार। मैं गुड्डू इन्दौर से हूँ, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने अन्तर्वासना की सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं 18 साल का था। मैं चुदाई […]

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शर्म, हया, लज्जा और चुदाई का मजा-4

Sharm Haya Lajja aur Chudai ka Maja-4 यहाँ मैं भी अब सोफ़े पर लेट गई थी, फ़िर रोहन मेरे पैरों के पास आया और निशा मेरे मुँह के पास आ कर खड़ी हो गई। मैंने निशा का हाथ पकड़ कर उसे नीचे खींचा और उसके मुख पर चूमने लगी। हम दोनों एक-दूसरे को चूम रहे […]

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