मेरी पहली चुदाई अस्पताल में नर्स से
अस्पताल की नाइट शिफ़्ट में मेरे साथ 42 साल की महिला नर्स थी। एक बार कोई मरीज नहीं था तो मैं लेटा था, वो मेरे पास आकर लेट गई और मेरी छाती पर पैर रख दिए।
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अस्पताल की नाइट शिफ़्ट में मेरे साथ 42 साल की महिला नर्स थी। एक बार कोई मरीज नहीं था तो मैं लेटा था, वो मेरे पास आकर लेट गई और मेरी छाती पर पैर रख दिए।
मैंने अपनी प्यारी दीदी को अपने दोस्तों से चुदवाया। उसके बाद दीदी उन्हें अपनी एक और चुदाई की कहानी सुनाने लगी कि कैसे बस स्टैंड पर उसे चार लफंगे मिले...
मेरे दोस्त ने अपनी बीवी की सहेली का नम्बर दिया। मैंने उस नम्बर पर मिस काल दी, करीब दो घंटे बाद उसका फोन आया तो मैंने उसे दोस्ती का आफर दिया। उसके बाद…
मैं बारहवीं में थी, जवान हो गई थी। स्कूल के सारे जवान लड़के मुझ पर मरते थे.. लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी। एक दिन सर ने अपना हाथ मेरे कन्धे पर रख दिया।
मेरी बुआ भरी जवानी में ही विधवा हो गयी थी. एक बार मैंने बुआ को चूत में मूली से चुदाई करते देखा तो मैंने बुआ की चुदाई करने की ठान ली. पढ़े मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी में कि मैंने कैसे बुआ को चोदा.
मेरे पड़ोस में मोटे कूल्हों वाली आंटी रहती थी। उसके पति दूसरे शहर में नौकरी करते थे। मैंने कैसे उस आंटी को पटा कर उनकी चूत चुदाई की, इस कहानी में पढ़िये।
एक रेस्तराँ में हुई एक लड़की से मुलाकात दोस्ती में बदल गई और मैंने उसे डिनर पर उसी रेस्तराँ में बुलाया। वापिसी में बारिश के कारण वो मेरे रूम में आ गई।
रेस्तराँ में हुई लड़की से दोस्ती और बारिश के कारण वो मेरे रूम में रुक गई। हम एक ही बिस्तर पर थे और उसने पहल की, वो मेरी तरफ़ घूमी और मुझे बाहों में ले लिया।
नशे में मैं अपने होटल रूम का दरवाजा नहीं खोल पाया। तो एक जोड़े ने मेरी मदद की। अगले दिन उठा तो मेरे लंड में दर्द था। बाथरूम में गया तो वहाँ एक पैन्टी टंगी थी
होटल में मुझे अपनी पुरानी पहचान वाली मिल गई थी उसके पति के साथ मैंने उसे चोदा और उसकी इच्छानुसार बहुत सारे लौड़ों से चुदने की उसकी इच्छा के लिए व्यवस्था की।
पड़ोस में एक भाभी को देखते ही तन-बदन में आग लग जाती थी, वो माल ही ऐसी थी। एक दिन मैंने उसके सामने ही चॉकलेट करीद कर उनके दरवाजे पर रख दी।
मैंने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए ट्यूशन टीचर रखी। एक दिन मेरा बेटा अपनी मम्मी के साथ शॉपिंग के लिये चला गया। तभी बारिश हो गई और टीचर भीगती हुई आई।
पड़ोस की दो भाभियों पर मेरी नजर थी। उनमें छोटी वाली मेरी नजर पहचानती थी। एक दिन बारिश में मैंने उसे अपनी बाइक पर बिठा लिया तो उसने मेरा फ़ोन नम्बर लिया।
मेरी समस्या अन्तर्वासना में प्रकाशित हुई तो मुझे काफ़ी मेल आए। एक लड़की की मेल आई, जिसमें लिखा था कि मैं आपकी सहायता कर सकती हूँ। उसी लड़की ने मेरी सहायता की।
गर्ल कॉलेज़ में इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगी तो वहाँ की लड़कियों को नकल करने देने के बदले एक शानदार प्रोफ़ेसर साहिबा ने खुद को मेरे सुपुर्द कर दिया। पढ़ कर मज़ा लें।