जिस्म की जरूरत-21
दिल्ली से मेरा यहाँ आना... रेणुका जी के साथ मिलना और फिर उनके साथ प्रेम की ऊँचाईयों को पाना... फिर वंदना का मेरी ज़िन्दगी में यूँ दाखिल होना और हमारे बीच प्रेम का परवान चढ़ना... सारी घटनाएँ बरबस मेरे होठों पे मुस्कान ले आती थीं।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
दिल्ली से मेरा यहाँ आना... रेणुका जी के साथ मिलना और फिर उनके साथ प्रेम की ऊँचाईयों को पाना... फिर वंदना का मेरी ज़िन्दगी में यूँ दाखिल होना और हमारे बीच प्रेम का परवान चढ़ना... सारी घटनाएँ बरबस मेरे होठों पे मुस्कान ले आती थीं।
मैं तब अनचुदी कुंवारी चूत थी जब मैंने पापा को मम्मी की चूत चोदते हुए पहली बार देखा था. उनके कमरे से आती आवाजों ने मेरी उत्सुकता बढ़ाई तो मैंने अन्दर झांका.
वन्दना की मम्मी रेणुका को गोद में उठाये हुए मैं धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ा और हौले से उसे बिस्तर पर लिटा दिया... उनकी चिकनी जांघों को चूमते चाटते जैसे ही चूत पर जीभ लगी…
मैं गोवा घूमने गया था। मैं लड़कियों की कमर पेट और नाभि का दीवाना हूँ। गोवा में एक रात तो बिना चुदाई के खाली ही निकल गई.. पर मैं चोदने के लिए मरा रहा था।
मेरा हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर चला गया और मेरी उंगली मेरी चूत में आगे-पीछे होने लगी। मैं एक हाथ से अपने चूचों को दबाने लगी। उधर मम्मी पापा का लण्ड चूस रही थीं
अचानक से रेणुका ने बिजली की फुर्ती से अपना गाउन लगभग खींचते हुए निकाल फेंका और शेरनी की तरह कूद कर मेरे ऊपर झपट पड़ी... अब इस बार कुचले जाने की बारी मेरी थी।
मुझे लगा वो मुझे लाइन दे रही है.. तो मैं कैसे पीछे रह सकता हूँ। जब वो नहाने लगी.. तो मैं उसे देखने लगा। उसने भी चोरी-छुपे मुझे देख लिया और वो मुझे अपने चूचे दिखाते हुए उनको बार-बार रगड़ने लगी।
हाय फ्रेंड्स मेरा नाम जतिन है और मैं अभियांत्रिकी का छात्र हूँ। मैं खाते पीते घर से हूँ.. इसीलिए मैं एक एथलेटिक और भरे हुए बदन का मालिक हूँ और दिखने में भी मैं एक आकर्षक लड़का हूँ। हर रोज जिम जाना मुझे अच्छा लगता है और ये मेरी हॉबी है। वैसे तो मुझे लड़कियाँ […]
मैं रोशनी के घर पढ़ने के लिए जाने लगा, वो बड़ी कमाल की माल दिखती थी, उसका शरीर किसी भी कुंवारी लड़की को हरा दे.. ऐसा था। पहले ही दिन मैं वो मुझे भा गई और मेरे मन में उसे चोदने की इच्छा जागृत होने लगी।
जैसे ही मेरी छाती नंगी हुई वैसे ही मैडम की ब्रा खुल कर नीचे गिरी और उसके मुम्मे उछल कर बाहर आ गए। अब मैडम ने अपने सिल्क के चमकते हुए पेटीकोट में हाथ डाला और मैंने अपनी पैंट के बटन खोलना शुरू कर दिया।
वो सर झुका कर टांगों में चूत की तरफ देख रही थी और चूत के बालों को रगड़ रही थी जिससे उसकी चूत के कुछ बाल उतर जाते थे। अचानक उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ गई।
ट्रेन के एसी कूपे में एक लड़की मेरे साथ अकेली थी। टीटी टिकेट चेक कर गया तो मुझे लगा कि अब इस कूपे में हम दोनों ही हैं। उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि वो लड़की …
मामा के घर शादी में गया, तो सोने की जगह की तंगी के कारण मैं अपनी ममेरी बहन और उसकी सहेली के कमरे में ही सोया. रात में दो कुंवारी लड़कियों के बीच मेरी अन्तर्वासना जाग उठी.
वो पहले तो मुस्कराती रही और फिर एकदम से बोली- क्या तू मुझे फिर से नंगी देखना चाहेगा? यह कह कर उसने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और मेरे होंठ चूमने लगी।
चेतना मेरे साथ स्कूल जाया करती थी। एक दिन बस से उतरते हुए वो फ़िसल गई और उसकी ड्रेस कीचड़ से सन गई। कीचड़ साफ़ करते हुए मेरे हाथ उसकी चूचियों पर पड़े तो…