बस में मिली भाभी का अकेलापन
दिल्ली से देहरादून आते हुए बस में एक महिला से मुलाक़ात हुई, एक दिन उसके घर गया तो उसके अकेलेपन ने उससे मेरे साथ वो सब करवा दिया जो करने से पहले एक भारतीय महिला सौ सौ बार सोचती है...
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दिल्ली से देहरादून आते हुए बस में एक महिला से मुलाक़ात हुई, एक दिन उसके घर गया तो उसके अकेलेपन ने उससे मेरे साथ वो सब करवा दिया जो करने से पहले एक भारतीय महिला सौ सौ बार सोचती है...
सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है। मेरे पड़ोस की एक भाभी के साथ मेरे यौन सम्बन्ध हुए, उसी घटना को इस कहानी में लिख रहा हूँ।
भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए। अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी।
भाभी ने मेरे खड़े लंड को अपनी सफाचट चूत में डाल रखा था और वो ऊपर चढ़ कर मुझको बड़े मज़े से चोद रही थी। धीरे धीरे वो ऊपर नीचे हो रही थी और मेरे होटों को भी झुक कर चूस रही थी।
हम पति पत्नी के साथ घटी यह सत्य घटना है. सौभाग्य से मेरे दोस्त का लंड अति विशाल था और जब हमें इसके बारे में पता चला तो हमने उसके लंड से चुदाई की योजना बनाई !
भाभी बोली- सोमू, अगर तुम तैयार हो तो तुम और कम्मो हम दोनों के सामने चुदाई करके दिखाओगे? और भैया को समझा दोगे कि चुदाई का सही तरीका क्या है?
भाभी ने आँखें खोली और मुझको देखा तो एकदम से खुश हो गई, उसने मेरे को अपनी नंगी छातियों से चिपका लिया और मेरा पायजामा भी खींच कर उतार दिया और कुरता भी उतार दिया। अब हम दोनों नंगे हो गए और एक दूसरे को नहलाने लगे।
भाभी ने भैया की कमर पकड़ ली और उनको स्पीड तेज़ नहीं करने दी। इधर मैंने अपना तना हुआ लंड भाभी की नाइटी को ऊपर उठा कर पीछे से उसकी उभरी हुई चूत में डाल दिया और धीरे से धक्के मारने लगा।
भाभी मुझसे गर्भाधान चाहती थी पर भैया की मंजूरी जरूरी थी. हम सबने भैया को खुश करने के लिए पारो को चूत चुदाई के इस खेल में शामिल किया तो भैया भी पारो की चूत मारने को आतुर दिखे.
भाभी मेरे वीर्य से गर्भ धारण करना चाहती थी, कम्मो भी इस काम में हमारी मदद कर रही थी। पहले मैंने कम्मो को चोदा, फ़िर रात को भाभी को अपना वीर्यदान करने को चोदा।
मेरे खड़े लंड को झुक कर भाभी ने प्रणाम किया और कहा- हे लंडम, जी मुझको एक पुत्र प्रदान करो! मैंने भी एक हाथ ऊँचा कर के कहा- तथास्तु… पुत्रवती भव!!!
उस वक्त भाभी अपनी साड़ी बदल रही थी। मैं उसे देखते ही रह गया.. उसे पता चल गया था कि मैं आ गया हूँ.. लेकिन तब भी उसने मुझे अनदेखा किया। मैंने उसे पीछे से देखा तो वो बहुत सेक्सी दिखाई दे रही थी और वो बहुत सुन्दर भी थी।
भाभी जल्दी ही चुदाई में पूरी तरह से रंग गई और खूब ज़ोर ज़ोर से मेरे धक्कों का जवाब देने लगी। कोई 10-12 मिन्ट बाद मैंने महसूस किया कि भाभी के गर्भाशय का मुंह खुल रहा है।
मेरी किरायेदार भाभी बहुत मस्त है, मुझे रोज भाभी का सेक्सी फिगर देख कर मुठ मारनी पड़ती थी। उसे भी पटा था कि मैं उसकी चूचियों को घूरता हूँ. तो वो कैसे चुदी... इस कहानी में पढ़ें !
कहानी के इस भाग में कि कैसे भाभी से रिश्ता आगे बढ़ा, कैसे भाभी ने अपनी कुंवारी गांड मुझे चोदने दी, पहले मैंने उंगली घुसा कर गांड के छेद को खुला किया और फ़िर…