गांव वाली भाभी को पटा ही लिया
गांव से चचेरे भाई भाभी हमारे साथ रहने आए। भाभी क्या माल थी, मेरे मन में तो सिर्फ भाभी आ रही थीं। मैंने भाभी को कैसे पटाया बेशर्म होकर… कहानी में पढ़ें।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
गांव से चचेरे भाई भाभी हमारे साथ रहने आए। भाभी क्या माल थी, मेरे मन में तो सिर्फ भाभी आ रही थीं। मैंने भाभी को कैसे पटाया बेशर्म होकर… कहानी में पढ़ें।
सविता भाभी को कौन नहीं जानता, सविता को सौन्दर्य प्रतियोगिता का इनाम हिल स्टेशन की यात्रा मिली हिअ। सविता अपनी सहेली को अपने साथ ले गई। ट्रेन में क्या हुआ?
पत्नी को अगर पति का प्यार ना मिले, पति दूसरी लड़कियों के चक्कर में रहे तो बीवी को अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए गैर मर्द का सहारा लेना पड़ता है।
सविता भाभी की रंगीन मिजाजी के किस्से सविता भाभी के चाहने वालों को मालूम है। एक बार सविता का पति घर में अकेला था तो उसके साथ क्या बीती, देखें ...
भाई की शादी हो गई, भाभी घर आ गईं, भाभी और मैं बहुत मज़ाक करते थे, भाभी की अदाओं के चलते उनके चूचे भी कई बार दिख जाते थे। भाभी की जवानी की फ्री सेक्स कहानी मजा लें!
सविता भाभी के बगल के घर में दो जुड़वां भाई रहने आए. जवान गठीले जिस्म वाले लड़कों को देख उनकी वासना ने अंगड़ाई ली और सोचने लगीं कि इनका ख्याल तो मैं जरूर रखूंगी
भाभी मेरे साथ खुल गई थी, अब बस मौके की तलाश थी जो जल्दी ही मिल गया। हम दोनों अकेले थे घर में, मैं भाभी के कमरे में सोने गया, भाभी भी थोड़ी देर में आ गई।
वरुण और तरुण जुड़वां भाई हैं, वरुण से चुदाई के बाद वरुण के जुड़वां भाई तरुण से सविता भाभी की चुदाई किस रंगीन अंदाज में हुई.. इसका दूसरा भाग प्रस्तुत है।
भाभी बोली- चल थोड़ा बूबू पी ले, मेरी चूत कई दिन की प्यासी है अपने लंड से इसकी प्यास बुझा। तू मेरी पेंटी सूंघ रहा था तो मैं समझ गई थी तेरी नजर मेरी चूत पर है।
भाभी और मेरे बीच दोपहर में जो हुआ था, मैं उसे ही सोच कर अपने आप उत्तेजित हो रहा था, जल्दी से रात होने का इन्तजार कर रहा था। रात हुई तो भाभी ने क्या किया?
जैसे ही मैंने भाभी की नंगी योनि को छुआ.. उनके मुख से हल्की सीत्कार फूट पड़ी और स्वतः उनकी दोनों जाँघें एक-दूसरे से चिपक गईं... मगर फिर जल्दी ही वो खुल भी गईं।
भाभी लेटे-लेटे ही अपने पेटीकोट से मेरी जाँघों व लिंग को पोंछने लगीं। इससे भाभी का पेटीकोट भी ऊपर को हो गया और उनकी नंगी योनि मेरे कूल्हों को छूने लगी।
मैं एक हाथ से भाभी के भरे हुए मखमली नितम्बों व जाँघों सहलाने लगा। मेरा साथ मिलते ही भाभी ने मुझे जोर से भींच लिया और जोरों से मेरे होंठों को चूमने-चाटने लगीं.
भाभी घर के बाहर झाड़ू लगा रही थीं तो उनका पल्लू कभी नीचे गिरा और उनके चूचों के बीच की दरार दिखी। उस पड़ओसन भाभी की नंगी चूत को मैंने कैसे चोदा?
बुआ के गांव गया तो सामने वाली एक देसी भाभी पर नजर पड़ी, उसे पटाने की कोशिश की पर कुछ नहीं हुआ। एक दिन मैं अकेला था और वो आ गई। चुत चुदाई कहानी का मजा लें।