हाथ में हाथ-2
वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में उसकी टिमटिमाती आँखें स्नेह से भरकर मुझे देख रही थीं। फिर थोड़ा मुस्कुरा कर उसने नजरें हटा लीं। सफर अचानक सुहाना लगने लगा, तभी जोरदार गर्जन हुआ। अकस्मात बिजली के इस प्रचंड रूप से घबराई रंजू मुझमें सिमट गई। मेरे हाथ उसकी पीठ पर आना […]