जवान बहनों के साथ लुकाछिपी-2
मामा घर जाकर मैंने खेल-खेल में अपनी सेक्सी बहन को गर्म करके चोद दिया. मगर हमें उसकी छोटी बहन ने चुदाई करते हुए देख लिया था. उसके बाद जो हुआ वो मैंने कभी नहीं सोचा था. कहानी में पढ़ें.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मामा घर जाकर मैंने खेल-खेल में अपनी सेक्सी बहन को गर्म करके चोद दिया. मगर हमें उसकी छोटी बहन ने चुदाई करते हुए देख लिया था. उसके बाद जो हुआ वो मैंने कभी नहीं सोचा था. कहानी में पढ़ें.
यह कहानी बताते हुए बहुत शर्म आ रही है पर मैं करूं भी तो क्या ... मुझे अपने दिल का बोझ हल्का करना है. मेरी माँ की फिगर अच्छे अच्छों का ध्यान भटका देती है. एक बार क्या हुआ कि ...
ट्रांसफर होकर मैंने कानपुर में मकान किराये पर लिया. ठीक सामने गुप्ताइन का घर था. मैंने जब से उसे देखा, दिल उस पर फिदा था, मैं किसी भी तरह उसको चोदना चाह रहा था.
जानकारी के अभाव में कई पुरुष, महिलाएं काम-क्रीड़ा का सही से आनंद नहीं ले पाते. उनके मन में कुछ सवाल, उलझन, असमंजस की स्थिति बन जाती है. ऐसे ही कुछ पाठकों की उलझन दूर करने का प्रयास किया है इस लेख में.
मेरे प्यारे पति देव, मुझे माफ कर दो, मैं तुमसे बात करने के बाद बहुत बेचैन हो गयी, नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने भी तुम्हारा नाम लेकर उंगली से अपनी चूत की चुदाई कर ली.
अपने शौहर से खुश ना होने के कारण मैंने अपने पड़ोसी लड़के से सेक्स सम्बन्ध बना लिए. मुझे मजा आया. मैंने उससे दोबारा अपनी प्यासी चुत चुदाने के लिए क्या किया?
आपकी शालिनी भाभी एक बार फिर से आप सबके लंड खड़े करने आ गई है अपनी एक नई कहानी लेकर! कि कैसे हाईवे पर उसकी कार खराब हो गयी और फिर ...
मैं अपनी पड़ोसन की कुंवारी बेटी को एक बार चोद चुका था. उसने अपनी पहली चुदाई खुल कर करवाई और पूरा मजा लिया. उसके बाद मैंने उसके साथ और क्या क्या किया, पढ़ें और मजा लें!
मैं पड़ोस में रहने वाली सेक्सी आंटी को देखा करता था. आंटी के मोटे चूचों को देख कर सेक्स चढ़ जाता था. एक दिन उसके घर जाकर मुझे उसकी चूत चोदने का मौका भी मिल गया. कैसे?
मैंने अपने पड़ोसी को अपने वश में करके उसके मोटे लंड से चुत की प्यास बुझाई तो मुझे अब और ज्यादा सेक्स की आग लग गई. एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया तो ...
आज तक सिर्फ पॉर्न मूवी में देखा था, पर अब उस पल को महसूस कर रही थी. मेरी मुलायम गोरी जाँघों और चूतड़ों को उसने चूसा चाटा और धीरे से काटा, उसने मेरी गांड को भी सूंघा.
भरी सर्दी में शाम के समय जयपुर हाईवे पर मेरी कार खराब हो गयी और एक मकैनिक के साथ उसके गेराज में चली गयी. कार ठीक करते करते वहाँ और क्या हुआ?
पड़ोसन की बेटी को मैं पेपर दिलाने लखनऊ ले गया. वहां होटल में चुदाई के खूब मजे लेने के बाद दूसरे दिन हम वापस आ गए. लेकिन अब मैं उसकी दोबारा चुदाई के जुगाड़ में था.
मेरे पास लण्ड अब भी था पर मैं मन से और लिबास से औरत थी और अपने दोनों पतियों के साथ प्यार से रहती थी। तभी होली आयी तो हमने वो त्यौहार कैसे मनाया?
नम्रता पलंग पर पेटकर बल लेट गयी, टांगें फैला कर दोनों हाथों से कूल्हे को पकड़ कर फैला कर बोली- शरद आ जाओ, मैंने गांड खोल दी है.. इसकी खुजली मिटाओ.