रंग में संग

प्रेषिका : विधि गुप्ता मेरा नाम विधि है। यह मेरी पहली कहानी है और सच्ची कहानी है। अगर आप इस कहानी को पसंद करेंगे तो मैं और भी कहानी लिखूँगी। मैं मुंबई में रहती हूँ, मेरे पापा रेलवे में अधिकारी हैं। हमारे परिवार में पापा-मम्मी और मैं ही हूँ। मेरी परवरिश अच्छी तरह से हुई […]

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मकान मालिक की लड़की

मेरे मकान मलिक की लड़की रोज़ कॉलेज़ में मिला करती थी और मैं उसे बहुत देखा करता था। मुझे उसके सेक्सी गोल-गोल वक्ष टॉप के ऊपर से बड़े अच्छे लगते थे, और उसके चूतड़ तो क्या कहिए! मानो स्वर्ग है!

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बैंड बजा डाला

प्रेषक : मस्त कलन्दर दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर ! मैं यहाँ दूसरों की कहानियाँ पढ़ने में काफी समय बिताता हूँ। इतना पढ़ने के बाद आज मेरा भी मन किया कि कुछ लिखा जाए तो यह कहानी आपके लिए लाया हूँ। सच है या काल्पनिक इसका फैसला मैं आप पर छोड़ रहा […]

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पापा का दोस्त

प्रेषिका : लवीना सिंह अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्यार भरा सलाम। मैं नियमित रूप से सारी कहानियां पढ़ती हूँ और बस यही कहूँगी कि मुझे बड़ा मज़ा आता है। अब मेरे बारे में : मैं तेईस साल की लड़की हूँ, शादीशुदा हूँ और पति भी ठीक ठाक ही है। मेरा रंग सांवला है और […]

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बर्फी खाकर गुड़ में मजा कहाँ रहता है

प्रेषिका : प्रिया घोषाल पाठकों को मेरी प्यारी सी चूत की तरफ से बहुत सारा प्यार ! काफी सारी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं चाहती हूँ कि अपनी आप-बीती भी मैं आपको सुनाऊँ। मेरा नाम बेला है, मैं मुज़फ्फरनगर से हूँ। मेरी शादी एक सीधे साधे चूतिया टाइप के इंसान से हुई है। शादी के […]

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टी वी की सुधराई

प्रेषक : अतुल अग्रवाल अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ने के बाद मैंने भी एक कहानी लिखने की कोशिश की। यह एक सच्ची कहानी है। मेरी कहानी में एक नया अनुभव है जो मेरा एक सबक है और मेरा पहला सेक्स है। यह बात करीब छः साल पुरानी है जब मैं अपनी टी वी की दुकान पर […]

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मामी की बुर के मोटे होंठ

यह बात कोई 6 महीने पहले की है लेकिन है बिल्कुल सच्ची! मैं किसी काम से मामा के यहाँ गया जो कि शहर में रहते हैं। जब मैंने घर पहुंचकर घण्टी बजाई तो दरवाजा मेरी मामी ने खोला। और गजब… मैंने देखा तो फिर देखता ही रह गया। मेरी मामी इतनी खूबसूरत थीं कि उनको […]

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मेरी मंगेतर-1

प्रेषक : कर्ण कुमार मेरा नाम करण है, मैं शिमला से हूँ और दिल्ली में काम करता हूँ, आपको अपनी असली कहानी सुनना चाहता हूँ। मैंने दो महीने पहले अन्तर्वासना-कथाएँ पढ़नी शुरू की और सोचा कि मुझे भी अपनी असली कहानी सुनानी चाहिए कि मैंने कैसे पहली बार अपनी होने वाली बीवी के साथ सेक्स […]

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मेरी मंगेतर-2

प्रेषक : कर्ण कुमार कुछ दिन बाद मेरा जन्मदिन था। कोमल ने पूछा- क्या उपहार चाहिए? मैंने कहा- मैं तुम्हें बिना कपड़ों के देखना चाहता हूँ। वो उपहार को कैसे मना करती, उसने कहा- ठीक है, पर देखोगे कहाँ? मैंने कहा- तुम्हारी किसी सहेली के घर पर ! उसने बोला- मेरी एक सहेली अकेली रहती […]

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रास्ते में मिली एक हसीना-1

लेखक : जय कुमार मैं जय कुमार कालबाय हूँ और एक बार फिर से नई कहानी लिख रहा हूँ जो एक हकीकत है, आप लोग मानो या ना मानो मुझको कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरा परिचय एक बार फिर : नाम जय, रंग साफ, कद 5 फीट 8 इन्च, एकदम से स्लिम, दिल्ली में […]

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रास्ते में मिली एक हसीना-2

लेखक : जय कुमार मैं कहने लगा- वन्दना, मुझे बहुत भूख लगी है ! वन्दना ने कहा- हाँ क्यो नहीं ! अभी दो मिनट में खाना लगाती हूँ। और फिर हम दोनो ने बैठकर खाना खाया। खाने खाने के बाद मैंने कहा- वन्दना जी आप इस घर में अकेली ही रहती हैं या फिर साथ […]

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पैगाम-1

लेखिका : नेहा वर्मा मेरा नाम लहरी बाई है, उम्र अभी 29 वर्ष, जिस्म मांसल और गदराया हुआ है। मेरा जिस्म थोड़ा भारी है पर मैं मोटी नहीं हूँ। पुरुषों में मैं एक आकर्षण का केन्द्र हमेशा से रही हूँ। मैं एक पतिव्रता स्त्री हूँ, रोज सवेरे जब मेरे पति हरि प्रसाद पूजा करके उठते […]

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पैगाम-2

लेखिका : नेहा वर्मा “क्या ? गंगा तो एक दम बढ़िया है … कस कर चोदता है, गाण्ड भी बजा देता है और क्या?” मैंने हंस कर कहा। “नहीं, राम रे एक पैगाम और आया है, दुर्गा प्रसाद का… वो डॉक्टर का दोस्त… गंगा का दोस्त !” “अरे मरना है क्या, गंगा को पता चल […]

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निशा की बहन लताशा की चुदाई

प्रेषक : रवि मेरी पिछली कहानी “शादी शुदा औरत की चुदाई” को आप सभी ने पसंद किया उसके लिए धन्यवाद। अब मैं आपको एक और कहानी बताने जा रहा हूँ, इस बार मैंने निशा और निशा की बहन लताशा के साथ सेक्स किया। निशा के साथ सेक्स करने के बाद वो मुझे अकसर अपने घर […]

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ड्राईवर को अपना जिस्म सौंपा

सभी अंतर्वासना पढ़ने वाले पाठकों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम! मैं इस वेबसाइट की कायल हूँ और हर दिन सिस्टम पर बैठने के साथ ही अन्तर्वासना खोल लेती हूँ और लोगों द्वारा भेजी गई सच्ची कहानियाँ, लोगों के बिस्तर की दास्ताँ जब पढ़ने को मिलती है तो मेरी खुद की फुद्दी पानी छोड़ने लग जाती है, […]

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