कामवाली का काम कर डाला

लेखक : हर्ष कपूर दोस्तों और चाहने वालों को नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है। मैं जबलपुर, मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक बड़े स्कूल में टीचर हूँ। यह कहानी आज से 6-7 महीने पहले की है जब मेरे मन में वासना के तूफ़ान उठने शुरू हुए। मैं […]

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मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-1

मेरा नाम अरविन्द है, मेरी उम्र 50 वर्ष, पिछली पीढ़ी का व्यवसायी और एक विधुर हूँ। मेरी पत्नी माधुरी की कैंसर के कारण जल्दी मृत्यु हो गई थी, वह मुझे तीन बच्चों, बड़ी बेटी प्रियंका (अब 27), मेरा बेटा नील (अब 25), और छोटी बेटी अनुष्का (अब 22) का पालन-पोषण अकेले ही करने के लिए […]

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मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-2

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-2 बाहर पहुँचते पहुँचते मैं अपने को रोक नहीं पाया और जैसे ही सोनल चाय स्टूल पर रखने के लिए झुकी, मैं अपनी दोनों हथेलियाँ उसके कूल्हों पर टिकाते हुए बोला- नाइस बम्स ! इसी के साथ मैंने अपनी दोनों कन्नी उंगलियाँ कूल्हों की दरार में दबा दी। ‘ओह पापा ! […]

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मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-3

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-3 मैंने उसके चूतड़ों को थपथपाते हुए कहा- तुम बहुत समझदार हो जानम ! तुम उसे हमेशा खुश और संतुष्ट रखोगी ! मैंने उसके होंठों को फ़िर चूमा, बोला- और मैं तुम्हें हमेशा खुश और संतुष्ट रखूँगा ! ‘मुझे पता है पापा… ‘ उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ […]

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मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-4

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-4 सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के बीच में रगड़ कर उन्हें फ़ैलाया और मेरे हल्के से दबाव से मेरा सुपारा अन्दर फ़िसल गया। ‘अओह…हा… आ…अई…’ सोनम ने जोर से एक चीख मारी। उधर से आवाज आई […]

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तेरी याद साथ है-17

प्रेषक : सोनू चौधरी रिंकी की अक्षतयोनि का शील भंग करने के बाद: दिल तो मेरा भी नहीं कर रहा है जान, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है और सबके वापस आने का वक़्त हो चुका है। अब आप जाओ और मैं भी जाकर अपने प्रेम की निशानियों को साफ़ कर देती हूँ वरना […]

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तेरी याद साथ है-18

प्रेषक : सोनू चौधरी मैंने प्रिया को आँख मारी और उसे लेकर धीरे से बिस्तर पे लेट गया। लेट कर मैंने उसे अपने से बिल्कुल सटा लिया और अपना एक पैर उठाकर उसके ऊपर रख दिया और उसे और भी करीब कर लिया। अब मैंने उसके बालों में अपनी उँगलियाँ फिराईं और धीरे धीरे अपनी […]

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हुई चौड़ी चने के खेत में -2

मेरा मन बुरी तरह उस मोटे लंड के लिए कुनमुनाने लगा था। काश एक ही झटके में जगन अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दे तो यह जिंदगी धन्य हो जाए। मेरी छमिया ने तो इस ख्याल से ही एक बार फिर पानी छोड़ दिया।

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तेरी याद साथ है-19

प्रेषक : सोनू चौधरी “प्लीज जान…अपने हाथ ऊपर करो और मैं जो करने जा रहा हूँ उसका मज़ा लो…” मैंने उसे समझाते हुए कहा। “हाय राम…पता नहीं तुम क्या क्या करोगे…मुझसे रहा नहीं जा रहा है…” प्रिया ने अपनी हालत मुझे व्यक्त करते हुए कहा और फिर अपने हाथों को ऊपर अंगड़ाई लेते हुए हटा […]

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हुई चौड़ी चने के खेत में -3

मैंने अपनी छमिया की फांकों पर पहनी दोनों बालियों को पकड़ कर चौड़ा किया और मूतने लगी। फिच्च सीईईई.... के मधुर संगीत के साथ पतली धार दूर तक चली गई। आपको बता दूं मैं धारा प्रवाह नहीं मूतती। बीच बीच में कई बार उसे रोक कर मूतती हूँ।

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तेरी याद साथ है-20

प्रेषक : सोनू चौधरी निक्कर निकलते ही मेरा मुन्ना बिल्कुल अकड़ कर फुफकारने लगा। प्रिया की आँखें फ़ैल गईं और फिर उनमें वही चमक दिखने लगी जो कि पिछली रात को नज़र आई थी। उसने झट से मेरे लंड को अपने हाथों में जकड़ लिया और झुक कर लंड के सुपारे पर एक किस्सी कर […]

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हुई चौड़ी चने के खेत में -4

'अबे साले... मुफ्त की चूत मिल गई तो लालच आ गया क्या?' मैंने अपनी गांड से उसकी उंगुली निकालने की कोशिश करते हुए कहा। 'भौजी.. एक बार गांड मार लेने दो ना?' उसने मेरे गालों को काट लिया।

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तेरी याद साथ है-21

प्रेषक : सोनू चौधरी मैंने बिना वक़्त गवाए अपने लंड को बाहर खींच कर फिर से एक धक्का मार कर अन्दर ठेल दिया। फच्च …एक आवाज़ आई और मेरा लंड वापस उसकी चूत की गहराइयों में चला गया और प्रिया के मुँह से फिर से एक सिसकारी निकली। मैंने बिना रुके अपने लंड को आगे […]

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हुई चौड़ी चने के खेत में -5

मैं चाह रही थी कि काश वक्त रुक जाए और जगन इसी तरह मुझे चोदता रहे। पर मेरे चाहने से क्या होता आखिर शरीर की भी कुछ सीमा होती है। मैंने अपनी चूत का संकोचन किया

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