फ़ुलवा
उसका पति धीरू दो बरस पहले शहर कमाने चला गया। गौने के चार माह बाद ही चार-छः जनों के साथ वह चला गया। तब से अकेली फ़ुलवा घर गृहस्थी संभाल रही है। घर का दरवाजा बांस की फट्टी जोड़कर बना है। उसी में सैकड़ों रूपए निकल गए हैं। अब गौरी ही उसकी आजीविका का साधन […]