भगवान मुझे एक साली दो।

प्रेषक : ?? तुम श्लील कहो, अश्लील कहो चाहो तो खुलकर गाली दो ! तुम भले मुझे कवि मत मानो मत वाह-वाह की ताली दो ! पर मैं तो अपने मालिक से …हर बार यही वर माँगूँगा- तुम गोरी दो या काली दो भगवान मुझे इक साली दो ! सीधी दो, नखरों वाली दो साधारण […]

पूरी कहानी पढ़ें

मेरी नौकरानी सरोज-1

प्रेषक : रॉकी अन्तर्वासना के सभी पाठको, प्यार भरा नमस्कार ! आप सभी ने मेरी जिंदगी की सबसे पहली सेक्सी घटना ‘ बुआ ने मुझे चोदा” को बहुत पसंद किया उसका धन्यवाद ! आज मैं आप सबको अपनी जवानी के दिनों की बहुत ही अच्छी घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ ! जब […]

पूरी कहानी पढ़ें

मेरी नौकरानी सरोज-2

पहले भाग मेरी नौकरानी सरोज- 1 से आगे … अब मैं निश्चिंत होकर उसके ऊपर आ गया और उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। उसकी चड्डी चूत-रस से गीली हो चुकी थी और अपनी मादक खुशबू से मुझे पागल किये जा रही थी। मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी और खुद भी पूरा नंगा हो […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-1

सानिया खान मेरे दोस्त प्रोफ़ेसर जमील अहमद खान की बेटी है, 18 साल की बी कॉम प्रथम वर्ष की छात्रा है, बहुत सुन्दर चेहरे की मालकिन है। एकदम गोरी, 5’5' लम्बी, पतली छरहरी काया, लहराती-बलखाती जब वो सामने से चलती तो मेरे दिल में एक हूक सी उठती।

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-2

सानिया की पसंद की पैन्टी उसकी सेक्सी पैन्टी से थोड़ी और छोटी थी। चूतड़ तो लगभग 90% बाहर ही रहता, पर योनि ठीक ठाक से ढक जाती। उसने उसका चटख लाल रंग पसंद किया।

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-3

काल-गर्ल के बारे में सुन कर सानिया का चेहरा लाल हो गया। वो चुप-चाप खाना खाने लगी। फ़िर हम टीवी देखने लगे, वो एक फ़िल्म लगा कर बैठ गई। मुझे लगा कि शायद काल-गर्ल वाली बात उसे अच्छी नहीं लगी। पर मैंने उसे अब नहीं छेड़ा, सोचा देखें अब वो खुद कैसे मुझे मौका देती […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-4

हम सब मेरे बेडरूम में आ गए, तब रागिनी ने पूछा- मैं खुद कपड़े उतारूँ या आप दोनों में से कोई? मैं सानिया की तरफ़ देख रहा था कि उसका क्या मिजाज है। उसे लगा कि मैं शायद उसको कह रहा हूँ कि वो कपड़े उतारे, इसलिए वो रागिनी की तरफ़ बढ़ गई। रागिनी ने […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-5

थोड़ी देर बाद मैंने रागिनी की चूत से मुँह हटाया। वो बिल्कुल निढ़ाल दिख रही थी। मैंने उसको तकिये के सहारे बिठा दिया और अपने दाहिने हाथ की बीच वाली ऊँगली चूत में घुसा दी। फ़िर ऊपर की तरफ़ उँगली को चलाते हुए रागिनी के जी-स्पॉट को खोजना शुरु किया, और तभी रागिनी का बदन […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-6

एक-एक बूँद आँसू उसके दोनों गालों पर बह निकले। उसने अपने हाथों से अपना चेहरा ढक लिया। 5-6 सेकेण्ड बाद मुस्कुराते हुए हाथ हटाए और बोली- बेटीचोद ! और मेरे गले से लिपट गई। सानिया की आँख भी गीली हो गई। उसकी नजरों में भी मेरे लिए अब प्यार दिख रहा था। वो बोली- मैं […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-7

प्रेषक : संजीव चौधरी करीब नौ बजे रागिनी चली गई। सानिया ने उससे वादा लिया कि वो फ़िर एक बार आयेगी, तब शुक्रवार को आने की बात कही, क्योंकि शनि और रविवार को राजिन्दर उसकी मेरे साथ बुकिंग के बाद एक घन्टे में अगले 5 सप्ताह की बुकिंग कर चुका था। मुझे भी रागिनी बहुत […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-8

करीब बारह बजे हम दोनों साथ ही नहाए और नंगे ही बाहर आए तो मैंने कहा- जल्दी तैयार हो जाओ, आज बाहर ही लंच लेंगे। वो जल्दी ही आ गई। उसने एक सफ़ेद स्कर्ट और गोल गले का लाल टॉप पहन रखा था और पोनी टेल में बंधे बाल के साथ वो बहुत सुन्दर दिख […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-9

प्रेषक : संजीव चौधरी अगले दिन सुबह 8 बजे सूरी का फ़ोन आया- सर, आज दस बजे उसको तैयार रहने बोलिए, कल सुबह तक के लिए बुक किया है उसको। बहुत किस्मत से मेरे एक क्लाईंट का फ़ोन आया अभी। पाकिस्तानी हैं, अबुधाबी में रहते हैं। बाप-बेटा हैं पर एक साथ ही लड़की चोदते है। […]

पूरी कहानी पढ़ें

मस्त है यह सानिया भी-10

प्रेषक : संजीव चौधरी वकार अब छुटने वाला था, तब वो बोला- तुमको मेरा सारा मणि खा जाना है। मेरे लिए यह कोई नई बात नहीं थी, पर यह शब्द नया था, शायद पाकिस्तान में वीर्य को मणि बोलते हैं। मुझे तो हिन्दी के शब्द ही आते थे। मैं मुँह खोल कर सामने जमीन पर […]

पूरी कहानी पढ़ें

बुआ हो तो ऐसी-1

(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) घर की मौज हर किसी को नसीब नहीं होती पर शायद मैं इस मामले में खुशनसीब था जो मुझे वो सब मिला जो हर घर में हर किसी को नहीं मिलता। तब मैं गाँव में रहता था। दसवीं तक पढाई कर चुका था पर गाँव में दस से आगे […]

पूरी कहानी पढ़ें

बुआ हो तो ऐसी-2

(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) मैं एक बार ठंडा हो चुका था पर मेरे सामने जो आग पड़ी थी उसे देखते ही बदन का खून फिर से गर्म होने लगा। अब मैंने बुआ की साड़ी उतारनी शुरू कर दी और अगले ही पल बुआ सिर्फ पेटीकोट में मेरे सामने पड़ी थी। मैंने बुआ के […]

पूरी कहानी पढ़ें