बीवी या बहन.. क्या कहूँ
मेरी पोस्टिंग राजकोट में हुई, मुश्किल से एक रूम मिला, मकान मालकिन बेडौल शरीर वाली बिन ब्याही आंटी थी पर कहानी की नायिका से मुलाकात इन्हीं के घर में हुई।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मेरी पोस्टिंग राजकोट में हुई, मुश्किल से एक रूम मिला, मकान मालकिन बेडौल शरीर वाली बिन ब्याही आंटी थी पर कहानी की नायिका से मुलाकात इन्हीं के घर में हुई।
नारी को जब पति से पूरा यौन सुख नहीं मिलता तो इस आनन्द की तलाश में वो रिश्ते नाते ताक पर रख कर भी इसे प्राप्त कर लेती है। ऐसा ही कुछ इस कहानी में है।
हम एक ही बर्थ पर थे तो मेरी हरकतों से वो लड़की गर्म हो गई, मेरा साथ देने लगी। कहानी पढ़ कर देखिये कि मैंने उसे कैसे चोदा और उसने कैसे मेरी चुदाई का मज़ा लिया।
गौसिया मेरा लंड अपने बदन के अन्दर चाहती थी। मैंने उसे गांड मराने का सुझाव दिया तो वो फ़ौरन तैयार हो गई। कहानी में पढ़िए कि कैसे मैंने उसकी गुदा को तैयार किया।
एक हसीन पर अधूरा अहसास, एक हादसा करीब दो साल पहले हुआ था, मेरा अधूरा यौन सुख.. कई बार मै खुद को कोसता हूँ तो कभी सोचता हूँ कि मैंने जो भी किया वो ठीक था.
आपी की जांघों में लन्ड रगड़ने से उन्हें मज़ा आने लगा और वो खुद लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रखने लगी। तभी आईने में आपी को ऐसा दिखा कि वो मुझसे चुद रही हों।
भाभी ने बताया कि वो तो उसी दिन से मुझसे चुदना चाह रही थी जब मैं उनके ऊपर गिरा था। तो कहानी पढ़ कर देखिये कि कैसे भाभी ने खुद से सेक्स की शुरुआत की !
मैं अपनी एक समस्या का हल आप पाठकों से चाहता हूँ. मेरी बीवी पहले तो खूब मज़े से गांड मरवाती थी लेकिन अब वो गांड मारने नहीं दे रही है. मैं क्या करूँ!
गर्लफ्रेंड की चुदाई करते हमें पड़ोसन भाभी ने देखा तो वो अपनी चुदाई की बात करने लगी। एक दिन भाभी ने मुझे बुलवाया चु्दाई करवाने क्योंकि उसके घर कोई नहीं था।
औरत के जीवन में माँ बनना सबसे बड़ा सपना होता है जिसे पूरा करने के लिये वो क्या कुछ नहीं कर गुजरती। मेरे दोस्त की पत्नी ने सन्तान पाने के लिये क्या किया!
मेरी पड़ोसन की लड़की प्रतिबन्धों के दायरों में रह कर उन सभी कामों का आनन्द मेरी मदद से उठा रही थी। अक्षतयोनि रखने की चाहत में उसने गांड में लिंग का स्वाद चखा।
बात यह है कि पिछले छः महीनों से मेरे अन्दर अजीब सा बदलाव आया और मुझे मर्द अच्छे लगने लगे हैं। मुझे लगता है कि मेरे अन्दर हमेशा से एक लड़की छिपी थी..
फ़रहान को हम दोनों को तकते देख आपी ने उसे पास बुलाया, उसके लन्ड को सहला कर उसे मेरी गान्ड मारने को कहा। अब आपी सबसे आगे, उनके पीछे मैं, मेरे पीछे फ़रहान…
मैं अपने गाँव गया तो चाचा की बहुएँ यानि मेरी भाभियाँ मुझसे खूब मज़ाक करने लगी. उनकी बातें द्विअर्थी व अश्लील लग रही थी. जब भाभी मुझे तालाब पर नहाने ले गई तो!
हम दोस्त गोआ गए तो हम में से एक मसाज पार्लर गया, उसने लौट कर बताया कि वहाँ कुछ नहीं हुआ, मुठ मारनी पड़ी। जब मैंने उससे प्यार से पूछा तो उसने पूरी कहानी बताई।