मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-21
उसकी चूत अंदर से एकदम कसी और ऊपर से बिल्कुल किशोरियों जैसी दिखती है इसलिये जो सलोनी की चूत को एक बार देख ले, वह तो पागल ही हो जाता है।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
उसकी चूत अंदर से एकदम कसी और ऊपर से बिल्कुल किशोरियों जैसी दिखती है इसलिये जो सलोनी की चूत को एक बार देख ले, वह तो पागल ही हो जाता है।
भैया अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे ऊपर लेट गए, मैं भी आँखें बन्द करके पड़ी रही और भैया के लिंग के प्रवेश कराने का इंतजार करने लगी। भैया ने एक हाथ से अपने लिंग को मेरी योनि के प्रवेश द्वार पर रख कर जोर का धक्का मारा..
घर, बीवी से दूर रहने के कारण चुदाई की प्यास तो लगनी ही थी। मैंने एक होटल में काम करने वाली लड़की को पटाया, वो विधवा थी चुदासी थी। उसे मैं किसी दूसरे शहर के होटल में ले गया।
बेटी दामाद के उन्मुक्त सेक्स को देख कर अपने पति से असन्तुष्ट मां ने सभी बन्धन तोड़ते हुए अपनी बेटी से उसके पति के साथ सेक्स करने की इच्छा जाहिर की तो बेटी की क्या प्रतिक्रिया हुई? इस कहानी में पढ़िए!
मैंने आपी की टाँगों को खुलता महसूस कर लिया था और उनकी चूत से बहते पानी ने भी मुझे यह समझा दिया था कि अब आपी का दिमाग उनकी चूत के कंट्रोल में आ गया है..
मैं अपने ननिहाल गया तो बड़ी मामी के बदन, उनकी कातिलाना अदाओं, मटकते चूतड़ों को देख कर मेरा मन करता कि मामी को वहीं आँगन में लेटा कर चोद दूँ.. क्या मैं ऐसा कर पाया? क्या हुआ मेरे साथ? इस कहानी में…
मैं मामा की शादी में गया, काफ़ी सुंदर लड़कियाँ आई हुई थीं.. एक लड़की मुझे अच्छी लगी, उसे लाइन दी तो वो भी शुरू हो गई। उस लड़की को पटा कर मैंने कैसे बजाया, कहानी पढ़ कर पता लगाइये।
अपनी चुदासी मॉम की हालत देख कर मेरी बीवी ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं उसकी मॉम यानि अपनी सास को चोद कर उन्हें यौनसुख प्रदान करूँ! क्या मैं यह कार्य कर पाया?
मैं अपनी ज़ुबान से चाटता हुआ रान से घुटने.. और फिर पिण्डलियों से हो कर पाँव तक पहुँचा और आपी की सलवार को उनके जिस्म से अलग करके पीछे फेंक दिया।
मैं अपनी मामी को चोदने के जुगाड़ में था, वो मेरे साथ ही सो रही थी पर मेरी गांड फ़ट रही थी कुछ करते हुए… इस कहानी को पढ़ कर देखिये कि मैंने कुछ किया या नहीं?
अपनी सुहागरात तक मैं बिल्कुल कुंवारी थी, शादी के बाद सुहागरात को मुझे डर था कि क्या होगा कैसे होगा, दर्द होगा. इसी डर के चलते मेरे पति कमरे में आए और!
अपनी बीवी को लेने जाने के लिये ट्रेन में बैठा तो एक लड़की को अपनी सीट पर पाया। उस लड़की से क्या बात हुई, वो मेरी सीट पर क्यों थी, उसके बाद क्या हुआ, जानिए!
मैं अपने लिए पहली चूत की तलाश में इधर उधर मारा मारा फिरता था, किसी भी लड़की को या भाभी को देखकर मैं उसे चोदने के ख्यालों में डूब जाता था। क्या मेरी तलाश पूरी हुई? कैसे?
अब आपी अपने भाइयों यानि मेरे और फ़रहान से बिल्कुल बेपर्दा होकर अपना नंगा हुस्न नुमाया कर रही थी। मैं उन्हें चूम रहा था और फ़रहान उनके नंगे जिस्म से खेलने में लगा था।
मैं मामी के बदन से खेल रहा था, वो मुझे रोक नहीं रही थी तो मैंने उनकी चूत पर अपना लंड टिकाया ही था कि मामी ने मुझे रोक दिया, अपनी चूत अपने दोनों हाथों से ढक ली.