अगर खुदा न करे… -3
मुझे गर्व हुआ। यह तेज साँस छोड़ती, मेरे होंठों के नीचे उम्म उम्म करती, उड़हुल की तरह चेहरा लाल कर रही औरत मेरी है। वह जितना असहाय हो रही थी उतनी ही मुझे उत्तेजना हो रही थी।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मुझे गर्व हुआ। यह तेज साँस छोड़ती, मेरे होंठों के नीचे उम्म उम्म करती, उड़हुल की तरह चेहरा लाल कर रही औरत मेरी है। वह जितना असहाय हो रही थी उतनी ही मुझे उत्तेजना हो रही थी।
मैं अपनी गर्लफ़्रेन्ड के घर खुले तौर पर आता जात था। एक बार उसकी भाभी घर में अकेली थी, मुझे उनके घर जाना पड़ा तो भाभी ने मुझे रोक लिया कि खाना खाकर जाना और…
मैं एक इज्जतदार शिक्षिका हूँ.. तो बॉयफ्रेंड नहीं बनाना चाहती क्योंकि आजकल के बॉयफ्रेंड किस्म के लोगों को तो आप जानते ही हो.. एक बार चुदवा लो.. तो सर पर बैठ जाते हैं और तो और.. बिना गाली के बात नहीं करते हैं।
मैंने अपनी छोटी बहन से मिल कर अपनी दोनों बहनों को एक साथ चोदने की योजना बनाई कि जब मैं बड़ी बहन को नंगी कर चुका हूँगा तो छोटी बहन हमें रंगे हाथ पकड़ लेगी और…
प्रकाश पैंटी को हटाने की संकोच सहित कोशिश कर रहा था, अंजलि अपने पाँव कसे थी, वह बेचारा उसे कमर से भी ठीक से खिसका नहीं पाया था। अंजलि उसके हाथ पकड़ ले रही थी या पैरों से ठेल दे रही थी।
निधि नादान थी.. मगर चूत की चटाई उसको उत्तेजित कर रही थी.. उसकी वासना बढ़ने लगी थी। इधर अर्जुन भी पूरा चाटू था.. वो चूत को हर तरीके से चूस और चाट रहा था..
जब मैंने आखिरी धक्का ज़ोर से मारा और नीलू मुझ से चिपट कर छूटने लगी तो सुधा ने हल्के से ताली मारी और 'वाह वाह' करने लगी तो हमको पता चला कि कोई हमारे करतब देख रहा है।
सोनाली अपनी गाण्ड मेरे मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी लंड पर से हटी.. और सोनाली जा कर लौड़े पर बैठ गई। अब दीदी ने अपनी चूत मेरे मुँह के पास रख दी.. चूसने के लिए..
मेरा एक दोस्त मुझसे बड़ा है. एक दिन हम वाटर पार्क गए और वहां उसे पटा चल गया कि मैं गांडू हूँ. मैंने उसका लंड चूसा और गांड मरवाई. एक दिन वो मेरे घर आया तो मेरी बहन को देखा उसने !
असल काम की घड़ी, वर्षों प्रतीक्षा की घड़ी, मेरी पतिव्रता बीवी के व्यभिचार की घड़ी, उसकी योनि में परपुरूष के प्रवेश की घड़ी… मैं - उसका पति - उत्साह से उसकी योनि के होंठों को फैलाकर उसके शीलभंग में मदद कर रहा था।
अर्जुन ने निधि के निप्पल को मुँह में लिया और कमर को झटका मारा 3" लौड़ा निधि की सील तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया और दिल को दहला दे.. ऐसी चीख निधि के मुँह से निकली..
मुझको ख्याल आया कि रात की चुदाई में कम्मो का होना बहुत ज़रूरी है तो मैंने उसको कहा कि रात में वो भी आ जाए तो अच्छा है मेरे लिए, नहीं तो यह शार्क मछलियाँ तो मुझको कच्चा खा जाएँगी।
सोनाली भी दीदी की चूतड़ों को सहलाने लगी.. कुछ देर बाद दीदी की ब्रा नीचे करके वो उसकी चूचियों को चूमने लगी और दबाने भी लगी। दोनों एक-दूसरे की चूचियों को मसल ही रही थी.. तभी मैं सिर्फ़ अंडरवियर और टी-शर्ट में अन्दर पहुँच गया।
मैंने देखा कि भैया बहन की गाण्ड से पूरा चिपक कर खड़े थे। मेरे आने के बाद भी भैया नहीं हटे और मैं वहाँ जाकर खड़ा हो गया। मेरी बहन ऐसे बिहेव कर रही थी.. जैसे कुछ हो ही नहीं रहा हो।
कहानी आज से 5 साल पहले की है। मेरे चाचा ने कैसे मेरी अनचुदी कुंवारी चूत चोद कर मुझे लड़की से औरत बनाया, मेरी बन्द कली सी चूत का फ़ुद्दा बना कर फ़ूल खिला दिया।