एक भाई की वासना -7
जाहिरा के कपड़े भीग चुके थे, सफ़ेद कमीज गोरे बदन पर चिपक कर काली ब्रा ऐसे दिख रही थी कि शर्ट पहनी ही ना हो। उसके भाई की नजर तो उसके जिस्म पर ही चिपक गई थी।
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जाहिरा के कपड़े भीग चुके थे, सफ़ेद कमीज गोरे बदन पर चिपक कर काली ब्रा ऐसे दिख रही थी कि शर्ट पहनी ही ना हो। उसके भाई की नजर तो उसके जिस्म पर ही चिपक गई थी।
दफ़्तर के पास की एक लड़की मेरे साथ सेट हो गई, एक बार मैं उसके घर गया, वो नहा रही थी, मैं बाथरूम में घुस गया। वो मेरे लौड़े पर कूद रही थी कि मुझे उसकी चाची दिखी, वो हमें चुदाई करते देख रही थी…
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ब्ल्यू फ़िल्म की तरह मैं पिंकी को नन्गी करके उसकी चूत चाटने लगा, वो बड़ी जोर से झड़ी…उसके बाद मैंने पिन्की से कहा- मेरे लंड को भी मुँह में ले न..
एक दिन मैं शोभा को ठोक कर उसके बेडरूम में ही लेटा था, जब सलोनी बेडरूम में आई। वो अपनी माँ से पैसे मांगने आई मगर शोभा ने नहीं दिये। मैंने मौके के फायदा उठाते हुये उसको 1000 का नोट दे दिया, वो भी लेकर खुशी खुशी चली गई।
कम्मो ने सहेली चंचल का नाम लिया तो मैंने उसे बुलवा लिया और रात को चारों मिला कर चुदाई करने की सोच रहे थे कि पारो को मासिक हो गया, कम्मो ने चंचल को चुदवाया
जाहिरा के कमसिन बदन को उसके भाई के सामने गीले सफ़ेद कपड़ों में नुमाया करने के बाद मुझे एक और शरारत सूझी। मैंने बाइक पे बाहर घूमने का कार्यक्रम बनाया और जाहिरा को बीच में बैठाया।
मैं पिन्की की चूत चूस रहा था, वो आनन्द के मारे पागल हुई जा रही थी, कह रही थी कि अब कुछ करो। मेरे ल्न्ड को पकड़ कर अपनी चूत पे रखने लगी। मैंने भी घुसा दिया।
मेरे ऑफ़िस कैबिन में सुप्रिया मेरी सीनियर थी। एक बार मैंने उसे मेज़ के नीचे पैन से चूत खुजाते देख लिया। एक बार वो छिपकली से डर कर मेरी बाहों में आ गिरी।
पड़ोस में दो नेपाली बहनें रहती थी, उनमें छोटी का यार छुट्टी वाले दिन उसे चोदने आता था। एक दिन कमरे की चाबी उसके पास नहीं थी, मैंने उसे पने कमरे मे बुलाया।
चंचल को गर्भवती बनाने की कोशिश चंचल दो रात हमारे साथ रही और फिर उसका पति लौट आया तो वो वापस चली गई। इन दो रातों को मैंने चंचल को और कम्मो को कई बार चोदा।
फैजान उसी को देखता रहा फिर मुझसे बोला- यह तुम बाइक पर बैठे क्या शरारतें कर रही थीं।मैं मुस्कुराई और अंजान बनते हुए बोली- कौन सी शरारत?फैजान- वो जो मेरे लण्ड को दबा रही थी।मैं हंस कर बोली- मैंने सोचा कि आज मैं अपनी चूचियों को तुम्हारी पीठ पर रगड़ नहीं सकती.. तो ऐसी ही थोड़ा सा तुम को मज़ा दे दूँ।
इंटरनेट पर चैट करते हुए मुझे एक भाभी मिली, बात हुई, फोन नम्बर लिया, फोन पर बातें हुई, उनसे मिलाने उनके ऑफिस गया. फिर एक दिन मैंने उन्हें अपने घर बुलाया..
ऑफ़िस की सीनियर को घुमाने गया और एकान्त पाने के लिये उसे मैं अपने घर ले आया। घर में हम क्या करने वाले हैं, यह हम दोनों बातों में पहले ही तय कर चुके थे।
मैं पड़ोस की कुंवारी लड़की को ताक रहा था कि मेरी बीवी सविता ने देख लिया, उसने कि अगर वो तुम्हारे बिस्तर में आ जाये तो तुम क्या करोगे? मेरी बांछें खिल गईं!