​इक्कीसवीं वर्षगांठ-1

मेरा नाम सुमित है, मैं राजस्थान में जयपुर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 वर्ष, एक छोटे से मध्यम वर्ग के परिवार का सदस्य हूँ। मैं जयपुर में एक इंजिनीयरिंग कालेज के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरे परिवार के सदस्य हैं मेरे पापा पृथ्वीराज जो एक निजी उद्योग में कार्यरत हैं, […]

पूरी कहानी पढ़ें

इक्कीसवीं वर्षगांठ-2

प्रेषिका : शिप्रा शिप्रा के रसोई में जाने के बाद मैं अपने बिस्तर पर लेट लेटे तीन वर्ष पहले अपनी अठारवीं वर्षगाँठ की वह घटना को याद करने लगा जब शिप्रा और मेरे यौन सम्बन्ध स्थापित हुए थे। आप सब भी उस घटना के बारे में जिज्ञासु होंगे इसलिए मैं उसका विवरण निम्नखित अनुच्छेदों में […]

पूरी कहानी पढ़ें

माया मेम साब-1

माया ने जीन का निक्कर पहन रखा था जिसमें उसकी गोरी गोरी पुष्ट जांघें तो इतनी चिकनी लग रही थी जैसे संग-ए-मरमर की बनी हों। मेरा अंदाज़ा था कि उसने अन्दर पेंटी नहीं डाली होगी।

पूरी कहानी पढ़ें

इक्कीसवीं वर्षगांठ-3

प्रेषिका : शिप्रा सुबह आठ बजे जब पापा ऑफिस चले गए तब शिप्रा ने मेरे पजामे में हाथ डाल कर मेरे लौड़े और टट्टों को दबा कर मुझे जगाया और कहा कि मैं फ्रेश हो कर नाश्ता कर लूँ ! मैं भी उसके मम्मों को पकड़ कर दबाते हुए उठा और उसे चूम कर बाथरूम […]

पूरी कहानी पढ़ें

माया मेम साब-2

'ओह... माया, सच में तुम्हारे होंठ और उरोज बहुत खूबसूरत हैं... पता नहीं किसके नसीब में इनका रस चूसना लिखा है।' 'जीजू तुम फिर...? मैं जाती हूँ!'

पूरी कहानी पढ़ें

माया मेम साब-3

मैंने उसकी नाइटी को ऊपर करते हुए अपना हाथ उसकी जाँघों के बीच डाल कर उसकी चूत की दरार में अपनी अंगुली फिराई और फिर उसके रस भरे छेद में डाल दी।

पूरी कहानी पढ़ें

अनजाने में

प्रेषिका : प्रिया शर्मा हेल्लो दोस्तो, मैं प्रिया गुजरात से, में बी.कॉम थर्ड इयर में पढ़ रही हूँ, 5’6″ कद है, रंग साफ़ है, मेरे चूचे 36″ हैं, एकदम सख्त हैं और निप्पल हल्के भूरे रंग के हैं, मेरी कमर पतली है 29″ की और मेरे चूतड़ों का नाप 37″ है। मेरी कूल्हे बाहर को […]

पूरी कहानी पढ़ें

माया मेम साब-4

उसने मेरे लण्ड का टोपा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। क्या कमाल का लण्ड चूसती है साली पूरी लण्डखोर लगती है? उसके मुँह की लज्जत तो उसकी चूत से भी ज्यादा मजेदार थी।

पूरी कहानी पढ़ें

रूममेट का लुल्ला

लेखक : सनी शर्मा गांडू प्रणाम दोस्तो, कैसे हो सभी ! मैं काफी समय बाद अन्तर्वासना पर आप सबके लंड खड़े करवाने वापस आया हूँ। मैंने गांड मरवानी तो नहीं छोड़ी, मेरा लैपटॉप खराब था, कुछ में नौकरी में वयस्त था। जब से मेरे पहले वाले रूम पार्टनर ने नौकरी छोड़ी है, तबसे कुछ रातें […]

पूरी कहानी पढ़ें

माया मेम साब-5

वह पेट के बल लेट गई और उसने अपने नितम्ब फिर से ऊपर उठा दिए। मैंने स्टूल पर पड़ी पड़ी क्रीम की डब्बी उठाई और ढेर सारी क्रीम उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दी।

पूरी कहानी पढ़ें

शादी से प्रोमोशन तक

आरती को देखकर रेखा ने भी लौड़ा चूसने के लिए हाँ कह दी। और अब चूसने की बारी लड़कियों की थी और चुसवाने की बुड्ढों की।

पूरी कहानी पढ़ें

दूसरी विदाई

हाय दोस्तो, काम के सिलसिले में मुझे झारखण्ड के एक छोटी सी जगह गुमला जाना पड़ा, वहाँ मेरी दोस्ती सुजाता से हुई। गाँव में रहते हुए भी सुजाता का तौर तरीका बिल्कुल शहर जैसा था, उसकी उम्र लगभग 24-25 साल की थी और तीन साल की एक बेटी भी थी। देखने में सुजाता बेहद सुंदर […]

पूरी कहानी पढ़ें

डर से बना कुत्ता

तन्हा आवारा नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम जय है, मेरा लंड 7 इंच का है, ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश में रहता हूँ, अन्तर्वासना पर कहानियाँ मैं पिछले 4 साल से पढ़ता आ रहा हूँ। मैं आपको अपनी जिन्दगी का पहला अनुभव बताने जा रहा हूँ, आशा करता हूँ जो आप सब को पसंद आएगा। ठंड के […]

पूरी कहानी पढ़ें

रिसेप्शनिस्ट नैना की चुदाई

प्रेषक : रॉकी हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है। मैंने अन्तर्वासना पर हजारों कहानियाँ पढ़ी हैं। यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है। मैं वड़ोदरा (गुजरात) के सरकारी विभाग में एक अच्छे पद नौकरी करता हूँ। मैं छः फुट लम्बा और कसरती बदन का मालिक हूँ। मैं सिख परिवार से हूँ तो लड़कियाँ मुझे देखते […]

पूरी कहानी पढ़ें

मेहमानघर-1

लेखक : नितेश शुक्ला हमारे पिताजी गाँव के मुखिया थे। परिवार में मैं, माताज़ी केसर बा और मुझ से दो साल छोटी पूर्वी, इतने थे। गाँव बीच बड़ा मकान है, जहाँ हम रहते थे। इसके अलावा गाँव से बाहर दूसरा मेहमान घर था जहाँ हमारे मेहमान रहते थे। अस्सी बीघा ज़मीन की किसानी थी हमारी। […]

पूरी कहानी पढ़ें