मेरे अंकल

आप सबने मेरी कहानी मेरे साथ पहली बार पढ़ी है उसके लिए मुझे बहुत सारे मेल आये, मुझे बहुत अच्छा लगा, पर मैं सबके मेल का जवाब नहीं दे पाई उसके लिए में माफी चाहती हूँ। अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ। वो ठण्ड के दिन थे, मैं अपनी मौसी के घर गई हुई […]

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स्वाति राण्ड

प्रेषक : दीपक चौधरी आप सभी लोगों को खड़े लण्ड से प्रणाम। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यहाँ कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी अपनी यौन-क्रीड़ा के बारे में आपको बताना चाहिए, जिसे पढ़ते हुए लड़के मुठ मारने लगेंगे और लड़कियों, भाभियों और आन्टियों को लण्ड की प्यास लग जाएगी। पहले […]

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पेंटिंग टीचर

मेरी उम्र 28 साल है। मैं दिल्ली में एक पेंटिंग टीचर हूँ और एक खास तरह की पेंटिंग सिखाता हूँ जिसका मैं आपको नाम नहीं बता सकता क्यूंकि हो सकता है कि यहाँ मुझे कुछ लोग पहचान जायें। यह अन्तर्वासना में मेरी पहली कहानी है। यह अभी पिछले महीने की ही बात है, मुझे एक […]

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उसका मेरा रिश्ता-1

प्रेषिका : निशा भागवत जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी तब मैं राहुल से बहुत प्यार करती थी। मेरी एक हमराज सहेली भी थी विभा… वो मेरी राहुल से मिलने में बहुत मदद करती थी। एक तो वो अकेली रहती थी और वो मेरे अलावा किसी से इतनी घुली मिली भी नहीं थी। जब मैं […]

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उसका मेरा रिश्ता-2

प्रेषिका : निशा भागवत मैंने उसे अपने बिस्तर पर लेटा लिया और उससे चिपक गई। “अरे भाभी सुनो तो…! यः क्या कर रही हैं आप…?” यह सुन कर मुझे एकदम होश आ गया, मैंने आश्चर्य से उसे देखा- क्या हो गया देवर जी? अभी तो आप… “पर यह नहीं… आप भाभी हैं ना मेरी… मैं […]

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चूत की आग के लिए मैं क्या करती-9

फिर हम लेटे लेटे बात करने लगे, मैंने कहा- कल और मजा आएगा, कल सुशील भी आ जायेगा। सुनीता- अब यह सुशील कौन है? मैंने कहा- यहीं पास में रहता है, काफी अच्छा लड़का है और हम तीनों खेल चुके हैं। सुनील- हाँ सुनीता जी, काफी अच्छा लड़का है और उसका लंड काफी सुंदर और […]

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चूत की आग के लिए मैं क्या करती-10

सुनीता ने सुनील का लिंग मुँह में ले लिया, मैंने रवि का! सुशील अकेला था तो सुनील ने उसको पास बुलाया और सुनील ने सुशील का लिंग मुँह में ले लिया। सब मजे कर रहे थे। थोड़ी देर में रवि से नहीं रहा गया, उसने कहा- प्लीज भाभी, मुझे आपकी चुदाई करनी है, फिर जितना […]

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कम्पकपी

कुलजीत पंजाब का एक बड़े जमींदार का गबरू जवान बेटा था जो बम्बई शहर में रह रहा था। आजादी से कुछेक साल पहले के सावन के दिन थे, रोज बारिश हो जाती थी, खिड़की से बाहर नीम के पत्ते भीग रहे थे, सागवान के गद्देदार पलंग पर एक लड़की कुलजीते के साथ लिपटी हुई थी। […]

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एक रात मां के नाम-1

मुक्ता बेंजामिन ने यहीं से यानि गोवा (पंजिम) से ही अपने मेल में अपनी एक दिलचस्प कहानी भेजी है, उनका कहना है कि मैंने ये सब अपनी आँखों से देखा है। वे आजकल यही रहती हैं, उन्होंने यह कहानी अंग्रेजी में भेजी थी जिसका हिन्दी अनुवाद करके मैं आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रही हूँ। […]

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एक रात मां के नाम-2

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा मम्मी तो राजू से जोर से अपनी चूत का पूरा जोर लगा कर उससे लिपट गई और और अपनी चूत में लण्ड घुसा कर ऊपर नीचे हिलने लगी। अह्ह्ह ! वो चुद रही थी… सामने से राजू मम्मी की गोल गोल कठोर चूचियाँ मसल मसल कर दबा रहा था। उसका लण्ड […]

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दिल्ली से चण्डीगढ़

मैं जीत शर्मा फिर से आपके सामने एक कहानी ले कर आया हूँ। यह कहानी मुझे मेरी एक महिला मित्र ने भेजी है, उम्मीद है कि आप सबको पसंद आएगी। तो दोस्तो कहानी पेश है मेरी दोस्त की जुबानी। मैं शिप्रा हूँ, दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करती हूँ। अपने काम के सिलसिले […]

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मुझसे दोस्ती करोगे-1

शमीम बानो कुरेशी मैं सुहाना से मिलकर बाहर निकली ही थी कि एक सुन्दर से जवान लड़के से टकरा गई। मैं एकदम से घबरा गई- हाय अल्लाह…! “माफ़ करना मोहतरमा…” उसने तुरन्त माफ़ी मांगी। “जी, कोई बात नहीं…” मैंने अपना दुपट्टा का कोना अपने मुँह के कोने में दबा लिया और मुस्करा कर उसे तिरछी […]

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मुझसे दोस्ती करोगे-2

शमीम बानो कुरेशी मैंने उसका लण्ड पकड़ा और जोरदार मुठ्ठ मारी… फिर मुँह में भर कर उसे खूब चूसा…। उसके लण्ड से भी जवानी के स्त्राव की तेज गन्ध आ रही थी। मैंने उसका लण्ड खूब चूसा… उसे तड़पा कर रख दिया। लण्ड चूसने में मेरा अपना अनुभव काम में आया। उसका खूब माल निकला… […]

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जब वी मेट-1

दोस्तो ! मैं अपने मित्र सुमित को विशेष रूप से धन्यवाद कहना चाहता हूँ जिसने इस कहानी के हिंदी रूपांतरण में मेरी सहायता की। …… प्रेम गुरु की कलम से अरे तुम नहीं जानते ये अनुभवहीन चिकने लौंडे झड़ते जल्दी हैं पर दुबारा तैयार भी फटाफट हो जाते हैं। मुझे ये छत्तिसिये और चालिसिये तो […]

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मेरी बहन की प्रवेश परीक्षा-1

सुगन्धा की स्कर्ट और ऊपर उठ गई थी और अब उसकी नीले रंग की पैंटी थोड़ा थोड़ा दिखाई पड़ रही थी। उसकी जाँघें बहुत मोटी नहीं थीं और उरोज भी संतरे से थोड़ा छोटे ही थे।

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