बाली उमरिया में लगा प्रेम रोग- 7

(Nude Pussy Xxx Kahani)

न्यूड पुसी Xxx कहानी में एक जवान लड़के को उसके दोस्त की मम्मी चुदाई करना सिखा रही हैं. उन्होंने लड़के को अपनी गीली चूत चाटने को कहा.

कहानी के पिछले भाग
कुंवारी गर्म लड़की का नंगा बदन
में अब तक आपने पढ़ा कि बंटू अपनी ममेरी बहन पम्मी को चोदने की असफल कोशिश करता है। इससे निराश पम्मी ने मोंटी से अपनी सील तुड़वाना चाही पर वह भी नाकाम रहा.

इसके बाद बंटू ने पम्मी को आश्वस्त किया कि वह उसको चोद के जरूर तृप्त करेगा, वह मोंटी से नहीं चुदवाये। पम्मी मान गयी और बंटू और पम्मी ने आपस में एक दूसरे को मजा दिया. पम्मी अपने भाई का दिल खुश करने के लिए उसका लंड चूस के वीर्यपान भी करती है।

अब आगे न्यूड पुसी Xxx कहानी:

जब पम्मी की चूत की फड़कन और उसके दिल की धड़कनें सामान्य हुई, तब उसने आंखें खोली।
बंटू मुस्कुराते हुए उसी को निहार रहा था।

पम्मी ने कहा- भाई, हस्तमैथुन तो मैंने कई बार किया है पर आज छोटे भाई के सामने करने का आनन्द अद्भुत था। उस पर अंतिम क्षणों में तूने जो निप्पल चूसी उसके कारण ऐसी किक मिली कि लगा जैसे मेरी चूत से मस्ती का तूफान गुजर गया हो।

तभी बाहर के दरवाजे के दो बार खुलने और बंद होने की आवाज थोड़ी-थोड़ी देर में आई.
बंटू और पम्मी समझ गए कि सरताज अंकल अपना काम पूरा करके निकल गए।

दोनों में किसी को तनाव नहीं था, वे दोनों बस एक दूसरे को देख कर शरारत से मुस्कुरा रहे थे।

कुछ देर बाद दोनों बिस्तर से उठे और कमरे से बाहर आये, सामने ही बंटू की मम्मी ने जब उन्हें देखा तो बहुत लाड़ से बोली- आ गये बच्चो, लो चाय तैयार है, चाय पी लो।

मम्मी को देखकर बंटू के मन में अब चिढ़ नहीं होती थी बल्कि उसकी मम्मी अब बंटू की वासना के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही थी।

बंटी जब नहाने गया तो तेल की शीशी ले जाना नहीं भूला।
वहां उसने अपने लंड की अच्छे से मालिश की और हथेली में लेकर मसला.
जब वह टोपे को दबाकर लंड नीचे की ओर करता तो उसे मर्दानगी की एक सुखद अनुभूति होती थी.

अब वीर्य नियंत्रण के कारण बंटू के लंड में हमेशा तनाव रहने लगा था और अब बंटू को लंड के इस तनाव में भी आनन्द आने लगा था।

अंजू देख रही थी कि आजकल बंटू को बाथरूम में समय ज्यादा लगने लगा है किंतु उसने बंटू से कुछ नहीं पूछा बल्कि जब भी बंटू बाथरूम से निकलकर बाहर आता, अंजू उसको आंखों में शरारत भर मुस्कुरा के देखती, बदले में बंटू भी मुस्कुराता।

दोनों एक दूसरे से कहते कुछ नहीं लेकिन समझ में दोनों के आ रहा था।

नाश्ते के समय जैसी कि बंटू को आशंका थी, मोंटी आ धमका.
अंजू ने तीनों के लिए नाश्ता लगा दिया।

नाश्ता खत्म करने के बाद मोंटी सोच रहा था कि अब ये मेरी मम्मी के पास अपनी मां चुदाने जाएगा.
लेकिन बंटू उठा ही नहीं।

पम्मी मोंटी की बेचैनी को समझ के मन ही मन मजे ले रही थी.

आख़िर मोंटी से रहा नहीं गया, उसने बंटू को उकसाने के हिसाब से कहा- यार बंटू, मम्मी याद कर रही थी।
बंटू भी आज मोंटी को खिझाना चाहता था क्योंकि उसको पम्मी ने आश्वस्त कर दिया था कि वह अब मोंटी से नहीं चुदवायेगी।

वैसे भी पम्मी रात में और सुबह झड़ी थी तो अभी उसके तन बदन में वासना का वेग बिल्कुल क्षीण था।

बंटू ने कहा- नहीं यार मोंटी, मैं अभी नहीं जा रहा, मेरा सिर भारी हो रहा है।

निराश होकर मोंटी थोड़ी देर में चला गया।

मोंटी के जाने के बाद बंटू और पम्मी दोनों ने एक दूसरे को हाई फाइव वाली ताली मारी और हंसने लगे।

बंटू ने कहा- मज़ा आ गया पम्मी, उस दिन मेरी गांड में मिर्ची लगी थी, आज निश्चित रूप से मोंटी की गांड भी जल रही होगी।

दोपहर का खाना खाने के बाद बंटू मोंटी के यहां पहुंचा.
उसे देखते ही मोंटी को पम्मी की चूत याद आ गई, उसका लंड अंगड़ाइयां लेने लगा।

बंटू का उसकी मम्मी के पास आना उसे अच्छा तो नहीं लग रहा था पर वह इसका कारण भी कुछ समझ नहीं पा रहा था।

उसने मम्मी पर से ध्यान हटा के पम्मी पर लगाया.
फिर वह बोला- बंटू, तू मम्मी के साथ बैठ के बातें कर, मैं आता हूं, मुझे कुछ काम है!
कह के वह घर से बाहर निकल गया।

सिमरन और बंटू दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।

मोंटी के जाने के बाद सिमरन ने पूछा- कल स्क्वीज टेक्निक का कितनी बार प्रयोग किया?
बंटू ने कहा- चार बार!

फिर सिमरन ने पूछा- तेरे आत्मविश्वास में तुझे कुछ अंतर लगा?
बंटू ने कहा- हां, बहुत बढ़ा हुआ लग रहा है।

उसने सिमरन को फिर सब कुछ बताया कि कैसे कल रात में और सुबह, पम्मी दो बार झड़ी।
उसने पम्मी की मोंटी से नहीं चुदवाने वाली बात गोल कर दी।

सिमरन ने पूछा- क्यों, उंगली से क्यों झड़ाया? ओरल नहीं किया?
बंटू ने कहा- नहीं आंटी, मेरा मन नहीं करता।
सिमरन ने कहा- चूतिया है तू! याद रख किसी भी लड़की या औरत को संतुष्ट करने के लिए सबसे अधिक आवश्यक है कि किसी भी अंग या किसी भी क्रिया को गंदा मत समझो। तुम लड़कों को लड़की के मुंह में लंड देने में तो बहुत मजा आता है क्योंकि तुम्हें मेहनत नहीं करनी पड़ती लेकिन जब लड़की चूत चटवाना चाह रही हो तो तुम लोगों को उसमें से स्मेल आती है, टेस्ट अच्छा नहीं लगता। तुम क्या उम्मीद करते हो कि कुदरत को चूत के अंदर इत्र छिड़क के चाशनी भरनी थी? याद रख, लड़की को उसकी चूत पर जुबान के जरिए उत्तेजना के शिखर पर पहुंचाया जा सकता है, उसके बाद लंड को अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और लड़की आसानी से चरम सुख प्राप्त कर सकती है।

बंटू ने कहा- आज जरूर करूंगा, प्रॉमिस!
सिमरन ने कहा- करूंगा नहीं, अभी करना है!
बंटू ने पूछा- क्या मतलब? मुझे वापस भेज रही हो क्या?
सिमरन हंस पड़ी, बोली- कमीने, चूत क्या केवल पम्मी के पास है? चूत तो साले मेरे पास भी है. उसी में से तेरा दोस्त मोंटी और बेटी सीरत बाहर निकले हैं। पहले तो बंटू पम्मा के नाम से चौंका फिर उसे ध्यान आया कि मोंटी की एक छोटी बहन, जो दिल्ली पढ़ रही है, का नाम हरसीरत कौर है, जिसे घर में प्यार से सब पम्मा कहते हैं।

उसके लंड में हलचल होने लगी।

उसने पूछा- आंटी, क्या आज तुम मुझे अपनी चूत चटवाओगी?
सिमरन बोली- हां और यदि तूने मुझे झड़ा दिया तो तुझे आज एक स्पेशल इनाम भी मिलेगा।

बंटू ने जिज्ञासावश पूछा- क्या?
सिमरन बोली- यदि पहले बता दिया तो फिर स्पेशल नहीं रह जाएगा. तू बैठ के सोच, मैं नहा के आती हूं।

बंटू यह सोचकर गर्व से भर उठा कि आज दो दो चूतें चाटने का अवसर मिल रहा है, अभी सिमरन आंटी की और रात में पम्मी की।

अकेला होते ही वह मोंटी के बारे में सोचने लगा कि वह आज पम्मी के पास जाकर क्या करेगा?

मेरे कामुक पाठको, आइए देखते हैं कि पम्मी के पास जाकर मोंटी पर क्या बीतती है?

मोंटी अपने घर से तीर की तरह निकला, सुबह मिली निराशा के कारण वह पम्मी को चोदने के लिए उतावला हो रहा था।
बंटू जब से निकला था, पम्मी, मोंटी का ही इंतजार कर रही थी।

मोंटी जैसे ही आया, उसने पम्मी से पूछा- बुआ कहां है?
पम्मी ने कहा- बुआ आज भी ‘आती हूं’ बोल के कहीं गई है।

मोंटी निश्चिंत होकर पम्मी को अपनी बाहों में कस के, उसके बूब्स दबाते हुए उसके होंठ चूसने लगा।

पम्मी की सांसों में गर्मी आ गई लेकिन तभी उसे अपने छोटे भाई को दिया हुआ आश्वासन याद आ गया।
उसने मोंटी को बोला- मोंटी रुक जाओ!

तो मोंटी ने कहा- मुझे रोक मत यार, मैं सुबह से ही बेचैन हूं। मुझे जल्दी से तेरी चूत में लंड डालना है।
पम्मी ने उसे जबरन रोका और बोली- मेरी बात तो सुन!
मोंटी ने पूछा- अच्छा बता क्या कह रही है?
पम्मी बोली- मेरे पीरियड शुरू हो गए हैं।

मोंटी एकदम निराश हो गया और बोला- पम्मी, यह क्या बात है यार? तू खड़े लंड पर चोट कर रही है।
पम्मी ने कहा- कुदरत ने मुझे ऐसा कोई ढक्क्न नहीं दिया कि मैं उसे अपनी चूत में लगा लूं।
इस पर मोंटी थोड़ा उत्तेजित होते हुए बोला- पीरियड चालू है तो गांड मरवा ले!

अब पम्मी थोड़ा नाराज होते हुए बोली- ज्यादा फालतू बातें मत कर … वरना हाथ भी नहीं लगाने दूंगी।
मोंटी थोड़ा नर्वस होकर गिड़गिड़ाते हुए बोला- यार कुछ तो कर, बहुत बेचैनी हो रही है, मुंह में निकाल दूं क्या?

पम्मी ने कहा- नहीं, पीरियड के कारण मेरा बिल्कुल मन नहीं है। ऐसा कर बाथरूम में चल, आज देखती हूं कि तेरा लंड कितना बड़ा चित्रकार है?

मोंटी पम्मी की बात का मतलब समझ गया और तुरंत अपना लोअर और अंडरवियर उतार के नंगा होकर बाथरूम की ओर चल पड़ा।

पम्मी भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में आ गई और उसको कहा- एक बात और ध्यान से सुन ले मोंटी, आज तो मैं तेरा दिमाग शांत कर रही हूं लेकिन अब चार दिन मुझे बिल्कुल तंग मत करना. मैं कतई कुछ भी नहीं करूंगी।
मोंटी ने हामी भर ली, कहा- ठीक है पम्मी!

उसके बाद पम्मी ने मोंटी के पीछे खड़े होकर दाहिने हाथ से उसका लंड पकड़ा और बाएं हाथ से उसकी गोटियां सहलाते हुए लंड फेंटने लगी।

जब उसका दाहिना हाथ दुखने लगा तो फिर बांए हाथ से लंड फेंटते हुए दाहिने हाथ से उसकी गोटियों को सहलाना जारी रखा।

मोंटी के मुंह से ‘अह पम्मी … पम्मी …’ निकल रहा था.
एक लड़की द्वारा मुट्ठ मारने का आनन्द निराला होता है।

कुछ ही देर में उछलकूद मचाता हुआ वीर्य बाथरूम की दीवार पर चित्रकारी करने लगा।
मोंटी के शरीर और दिमाग का तनाव एकदम से कम हो गया।

पम्मी ने अपने हाथ धोए और बाथरूम से बाहर आ गई.
पीछे पीछे पम्मी के एहसान से लदा हुआ मोंटी भी लंड को साफ करके बाहर आया।

पहले तो वह आकर बिस्तर पर पड़ गया और सोचने लगा कि वह जब आया था, तब में और अब में कितना अंतर महसूस हो रहा है।
उसका शरीर और दिमाग दोनों हल्के हो चुके थे।

पम्मी की ओर निहारते हुए उसे नींद आ गई।
वह अभी भी कमर से नीचे नंगा था.

पम्मी ने सोचा कि कहीं बुआ आ जाएगी तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा.
इसलिए उसने मोंटी को एक पतली शॉल ओढ़ा दी।

मेरे सनसनी प्रेमी पाठको, इन दोनों को यहीं छोड़कर अब देखते हैं कि सिमरन और बंटू क्या गुल खिला रहे हैं?

सिमरन नहाने के बाद केवल एक गाउन पहन के बाहर आई जिससे कपड़े उतारने में अधिक समय जाया ना हो।

उसने देखा कि बंटू उसके बताए अनुसार अपने लंड पर तेल की मालिश कर रहा था.
वह खुश हो गई, उसने कहा- शाबाश बेटा, इसी तरह समय का सदुपयोग कर!

बंटू ने कहा- हां आंटी, मैं बस इतना चाहता हूं कि मैं तुमको और पम्मी को चोद के तृप्त कर सकूं!
सिमरन बोली- वाह बेटे, मुझे चोदने तक का तूने पहले ही सोच लिया?

बंटू बोला- आंटी इतना तो अब मुझे भी पता है कि औरत को भी बिना चूत में लंड लिए तृप्ति नहीं मिलती।
सिमरन बोली- बड़ा ज्ञानी हो गया है रे तू!
कह के उसने बंटू को सीने से लगा लिया।

बंटू ने सिमरन के होठों की रसभरी चूसते हुए गाउन के ऊपर से ही सिमरन के मम्मों को दबाने के मजे ले लिए.
उसके हाथ सिमरन का ताजा ताजा धुला हुआ जिस्म छूने के लिए मचलने लगे।

उसने सिमरन के गाउन को ऊपर उठाना शुरू किया और उसके मोटे मोटे ठोस कूल्हों को जोर से दबा दिया.
सिमरन ने भी गांड भींच कर बंटू के स्पर्श का आनन्द लिया।

बंटू का लंड एकदम कड़क हो गया।
उसकी इच्छा तो हुई कि अभी सिमरन की चूत में घुसेड़ दे.

लेकिन वह सिमरन को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकता था इसलिए उसने गाउन उतार के एक ओर रखा और सिमरन को पलंग पर बिठा दिया।

सामने 38″ के भारी भारी बूब्स लटक रहे थे.
बंटू ने झुक कर दोनों बोबे चूसे और सिमरन को लिटाने लगा जिससे वह उसकी चूत चाट सके।

सिमरन ने रोक दिया उसने कहा- सीधा किले पर ही हमला करेगा क्या भेनचोद? औरत के अंग अंग में वासना रमी रहती है, सिर से लेकर पैर तक चुंबनों द्वारा उसको जगाया जाता है। पहले माथे पर चुम्बन से शुरू कर!

बंटू ने ऐसा ही किया.
लेकिन जब वह होंठ चूमने के बाद स्तनों की ओर बढ़ा तो फिर सिमरन ने टोका, बोली- बगलों को भूल गया?

बंटू ने कहा- यहां भी?
सिमरन ने बोला- हां, यहां होंठ लगा के देख कितना गुदगुदा लगता है और औरत के जिस्म की सबसे अच्छी मीठी महक बगल से ही आती है।

बंटू ने पहले बगलों में फिर पूरे शरीर पर चुंबनों की झड़ी लगा दी।

सिमरन की चूत भी अब सुलगने लगी थी।
उसने बंटू को अब चूत पर धावा बोलने के लिए कहा।

कुछ पल के लिए बंटू को थोड़ा अजीब लगा लेकिन उसके बाद उसे भी चूत चाटने में मजा आने लगा।
वह अपनी जुबान नीचे से लेकर ऊपर तक और चूत की गहराई में जहां तक जा सकती थी, भेजकर सिमरन की चूत का रस निचोड़ने लगा।

बंटू, सिमरन की चूत के भगोष्ठों को, जो कि लौड़ों की रगड़ खा-खा के काले पड़ चुके थे, मुंह में लेकर चूसने लगा।

सिमरन की सांसें भी गर्म हो चली थीं।
वह उत्तेजित स्वर में बोली- निचोड़ ले इस निगोड़ी चूत को!

बंटू ने न्यूड पुसी Xxx के दोनों बड़े होठों को खूब चूसा.
सिमरन बदहवास होने लगी.

फिर उसने बंटू को बोला- अब मेरे भग को चूस!
बंटू को समझ नहीं आ रहा था कि यह भग कहां छुपा हुआ रहता है?

सिमरन ने दोनों हाथों से चूत की ऊपरी किनारे को चौड़ा किया और बंटू से पूछा देख- गुलाबी अनार दाने जैसा कुछ दिख रहा है?
अब तक सिमरन का भगांकुर उत्तेजना के इन क्षणों में फूल के किशमिश जैसा हो गया था।

बंटू ने कहा- हां, एक बड़े अनार दाने जैसा दिखाई दे रहा है!
फिर सिमरन ने उससे कहा- इसको अपनी जुबान से सहला!

बंटू ने ऐसा ही किया.
सिमरन की चूत में गुदगुदी बढ़ गई।

तब सिमरन का क्लिटोरिस सहलाते हुए बंटू को पम्मी की मुलायम निप्पल याद आ गई.
उसने फिर अपनी जुबान को क्लिटोरिस के चारों ओर गोल गोल घुमाया जैसा उसने पम्मी की निप्पल पर किया था।

सिमरन मस्त होकर बोली- शाबाश पुत्तर, तू तो सयाना हो गया है रे!

थोड़ी देर बाद सिमरन ने कहा- अब उस पर अपनी जुबान के स्ट्रोक लगा!
बंटू ने ऐसा ही किया.

सिमरन का शरीर अब ऐंठने लगा था, वह झड़ने की कगार पे पहुंच चुकी थी।

उसने बंटू को कहा- अब मेरे क्लिटोरिस को जोर-जोर से चूस!
बंटू को भी अब सिमरन की चूत में आनन्द आने लगा, उसने क्लिटोरिस को अपने होठों में कसा और सिमरन के बताये अनुसार जोर-जोर से चूसने लगा।

सिमरन मस्त होकर बोलने लगी- शाबाश मेरे नन्हे आशिक, मेरी चूत के रसिया।

कुछ ही पल में सिमरन का शरीर अकड़ा और बंटू को अपने होठों पर सिमरन की चूत के फड़कने का अहसास हुआ और उसके होंठ सिमरन की चूत के रस में भीग गये।

ऑर्गेज्म के इस भरपूर आनन्द को भोगने के बाद सिमरन ने बंटू को ऊपर की ओर खींचा और बाहों में ले लिया।
बंटू ने पहली बार किसी औरत की भारी भारी छातियों से अपना सीना अड़ाया था।

अब उसकी बेताबी हद से ज्यादा बढ़ गई, उसे लगा कि बिना स्खलन के उसका लंड तड़क जाएगा।
बंटू ने सिमरन के होठों पर अपने होंठ रख दिए.

सिमरन ने भी बड़े मजे से अपनी ही चूत के रस का आनन्द लिया और बोली- बंटू, बहुत शानदार चूत चुसाई की तूने!

बंटू बोला- आंटी अब सहन नहीं हो रहा, मुझे वीर्य निकालना ही पड़ेगा।
सिमरन ने कहा- ठहर जा गुंडे, तेरे ईनाम में तुझे वही मिलने वाला है।

मेरे रसिक पाठको, न्यूड पुसी Xxx कहानी के अगले अंक में आप लोग पढ़ेंगे कि बंटू को सिमरन ने किस तरह ईनाम दिया और फिर रात को पम्मी के साथ बंटू ने किस तरह आनन्द का सृजन किया।
अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें।
मेरी आईडी है
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न्यूड पुसी Xxx कहानी का अगला भाग: बाली उमरिया में लगा प्रेम रोग- 8

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