पड़ोसन भाभी की प्यासी चूत की मस्त चुदाई

(Nude Bhabhi Want Fuck)

न्यूड भाभी वांट फक स्टोरी में मेरे पड़ोस की भाभी ने उनके ख़राब कम्प्यूटर को जांचने बुलाया. कम्प्यूटर में ब्लू फ़िल्में पड़ी थी. मैंने एक चला ली. भाभी भी देखने लगी और गर्म हो गयी.

मेरा नाम राहुल है. मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 22 साल है.
मेरी बॉडी सामान्य है.

अभी वर्तमान में मैं जयपुर किराये के मकान में रहता हूँ और यहाँ रह कर अपनी पढ़ाई करता हूँ.
मैं पढ़ाई के साथ में कम्प्यूटर सुधारने का काम भी करता हूँ.

मैं जिस मकान में किराये से रहता था, उसी मकान में मेरे पड़ोस में एक अन्य परिवार रहता था.
उस परिवार में 3 सदस्य थे.
भाई साब की उम्र 37 साल रही होगी और उनकी पत्नी मोना की उम्र करीब 33 साल की रही होगी.
उन दोनों का एक छोटा बेटा भी है.

मेरे पड़ोस में रहने वाली मोना भाभी बहुत सुन्दर हैं … उनका फिगर किसी साउथ की गदराई हीरोइन की तरह है.
वे देखने में एकदम मस्त कांटा माल लगती हैं.

जब वे चलती हैं तो उनके बड़े बड़े कूल्हे गजब हिलते हैं.
मोना भाभी के चूतड़ों की थिरकन अच्छे अच्छों के लंड खड़े कर देती है.
उनकी चूचियां 38 इंच की होंगी और गांड की साईज 40 इंच होगी.
कुल मिलाकर भाभी काम की देवी लगती हैं.

यह न्यूड भाभी वांट फक स्टोरी इन्हीं भाभी की है.

जब से भाभी मेरे बाजू वाले फ्लैट में रहने के लिए आई थीं, तब से ही मैं मन ही मन भाभी को चोदने के लिए सोचता रहता था कि कब मुझे भाभी को चोदने का मौका मिले और मैं अपने लंड को भाभी की चूत में डाल कर उनकी चूत फाड़ दूँ.

धीरे धीरे मेरी भी भाभी से बातें होने लगीं.
उन्हें मेरे कम्प्यूटर सुधारने के काम के बारे में पता लग गया था.

एक दिन भाभी का कम्प्यूटर खराब हो गया.
उसी शाम को समय मैं छत पर घूम रहा था.

भाभी छत पर आईं और बोलीं- राहुल, मेरा कम्प्यूटर खराब हो गया है, आप उसको ठीक कर दो.
मैंने भाभी से कहा- हां चलो, अभी देख लेता हूँ.

उस समय उसके कमरे में कोई नहीं था.
उनके पति रोज सुबह ड्यूटी करने चले जाते हैं और रात को करीबन दस बजे तक वापस आते हैं.

उस समय उनके कमरे में केवल उनका छोटा बेटा ही था और वह सो रहा था.

भाभी ने उस समय सलवार सूट पहन रखा था.
जब भाभी अपनी गांड उठाकर चल रही थीं तो उनकी गांड ऊपर नीचे हो रही थी.
उस समय मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया था.

फिर मोना भाभी मुझको अपने कमरे में लेकर गईं और उन्होंने मुझे अपना कम्प्यूटर दिखाया.
मैंने कम्प्यूटर को देखा तो उसकी सिर्फ केबल खराब थी.

मैंने कहा- भाभी जी, मैं इसको सुबह ठीक कर दूंगा. आज मेरे पास इसकी केबल नहीं है.
भाभी ने कहा- प्लीज सुबह ध्यान से सही कर देना.

यह कह कर भाभी ने मेरी तरफ देखा और हल्की सा मुस्कान दे दी.
उनकी इस मुस्कान से तो मेरी जान ही निकल गई.

उसके बाद से जब मैं वहां से आने लगा तो मोना भाभी ने मुझसे कहा- चाय तो पीकर जाओ.
तो मैंने भी सोचा कि चलो कम से कम चाय के बहाने कुछ समय भाभी के साथ गुजारने को मिलेगा.
मैंने हां कह दी.

थोड़ी देर बाद भाभी चाय व बिस्किट लेकर आ गईं.

जैसे ही मोना भाभी चाय को टेबल में रखने के लिए झुकी तो मुझे भाभी के बड़े बड़े चूचों के दर्शन हो गए.

मेरा ध्यान मोना भाभी बड़े बड़े मम्मों पर ही था.
देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

मोना भाभी मुझे देखकर हंसने लगीं और कहने लगीं- राहुल, चाय पियो, नहीं तो ठंडी हो जाएगी.

मैंने चाय पी और थोड़ी देर तक मोना भाभी से इधर उधर की बातें करके अपने कमरे पर आ गया.

उस रात मुझे नींद नहीं आई.
बस बार बार मुझे मोना भाभी के बड़े बड़े चुचे अपनी आंखों के सामने झूलते दिख रहे थे.

उस रात मैंने 2 बार अपने हथियार की मुठ मारी और भाभी के दूध सोचते सोचते सो गया.
जब सुबह हुई तो मैं मार्केट से जाकर केबल ले आया.

उस समय मोना भाभी के पति ड्यूटी पर चले गए थे और उनका बेटा स्कूल चला गया था.

मोना भाभी ने मुझसे कहा- आप बैठो मैं नहाकर आती हूँ.
मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभी, आप आराम से नहा लो, तब तक मैं यहीं बैठ कर आपका कंप्यूटर ठीक कर रहा हूँ.

उन्होंने ओके कहा और मैं भाभी के कमरे में आ गया.
मोना भाभी अपने कपड़े लेकर बाथरूम के अन्दर चली गईं और मैं बाहर बैठ कर भाभी के बाथरूम से पानी गिरने की आवाज को सुनता रहा.

तभी मैंने सोचा कि भाभी को नहाती हुई देखना चाहिए.

मैं धीरे से उठकर भाभी के बाथरूम के पास गया और बाथरूम के दरवाजे में बने एक छोटे से छेद से अन्दर देखने की कोशिश करने लगा.

मैंने देखा कि अन्दर मोना भाभी पूरी नंगी थीं और अपनी चूत को सहला रही थीं.
वे अपने मुँह से हल्की हल्की आवाज निकाल रही थीं.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी ने अपनी चूत में पानी डाला और मुँह से जोर जोर से ‘आह आह’ की आवाजें निकालने लगीं.

मैं बाहर खड़ा यह सब देखकर पूरी तरह से गर्म हो गया और मेरा लंड पैंट में ही कड़क हो गया.
तो मैं अपने लौड़े को पैंट के ऊपर से ही हाथ से सहलाता रहा.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी अपनी चूत में धीरे धीरे उंगली अन्दर बाहर करने लगीं और उनके मुँह से निकलने वाली सिसकारियां भी तेज हो गईं.
अचानक से भाभी अपनी चूत में उगंली को बहुत तेजी से अन्दर बाहर करने लगीं और जोर जोर से आह आह करने लगीं.

मैं बाहर खड़ा था तो मेरा अपने ऊपर से कन्ट्रोल करना मुश्किल हो गया.
मैंने अपने लंड को पैंट से बाहर निकाला और हिलाने लगा.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी का पानी निकल गया और वे ठंडी हो गईं.
फिर भाभी नहाने लगीं.

यह देखकर मैं दीवार से टिक कर जोर जोर से अपने लंड की मुठ मारने लगा और आंख बन्द करके मदहोश सा हो गया.

तभी अचानक भाभी ने अपने बाथरूम का दरवाजा खोला.
तो उन्होंने बाहर मुझे मुठ मारते हुए देखा.
वे मेरे लंड को देखती ही रह गईं.

अचानक से मुझे ध्यान आया कि मैं अपने घर में नहीं हूँ और किसी और के घर में हूँ.
मैं अपने लंड को जोर से दबाने लगा.

लेकिन मेरा लंड पूरे उफान पर था, तो उसमें से वीर्य निकल कर सीधा मोना भाभी की कमर पर गिर गया.

लंड झाड़ कर मैं होश में आया और आंखें खोल कर सामने देखने लगा.

मोना भाभी गुस्से में बोलीं राहुल, यह आप क्या कर रहे थे?

तो मैंने मोना भाभी से कहा- मुझे जोर से पेशाब लग रही थी और मैं बाहर आपका इंतजार कर रहा था.

भाभी हंस कर एक तरफ को हो गईं और वे अपने बदन से मेरे वीर्य को तौलिया से साफ करने लगीं.

मैं बाथरूम में घुस गया और थोड़ी देर बाद पेशाब करके बाहर आ गया.

बाहर आते ही भाभी ने पूछा- कम्प्यूटर ठीक कर दिया आपने?
मैंने कहा- बस अभी केबल लगा ही रहा हूँ भाभी.

इतना बोलकर मैंने कम्प्यूटर की केबल लगा दी और कम्प्यूटर को चालू कर दिया.
मैं उसे चैक करने लगा.

भाभी ने कहा- ओके आप अपना काम करो, जब तक मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ.

कम्प्यूटर को चालू करते ही मैंने देखा कि भाभी ने अपने कम्प्यूटर में खूब सारी ब्लू फिल्में भर रखी थीं.

मैं एक फिल्म को चालू करके देखने लगा.
कुछ देर बाद मोना भाभी चाय लेकर आ गईं.
तो वे मेरे पीछे खड़े होकर फिल्म देखने लगीं.

मैंने जब भाभी की तरफ देखा, तो भाभी शर्मा गईं और वे मुझसे सटकर बैठ गईं.

मोना भाभी के बड़े बड़े बोबे मेरे बदन से छू रहे थे, जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मुझे ऐसा लगने लगा मानो मेरा लंड पैंट को फाड़ कर बाहर आ जाएगा.

उधर कम्प्यूटर पर ब्लू फिल्म चल रही थी जिसमें लड़की नंगी होकर अपने मम्मे दबा रही थी.

कुछ देर बाद लड़की लड़के के लंड को अपने मुँह में लेकर आगे पीछे करने लगी.

मैंने मोना भाभी से कहा- आप ये सब फिल्में देखती हो?
मोना भाभी शर्मा कर बोलीं- यहां पर अकेले मन नहीं लगता और जब घर में कोई नहीं होता है, तो देख लेती हूँ.

मैंने चाय पीते पीते अपना हाथ मोना भाभी की जांघ पर रख दिया और हाथ से उनकी जांघ को सहलाने लगा.
मोना भाभी ने कुछ नहीं बोला और अपनी आंखें बंद करके मेरे हाथ के अहसास को महसूस करने लगीं.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी ने मेरे हाथ को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मम्मे पर रख दिया और मम्मे को दबाने का इशारा कर दिया.
मैं अपने दोनों हाथों से भाभी के मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.

भाभी के मुँह से हल्की हल्की आह आह निकलने लगी.

मैंने अपने होंठों को भाभी के होंठों पर रख दिया और उनको चूमने लगा.
मोना भाभी भी अपने होंठों में मेरे होंठों को लेकर मेरा साथ देने लगीं.

जब मोना भाभी गर्म हो गईं तो मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
फिर भाभी की नाईटी के ऊपर से ही मम्मों को दबाने लगा.

मोना भाभी और जोर से अपने मुँह से आह आह की आवाजें निकालने लगीं.

मैंने धीरे से मोना भाभी की नाईटी को ऊपर कर दिया.
उन्होंने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.

मैं मोना भाभी की पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत की खुशबू लेने लगा.
भाभी की चूत की खुशबू मदहोश कर देने वाली थी.

मैंने मोना भाभी की चूत को अपने होंठों से दबाया और पैंटी के ऊपर से ही उनकी रसभरी पुत्तियों को चूसने लगा.
इससे मोना भाभी ‘अअह आआह …’ की मादक सीत्कार निकालने लगीं.

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की नाईटी निकाल दी.
भाभी ने अपने मम्मों पर काली ब्रा पहन रखी थी.

मोना भाभी के बड़े बड़े बूब्स उनकी इस छोटी सी काली ब्रा में से बाहर आने के लिए मचलते दिख रहे थे.

ऐसा लग रहा था जैसे भाभी के मम्मे मुझसे बोल रहे हों कि भाईसाब हमें इस ब्रा की कैद से बाहर निकालो और अपने मुँह में भर लो.

मैंने मोना भाभी की ब्रा और पैंटी को उतार कर साईड में रख दिया.

अब भाभी बिना कपड़ों के हुस्न की एक ऐसी परी लग रही थीं जो किसी को भी कामुक कर दे.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी ने मेरे कपड़े भी उतार दिए.
अब हम दोनों मादरजात नंगे थे.

मैंने भाभी के एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और दबा कर चूसने लगा.
साथ ही मैंने अपने दूसरे हाथ को उनकी चिकनी चूत के ऊपर रखा और चूत को सहलाने लगा.

इससे मोना भाभी के मुँह से जोर की सिसकार निकली.
मैं उनको ऊपर से चूमते हुए नीचे की तरफ आने लगा.

मैंने मोना भाभी की कमर को चूमना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैं मोना भाभी की चिकनी चूत के पास जैसे ही गया, तो उनकी चूत में से पानी निकलने लगा था.

मैंने फट से चूत को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
वे आह आह करके मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगीं.

मैंने भी दोनों हाथ काम पर लगाए और मोना भाभी की चूत को खोल कर अपनी जीभ अन्दर बाहर करने लगा.
कभी कभी मोना भाभी के चूत के दाने को अपने मुँह में लेकर काट भी देता था तो मोना भाभी मीठी सी आवाज में ‘आह सी … मर गई …’ करने लग जाती थीं.

मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मोना भाभी की चूत चाटने में मुझे बेहद सुकून मिल रहा था.

अब भाभी पूरी गर्म हो गईं और वे जोर जोर से अपनी चूत को मेरे मुँह पर मारने लगीं.
साथ ही भाभी जोर जोर से सिसकारियां भी लेने लगीं और मुझसे कहने लगीं- राहुल आपने आज मेरी बरसों पुरानी तमन्ना पूरी कर दी. मेरे पति ने मेरी चूत को कभी भी मुँह से नहीं चूसा … जबकि मेरा रोज मन करता था कोई मेरी चूत को मुँह में लेकर चूसे. मेरे पति सीधे ही मेरी चूत में लंड डाल कर पानी निकाल कर सो जाते हैं. उससे मुझे मजा नहीं आता.

मोना भाभी मेरे थूक से पूरी तरह से गीली हो गई थीं.
तो भाभी ने मुझे अपनी चूत से हटाया और पलटी मारकर मेरे ऊपर आ गईं.
वे बोलीं- अब मेरी बारी है.

मोना भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
अब मेरे मुँह से आह आह की आवाजें निकलने लगीं.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी ने कहा- अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं होता राहुल … जल्दी से मेरी चूत में अपने लंड को डाल दो … नहीं तो में मर जाऊंगी.

मोना भाभी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और पेलने का इशारा किया, मैं समझ गया.

मैंने भाभी को और ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा क्योंकि मेरा लंड भी काफी देर से टाइट खड़ा था, तो दर्द करने लगा था.

मोना भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और अपनी चूत को ऊपर उठाकर लंड को चूत के मुहाने पर रखकर धीर धीरे नीचे बैठने लगीं.
इससे मेरा लंड मोना भाभी की चूत के अन्दर जाने लगा.

मुझे उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था कि काश यह वक्त यहीं रुक जाए और हमेशा पूरी जिन्दगी मेरा लंड ऐसे ही मोना भाभी की चूत में अन्दर घुसा रहे.

तभी मैंने जल्दबाजी में भाभी की चूत में एक झटके से लंड को पेल दिया.

इससे मोना भाभी की चीख निकल गई और वे बोलीं- आह मर गई … प्लीज धीरे से करो … धीरे धीरे करने में बहुत मजा आता है.

थोड़ी देर बाद मोना भाभी मेरे पूरे लंड को अपनी चूत में लेकर ऊपर नीचे होने लगीं.
भाभी को काऊगर्ल बनकर चुदने में बहुत मजा आने लगा और साथ में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
उनकी चूचियां हवा में मस्त उछल रही थीं.

कुछ ही देर बाद भाभी ‘उउई सीईई आआह अह …’ करने लगीं.

मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी मजा नहीं आ रहा है क्या?
भाभी- आह राहुल सच में आज बहुत मजा आ रहा है … आप मेरी लेते रहो आह … पूरा अन्दर तक जा रहा है.

वे इसी तरह से बड़बड़ा रही थीं और अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरे लंड को चूत में लबालब ले रही थीं.

मैं भी गांड उठा कर जोर जोर से भाभी की लेने में लगा था.

अब वे किसी रंडी की तरह जोर जोर से अपनी गांड को हिलाने लगी थीं और साथ ही मेरे गाल और होंठों को काट रही थीं.
फिर से अचानक से वे मेरे सीने पर लेट गईं और हांफने लगीं.

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से आकर भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया.
मैं मोना भाभी की पीछे से जोर जोर से चूत की चुदाई कर रहा था.

इस पोज में मुझे और मोना भाभी दोनों को बहुत मजा आ रहा था.
मैं कभी मोना भाभी को मम्मों को मसलता तो कभी अपनी उंगली को गांड में डाल देता.

मैंने भाभी को डॉगी पोजीशन में करीब दस मिनट तक चोदा और इतने में ही हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे.

इस दौरान मोना भाभी दो बार झड़ चुकी थीं और उनकी चूत से बहुत सारा पानी नीचे बह रहा था जिससे बेडशीट गीली हो गई थी.

थोड़ी देर बाद मैं मोना भाभी के ऊपर आ गया और मिशनरी पोजिशन में भाभी को चोदने लगा.
मैं कभी भाभी के होंठों पर किस करता, तो कभी गाल पर, जिससे भाभी को बहुत मजा आ रहा था.

उनकी मादक आवाजें मेरे लंड को झड़ने ही नहीं दे रही थीं.

मैंने भाभी को चोदते चोदते पूछा- भाभी, कैसा लग रहा है?
मोना भाभी आंखें बंद करके चुदाई कराती हुई बोलीं- आह उई उए आह राहुल … ऐसा मजा आज तक मुझे मेरे पति के साथ कभी नहीं आया. मेरी चूत को चोदते रहो … मेरा फिर से निकलने वाला है.

कुछ ही झटकों के बाद मोना भाभी का शरीर एकदम से अकड़ने लगा और वे जोर जोर से हिचकोले लेती हुई झड़ने लगीं.
मेरे लंड का पानी भी अब निकलने वाला हो गया था.

मैंने मोना भाभी से कहा- थोड़ी देर ऐसे ही रहो, मेरा भी निकलने वाला है … आह जल्दी बोलो … कहां निकालूँ!
मोना भाभी ने कहा- मेरी चूत में ही अपना पानी निकालना क्योंकि मुझे आपके बच्चे की मां बनना है.

मैंने मोना भाभी की चूत में लगातार जोर जोर से 20-30 धक्के लगाए और चूत में ही अपना माल निकाल दिया.
झड़ते ही मैंने भाभी को कसकर अपनी बांहों में ले लिया.

करीब 20 मिनट तक मोना भाभी मुझसे चिपकी रहीं और खुश होकर मुझे होंठों पर चुम्बन करने लगीं.

मोना भाभी मुझसे कहने लगीं- राहुल, यह बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी बदनामी हो जाएगी. मुझे आपको देखते ही आपसे चुदने की इच्छा हो गई थी. इसलिए आपसे चुदे बिना नहीं रहा गया.

मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं यह बात किसी को नहीं बताऊंगा. आप बस मुझे देते रहना!
वे हंस कर बोलीं- क्या देती रहूँ?
मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा- यह वाला छेद!
भाभी हंस कर मुझसे लिपट गईं और बोलीं- अब तो यह मोना आपके लौड़े की गुलाम हो गई है!

उसके बाद मैंने कई बार भाभी की चूत और गांड दोनों को खूब चोदा और उनको अपने बच्चे की मां बना दिया.
कुछ दिनों बाद मैं वापस अपने शहर कोटा राजस्थान में आ गया.

अब कभी कभी जयपुर जाता हूँ तो अभी भी भाभी को चोदता हूँ और मजे लेता हूँ.

भाभी की गांड चुदाई की कहानी को मैं बाद में लिखूंगा.

अर्न्तवासना पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है दोस्तो, आपको कैसी लगी न्यूड भाभी वांट फक स्टोरी?
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