मेरी चालू बीवी-38

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इमरान
नलिनी भाभी- हाँ एक बार मैंने भी देखा था… हाआआअह्हह्हह…
मैं – क्याआआआआआ बताओ न…
नलिनी भाभी – हाँ अह्ह्ह्हाआ हाँ… अह्ह… उफ़्फ़… मजा आ रहा है…
मेरा लण्ड एक लयबद्ध तरीके से नलिनी भाभी की मस्त चूत में अठखेलियाँ कर रहा था, मैं अपने हाथों से उनकी चूचियों को मसल रहा था, कभी हल्के से तो कभी पूरी कसकर…कभी कभी मैं उनके चुचूक भी अपनी अंगुली और अंगूठे की साहयता से मसल देता…
नलिनी भाभी लगातार सिसकारियां भर रही थीं- अह्ह्ह्ह्हाआआआ… ओह… ह्ह्ह… उफ़्फ़्फ़्फ़… अह्ह्हाआआ…
मेरे होंठ सूखने लगे… मैं उनके लाल होंठों को चूसना चाह रहा था… बस यही करने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी, मैं आगे बढ़कर उनके होंठो को अपने मुँह में नहीं ले पा रहा था…
शायद इसलिए क्योंकि भाभी मुझसे उम्र में बड़ी थी…
तभी भाभी ने आगे को बढ़कर अपना सर आगे किया, मुझे अपनी और झुकाया और मेरे होंठो को चूम लिया…
शायद इसीलिए सेक्स करने के बाद हम लोग इतना करीब आ जाते हैं… एक दूसरे की भावनाओं को कितना जल्दी समझ जाते हैं…
मैं भाभी के होंटों को चूसने लगा…
तभी भाभी ने कसकर मुझे पकड़ लिया और मुझे अपने लण्ड पर गर्म गर्म अहसास हुआ…
नलिनी भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया था…
नलिनी भाभी- अह्ह्ह्ह्हाआआ… अह्ह्ह्ह… ह्ह्ह… ओह… नहीईइइइइइइइइइइइ… अह्ह्ह्ह… अह्ह्हह्ह्ह… आआआअ…
वो कसकर मुझे चिपकाये थीं… मेरा लण्ड उनकी चूत में पूरी तरह कसा था…
मैंने भी उनकी चूचियों को पकड़ा, फिर से खड़ा हुआ और तेज तेज धक्के दिए…
अब मेरा भी निकलने वाला था… मैंने अपना लण्ड बाहर निकालने के लिए पीछे हट ही रहा था कि…
नलिनी भाभी- ओह नहींईईईईई अंदर ही डाल दो… बहुत दिन से इसको पानी नहीं लगा है… जल्दी करो ओ ओ ओ आआअ…
मैं- ओह अह्ह्ह्ह्ह्ह… अगर कुछ रुक गया तो…क्या होगा???
नलिनी भाभी- अह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह कुछ नहीं होगा… मैं अब इस मजे को नहीं जाने दूंगी… अह्ह्ह्ह्ह…
और मैंने उनको कसकर पकड़ लिया… मेरे लण्ड से पिचकारी निकलने लगी जो एक के बाद एक उनके चूत में जा रही थीं…
भाभी मस्ती से आँखें बंद किये मेरी हर पिचकारी का आनन्द ले रही थी…
नलिनी भाभी- अह्ह्ह्हह… आज तूने अपनी भाभी को तृप्त कर दिया अंकुर… आज से ये अब तेरी है… तू इसका ध्यान रखना… नियम से इसमें पानी डालते रहना…
मैं- हाँ हाँ भाभी… अब तो मेरा लण्ड भी आपको नहीं छोड़ेगा… कितनी प्यारी हो आप… और आपकी यह चूत… आई लव यू भाभी…

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नलिनी भाभी- आई लव यू टू… पुच पुच
उन्होंने मेरे सब जगह चूम लिया…
सच बहुत हॉट है नलिनी भाभी…
अब लण्ड से पानी निकलने के बाद मुझे सलोनी की याद आई…
भाभी नंगी अपने चूतड़ों की ओर से कपड़ा डाल अपनी चूत साफ़ कर रही थी…
“भाभी और क्या देखा था आपने? अंकल ने भी सलोनी को चोद दिया है ना? मुझे तो ऐसा ही लगता है…!”
नलिनी भाभी- अरे नहीं रे… ऐसा तो मुझे नहीं लगता… पर हाँ दोनों एक दूसरे को नंगा देख चुके हैं… चुम्मा चाटी भी होती रहती है…
मैं- अरे आपने क्या देखा वो बताओ ना…??
नलिनी भाभी- अब तू फिर जाकर लड़ेगा ना सलोनी से…
मैं- अरे अब मैं क्यों लड़ूंगा…?? मुझे तो इतनी प्यारी भाभी मिल गई ना अब चोदने के लिए…
नलिनी भाभी- ओ हाँ… सुन मैंने 2-3 बार उनको चूमते हुए देखा है…
मैं- बस स्स्स्स्स्स्स? वो तो मैंने कितनी बार देखा है… वो तो जब भी आते हैं…मेरे सामने ही सलोनी के गालों को चूमते हैं… ये तो अलग बात हुई ना…
नलिनी भाभी- अरे वैसे नहीं पागल… एक बार जब मैं गैलरी में थी तो तुम्हारे अंकल सलोनी के पास ही गए थे… मैंने वैसे ही रसोई में झांक लिया तो तुम्हारे अंकल सलोनी को चिपकाये उसके होंठों को चूस रहे थे…
।मैं- बस इतना ही ना…
नलिनी भाभी- और उनके हाथ सलोनी के नंगे चूतड़ों पर थे…जिनको वो मसल रहे थे… तुमको तो पता ही है कि वो कितनी छोटी गाउन पहनती है और कच्छी पहनती नहीं है… या हो सकता है कि इन्होंने उतार दी हो…
मैं- तो फिर तो आगे भी कुछ किया होगा उन्होंने…
नलिनी भाभी- मुझे भी यही लगा था… पर फिर कुछ देर बाद ही ये वापस आ गए थे…
मैं- और क्या क्या देखा आपने??
नलिनी भाभी- बस ऐसा ही कुछ और भी देखा था… फिर बाद में बता दूंगी…
उन्होंने अपनी पजामी सीधी कर पहनते हुए कहा…
मुझे भी अब सलोनी को देखने की इच्छा होने लगी थी…
मैंने मोबाइल निकाल समय देखा… करीब आधा घंटा मुझे घर से निकले हो गया था… मधु भी वहाँ थी तो अरविन्द अंकल सलोनी से ज्यादा मजा तो नहीं ले पाये होंगे… और मैंने तो यहाँ पूरा काम ही कर दिया था…
पर कहीं ना कहीं दिल सलोनी के बारे में जानने को कर रहा था…
तभी नलिनी भाभी ने मेरे लण्ड को भी कपड़े से साफ़ किया… फिर उसको चूमकर मेरी पैंट में कर दिया…
मैंने उनको चूमा और वहाँ से निकल आया…
मैंने अपने फ्लैट की ओर देखा… दरवाजा बंद था…
कहानी जारी रहेगी।
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